रक्सौल : यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो पांच साल के लंबे इंतजार के बाद नरकटियागंज से गोखुला, सिकटा, भेलाही रेललाइन पर परिचालन अगस्त से शुरू हो जायेगा. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गयी है. रेललाइन का निर्माण कार्य पहले ही हो चुका है. पुल का भी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. निर्माण विभाग, सिग्नल विभाग, टेलीकॉम विभाग, परिचालन विभाग सभी लाइन को शुरू करने के लिए काम को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के निर्माण विभाग पटना महेंद्रू घाट के द्वारा रेलवे लाइन पर परिचालन की अनुमति देने के लिए कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी पूर्व कोलकाता के पास फाइल को भेज दिया गया है. इससे सीमाई इलाके में रहनेवाले भारत और नेपाल दोनों देश के लोगों को इसका लाभ मिलेगा.
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रक्सौल-नरकटियागंज रेलखंड पर अगस्त से दौड़ेंगी ट्रेनें
रक्सौल : यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो पांच साल के लंबे इंतजार के बाद नरकटियागंज से गोखुला, सिकटा, भेलाही रेललाइन पर परिचालन अगस्त से शुरू हो जायेगा. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गयी है. रेललाइन का निर्माण कार्य पहले ही हो चुका है. पुल का भी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. […]
जुलाई महीने में नन-इंटरलॉकिंग : सीआरएस को फाइल भेजने के साथ ही रक्सौल-नरकटियागंज के बीच बनी नयी बड़ी लाइन को रक्सौल-सीतामढ़ी और रक्सौल सुगौली रूट से जोड़ने के लिए नन इंटरलॉकिंग का कार्य किया जायेगा. जुलाई महीने के अंत में इस रूट पर नन-इंटरलॉकिंग का काम किया जायेगा. निर्माण विभाग, सिग्नल विभाग, परिचालन विभाग के अधिकारी इसको लेकर आपसी सहमती बना रहा है कि कब से नन इंटरलॉकिंग का कार्य शुरू किया जाये. नन इंटरलॉकिंग का काम लगभग एक सप्ताह तक चलेगा इस दौरान रक्सौल से चलने वाली कुछ प्रमुख ट्रेनें रद्द रह सकती है.
सीआरएस अनुमति के बाद होगा परिचालन : कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी के निरीक्षण के बाद ही इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा. सीआरएस निरीक्षण में लाइन को फिट फॉर रन का सर्टिफिकेट मिलता है इसके साथ ही इस रूट पर ट्रेन किस गति से चलेगी इसका भी निर्धारण सीआरएस ही करते हैं. जुलाई के अंतिम से अगस्त के पहले सप्ताह तक सीआरएस होने की पूरी संभावना है. सीआरएस होने के बाद अनुमति मिलते ही अगस्त माह के दूसरे सप्ताह से रक्सौल से नरकटियागंज के बीच ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जायेगा. इससे रक्सौल, भेलाही, कंगली, सिकटा, मरजदवा, गोखुला आदि इलाकों के लोगों को लाभ मिलेगा.
2014 से बंद है रेल लाइन
रक्सौल-नरकटियागंज के बीच अप्रैल 2014 से मेगा ब्लॉक लिया गया है. एक साल में जिस परियोजना को पूरा होना था, उसको पूरा होते-होते पांच साल से अधिक का वक्त लग चुका है. इस देरी से लोगों के अंदर व्यवस्था के प्रति काफी आक्रोश भी है. अब इसके परिचालन शुरू होने की खबरें आ रही है तो लोगों ने राहत की सांस ली है. लेकिन इससे पूर्व में आयी परेशानियों को भी लोग भूल नहीं पा रहे हैं.
सीआरएस जांच के लिए कोलकाता भेजी गयी फाइल जुलाई के अंत में होगा नन इंटरलॉकिंग का काम
अप्रैल 2014 से ही आमान परिवर्तन के लिए बंद है रक्सौल नरकटियागंज रेल लाइन
आमान परिवर्तन
कुल दूरी : 42 किलोमीटर
कुल स्टेशन : 6 (2 हॉल्ट)
बड़े पुलों की संख्या : 22
छोटे पुलों की संख्या : 31
गुवाहटी से दिल्ली को मिलेगा डायरेक्ट रूट
इस रेल लाइन के चालू होने के बाद उत्तर पूर्व में गुवाहटी से दिल्ली को जोड़ने के लिए सबसे कम दूरी का रूट हाे जायेगा. जिससे उत्तर पूर्व से लंबी दूरी का फेरा लगा कर चलने वाली गाड़ियां कम समय से दिल्ली पहुंच सकेगी. इसके साथ ही रक्सौल से नरकटियागंज के बीच इस रूट पर सड़क मार्ग भी सही नहीं है, ऐसे में ट्रेन का परिचालन शुरू हो जाने के बाद से इस इलाके में रहने वाले लोगों को आवागमन में सुविधा हो सकेगी.
अगस्त में रेललाइन को चालू करने का टास्क दिया गया है. सीआरएस के लिए फाइल भेजी गयी है. सभी विभाग जल्द से जल्द अपना काम पूरा कर रहे हैं.
आलोक कंचल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, पूमरे हाजीपुर
रक्सौल-नरकटियागंज को जल्द शुरू किया जाना है. इसको लेकर एनआइ का काम जुलाई के अंत में कराया जायेगा.
रूपेश कुमार, मुख्य परिचालन प्रबंधक, पूमरे समस्तीपुर
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