बक्सर : बक्सर जिले के नदांव गांव के रहनेवाले संदीप केसरी ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सीएपीएफ की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर यह साबित कर दिया कि मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है. बक्सर सदर प्रखंड के नंदाव गांव के रहनेवाले संदीप केसरी ने पैरामिलिटरी में असिस्टेंट कमांडेंट बनकर अपने ख्वाब को हकीकत में बदल डाला है. उसने पहले प्रयास में यूपीएससी कैंप में 109वां रैंक हासिल कर बक्सर का मान बढ़ाया है. संदीप का पूरा परिवार इस खुशी पर फूले नहीं समा रहा है. क्योंकि घर का लाल अब असिस्टेंट कमाडेंट बन गया है.
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किसान का बेटा बना पैरामिलिटरी में असिस्टेंट कमांडेंट
बक्सर : बक्सर जिले के नदांव गांव के रहनेवाले संदीप केसरी ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सीएपीएफ की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर यह साबित कर दिया कि मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है. बक्सर सदर प्रखंड के […]
नदांव का है मूल निवासी : संदीप बक्सर के नदांव गांव के रहनेवाले राजेंद्र प्रसाद केसरी के छोटे बेटे हैं. कहा जाता है कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति और मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो पूरी कायनात आपको सफलता दिलाने में लग जाती हैं. संदीप बक्सर में रहकर वर्ष 2006 में सरस्वती विद्या मंदिर से 90 प्रतिशत अंक लाकर मैट्रिक की परीक्षा पास की. जब उसने मैट्रिक की परीक्षा पास की, तो घरवालों को विश्वास हो गया था कि संदीप कुछ करेगा. तब उसके पिता ने संदीप को आगे की पढ़ाई करने के लिए डीपीएस रांची में नामांकन कराया. वर्ष 2008 में संदीप ने इंटर में 82 प्रतिशत अंक लाकर अपने परिजनों का विश्वास को और बढ़ा दिया.
सफलता का श्रेय परिवार व दोस्तों को : संदीप ने कहा कि उसके परिवारवालों के चलते वह इतना आगे बढा है. कहा कि पढ़ाने में मेरे पिता और बड़े भाई प्रदीप केसरी का अहम योगदान है. मैं जब भी आगे पढ़ने की बात करता था. मेरे भाई और पिता कभी पीछे नहीं हटते थे. उन्होंने बताया कि उसके दोस्त राहुल कुमार ने उसे हरदम प्रेरणा देते रहता था. राहुल विगत वर्ष आइएएस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर बक्सर जिले का मान बढ़ाया था.
साधारण परिवेश में पैदा हुए संदीप ने यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में पायी सफलता
2009 में रुड़की से आइआइटी में लिया था दाखिला
संदीप के पढ़ाई के प्रति लगन को देखते हुए उसके बड़े भाई प्रदीप केसरी ने उसे आगे पढ़ाने की मुहिम जारी रखी. वर्ष 2009 में संदीप ने आइआइटी की परीक्षा पास कर अपनी टैलेंट क्षमता का परिचय दिया. वर्ष 2013 में आइआइटी रूड़की से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग करने के बाद पढ़ाई के लिए पीछे नहीं हटा और पढ़ने के लिए दिल्ली चला गया. संदीप ने अपने परिवारवालों को और खुशी देने की ठान ली और उसने यूपीएससी परीक्षा में 109 वां रैक लाकर परिवारोंवालों के साथ जिले का भी मान बढ़ा दिया.
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