समस्या. नप के ज्यादातर मोहल्लों में रात के समय छाया रहता है अंधेरा
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शहर में एलइडी लाइट लगाने की योजना फाइलों में कैद
समस्या. नप के ज्यादातर मोहल्लों में रात के समय छाया रहता है अंधेरा नगर परिषद के मोतिहारी के अधिकारियों व कार्य एजेंसी की उदासीनता के कारण शहर में एलइडी लाइट लगाने की योजना फ्लॉप साबित हो रही है. पूर्व में लगे स्ट्रीट लाइट बूझ गये हैं तो कहीं चौक चौराहों पर दिखावे की वस्तु बनकर […]
नगर परिषद के मोतिहारी के अधिकारियों व कार्य एजेंसी की उदासीनता के कारण शहर में एलइडी लाइट लगाने की योजना फ्लॉप साबित हो रही है. पूर्व में लगे स्ट्रीट लाइट बूझ गये हैं तो कहीं चौक चौराहों पर दिखावे की वस्तु बनकर रह गयी है .
मोतिहारी : नगर परिषद मोतिहारी में स्ट्रीट लाइट बूझ जाने या खराब हो जाने के बाद करीब 60 लाख की लागत से प्रधान पथ व मोहल्लों में एलइडी लाइट लगाने की योजना दो वर्ष पूर्व बनी.
बाेर्ड की बैठक में यह योजना को पारित भी हुआ. करीब प्रत्येक बोर्ड की बैठक में एलइडी लाइट लगाने में विलंब को ले आवाज भी उठती है जो अब तक नकारखाने में तूती की आवाज साबित हो सही है. नप के मुख्य पार्षद प्रशासनिक उदासीनता को जिम्मेदार ठहराते हैं. इधर कई प्रशासनिक अधिकारी बदले भी, लेकिन शहर से अंधेरा नहीं मिटा सके. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद या नगर पंचायत जनहित का कार्य करने के लिए स्वतंत्र है.
बार-बार लग रहे लाइट के फ्यूज हाेने के कारण एलइडी लाइट लगाने की योजना पारित हुई थी जो अब तक धरातल पर नहीं उतर सकी है. वर्तमान में भी फाइलों में रोशनी फैला रही है. देखना है कि मोतिहारी शहर में एलइडी लाइट की रोशनी फाइल से कब धरातल पर फैलेगी रही है. पूर्व में 15 लाख की लागत से लगी स्ट्रीट लाइट बूझ गयी है या पोल पर झूल
रहीं है.
ढाका व चकिया नपं बना मिसाल
एलइडी लाइट लगाने के मामले में मोतिहारी नगर परिषद दो साल से कछुए की चाल चल रहा है. जबकि ढाका नगर पंचायत व चकिया नगर पंचायत में एलइडी लाइट की चकाचौंध शाम ढलते फैल जाती है. पूछने पर ढाका के कार्यपालक अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि ढाका नपं में करीब 480 एलइडी लाइट लगे हैं जो करीब 80 लाख की है. शहर व मोहल्लों में शाम ढलते रोशनी की चकाचौंध फैल जाती है. यहां के लोगों को अब रात में सड़क पर अंधेरे का सामना नहीं करना पड़ता.
दो वर्ष पूर्व बोर्ड की बैठक में एलइडी लगाने की योजना हुई थी पारित
एलइडी लगाने में विलंब को ले कई बैठकों में उठे हैं सवाल
एलइडी लाइट के लिए 60 लाख रुपये भी कोष में है जमा
पास के ढाका व चकिया नपं में एलइडी लाइट की है चकाचौंध.
क्या कहते हैं अधिकारी
एलइडी लाइट लगाने की योजना दो वर्ष पूर्व बोर्ड के बैठक में पारित
हो चुकी है. कई बैठकों में इसके लिए आवाज भी पार्षदों ने उठायी. यह प्रशासनिक उदासीनता का नमूना है. इसके लिए अब वरीय अधिकारियों से वार्ता
की जायेगी.
प्रकाश अस्थाना, मुख्य पार्षद,नप मोतिहारी
15 लाख की स्ट्रीट लाइट योजना का लाभ नहीं
तत्कालीन जिलाधिकारी शिव कुमार के प्रयास से शहर के चौक चौराहों पर एक साथ 10-12 स्ट्रीट लाइट व प्रधान पथों में पोल पर स्ट्रीट लगाने की योजना बनी, राशि तत्कालीन विधायक महेश्वर सिंह के कोष से ली गयी. जगह-जगह लाइट लगे भी. बलुआ चौक व गांधी चौक टावर पर लगे लाइट के अवशेष इसके उदाहरण है . कुछ दिन जलने के बाद सभी बूझ गये. कुछ गड़बड़ी की शिकायत पर तत्कालीन डीएम ने जांच टीम गठित कर रिपोर्ट भी मांगी, जो आज तक फाइलों में कैद है. लोग उसी तरह वर्तमान स्ट्रीट लाइट योजना का हश्र बता रहे हैं.
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