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नौ जून से लगातार मांगी जा रही रंगदारी
कबाड़ व्यवसायी को अपराधियों ने धमकाया, पुलिस-प्रशासन बेपरवाह नौ जून को कबाड़ व्यवसायी आशुतोष कुमार से अपराधियों ने फोन कर रंगदारी मांगी. उसी दिन शहर के मुख्यपथ स्थित पंकज स्वीट्स के सामने अपराधियों ने बम फोड़ा था. पंकज स्वीट्स के मालिक ने पुलिस के पास नहीं जाना मुनासिब समझा और बम विस्फोट के संबंध में […]
कबाड़ व्यवसायी को अपराधियों ने धमकाया, पुलिस-प्रशासन बेपरवाह
नौ जून को कबाड़ व्यवसायी आशुतोष कुमार से अपराधियों ने फोन कर रंगदारी मांगी. उसी दिन शहर के मुख्यपथ स्थित पंकज स्वीट्स के सामने अपराधियों ने बम फोड़ा था. पंकज स्वीट्स के मालिक ने पुलिस के पास नहीं जाना मुनासिब समझा और बम विस्फोट के संबंध में कोई आवेदन तक नहीं दिया.
जबकि आशुतोष ने नौ जून को ही आवेदन दिया और 13 जून को थाना में मामला दर्ज किया गया. तब से अपराधी लगातार फोन कर रंगदारी मांग रहे हैं और पुलिस अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर पायी है. इस घटना से व्यवसायियों में यह चर्चा है कि पंकज स्वीट्स के मालिक का रास्ता बेहतर था और आशुतोष परेशान होने वाले रास्ते पर चल पड़े हैं.
रक्सौल : कबाड़ व्यवसायी आशुतोष कुमार से बीते नौ जून से ही लगातार फोन कर अपराधी दो लाख की रंगदारी मांग रहे हैं. 13 जून को थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी, लेकिन जहां एक तरफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही, वहीं दूसरी तरफ अपराधी लगातार धमकी दे रहे हैं और कह रहे हैं कि पुलिस में जाने से कुछ नहीं होगा.
पैसा दो नहीं तो पंकज स्वीट्स जैसा हाल कर देंगे. इससे व्यवसायी आशुतोष कुमार का परिवार भय के माहौल में जीने को विवश है. व्यवसायी ने बताया कि उसके मोबाइल पर अपराधी 7898933351 नंबर से फोन कर पहली दफा नौ जून को रंगदारी की मांग की. उसके बाद लगातार फोन करता रहा. 13 जून को थाना में कांड संख्या 143/15 दर्ज कराया गया. उसके बाद अपराधी ने फोन कर कहा कि पुलिस में जाने से कुछ नहीं होगा. रंगदारी देना ही होगा.
वरना जान से हाथ धोना होगा. इसके बाद व्यवसायी ने अपना नंबर बंद कर दिया. 21 जून को जब उसने अपना नंबर फिर से चालू किया तो 21 जून को लगभग 10:30 बजे अपराधी जो खुद का नाम रवि सिंह बताता है, ने फोन किया और कहा कि तुमने देखा नहीं कि पंकज स्वीट्स पर बम चला. वह भी पहले नहीं मान रहा था. वहीं हाल तुम्हारा भी करेंगे.
पुन: 22 जून को 8:30 बजे फोन किया और फिर से जान मारने की धमकी दी. दूसरी तरफ पुलिस से कोई मदद नहीं मिलने की बात कही. पहले एफआइआर दर्ज करने में ही परेशान किया गया. अब जबकि अपराधी का नंबर लगातार चालू है और वह धमकी दे रहा है तब भी पुलिस कुछ नहीं कर रही है.
नौ जून को पंकज स्वीट्स पर बमबाजी
नौ जून को ही पंकज स्वीट्स के सामने अपराधियों ने बम विस्फोट किया था. बम विस्फोट के घटना के बाद पंकज स्वीट्स के मालिक द्वारा पुलिस को आवेदन तक नहीं दिया गया.
ऐसा माना जा रहा है कि पंकज स्वीट्स के मालिक पुलिस में इसलिए नहीं गया की पुलिस में जाने से कुछ नहीं होता और अब वे निश्ंिचत हैं. जबकि कबाड़ व्यवसायी पुलिस में गये और पुलिस से उम्मीद किये और लगातार परेशान हैं.
सीडीआर आने के बाद होगी कार्रवाई
कांड के आइओ मनोज कुमार ने कहा कि सीडीआर के लिए एसपी को भेजा गया है. सीडीआर आने के बाद कार्रवाई की जायेगी. जब उनसे पूछा गया की सीडीआर कितने दिनों में आता है तो कहा कि आता रहता है. टेक्निकल मामला है. उन्होंने बताया कि नौ जून को ही सीडीआर के लिए भेजा गया था.
जबकि 13 जून को प्राथमिकी दर्ज है. कहा कि शिकायत मिलने के बाद सत्यापन किया गया. उसके बाद 13 जून को प्राथमिकी दर्ज की गयी. लगातार फोन आने और अपराधी का नंबर खुला रहने के संबंध में कहा कि सीडीआर के साथ कैश आता है. उससे ही पहचान होती है. यानी अपराधी कुछ अनहोनी कर दे तो पुलिस पहुंच कर जांच शुरू करेगी.
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