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जेल से छूटने के बाद पंचायत सचिव निलंबित
मोतिहारी : शिक्षक नियोजन फोल्डर जमा करने में लापरवाही को ले पंचायत सेवक जेल गये. निकलने के बाद योगदान दिया. योगदान के दो माह बाद विभाग द्वारा की गयी है निलंबन की कार्रवाई. मामला जिले के पताही प्रखंड का है. मिली जानकारी के अनुसार बलुआ, बखरी और नोनफरवा के पंचायत सचिव शंभू प्रसाद सिंह को […]
मोतिहारी : शिक्षक नियोजन फोल्डर जमा करने में लापरवाही को ले पंचायत सेवक जेल गये. निकलने के बाद योगदान दिया. योगदान के दो माह बाद विभाग द्वारा की गयी है निलंबन की कार्रवाई. मामला जिले के पताही प्रखंड का है. मिली जानकारी के अनुसार बलुआ, बखरी और नोनफरवा के पंचायत सचिव शंभू प्रसाद सिंह को अभिलेख जमा नहीं करने के आरोप में पताही पुलिस द्वारा 19 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
नियमानुसार किसी भी कर्मचारी या अधिकारी के जेल जाने के बाद संबंधित अधिकारी द्वारा निलंबन की कार्रवाई होती है, लेकिन इसमें माजरा कुछ अलग है. जेल गये पंचायत सचिव शंभू प्रसाद सिंह 26 अक्तूबर को जेल से कानूनी प्रक्रिया पूरी कर बाहर आये और 29 अक्तूबर को पताही में पुन: योगदान किया. संचिका भी निष्पादित करते रहे. लेकिन स्थानीय बीडीओ के स्तर पर तत्काल कोई कार्रवाई नहीं करना सवालों के घेरे में है. इधर पत्रांक 1623 दिनांक तीन नवंबर की तिथि में पंचायत सचिव के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गयी है. गिरफ्तार 19 अक्तूबर को हुए. बीडीओ द्वारा 30 अक्तूबर को जिला पंचायत कार्यालय को पत्रांक 478 के तहत सूचना दी गयी. पूछने पर पकड़ीदयाल एसडीओ शैलेश कुमार ने बताया कि निलंबन गिरफ्तारी अवधि से मानी जायेगी. लेकिन विलंब से सूचना देना गंभीर मामला है. पूरे मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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