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गंगा के जल स्तर में फिर उफान प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

दहशत. खतरे के निशान से 3.16 मीटर नीचे बह रहा पानी विभाग ने तटबंधों की निगरानी की तेज 24 घंटे तक गंगा के जल स्तर में और आयेगी तेजी बक्सर : बनारस और इलाहाबाद में गंगा का जल स्तर बढ़ने के साथ ही बक्सर में भी गंगा के जल स्तर में रविवार को भारी वृद्धि […]

दहशत. खतरे के निशान से 3.16 मीटर नीचे बह रहा पानी

विभाग ने तटबंधों की निगरानी की तेज
24 घंटे तक गंगा के जल स्तर में और आयेगी तेजी
बक्सर : बनारस और इलाहाबाद में गंगा का जल स्तर बढ़ने के साथ ही बक्सर में भी गंगा के जल स्तर में रविवार को भारी वृद्धि दर्ज की गयी है. गंगा के जल स्तर बढ़ने से अब बाढ़ क्षेत्र में आनेवाले गांवों के लोगों की धड़कन भी बढ़ने लगी हैं. इसको लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. पानी में लगातार हो रही वृद्धि से प्रशासन के साथ-साथ तटतीय इलाकों में बसे गांवों के लोगों की नींद हराम हो गयी है. पिछले कई दिनों से गंगा का जलस्तर स्थिर था, लेकिन शनिवार से गंगा के जल स्तर में वृद्धि होने लगा है़ विभाग के अनुसार रविवार को जल स्तर 57.41 मीटर दर्ज की गयी है. गंगा खतरे के निशान से महज 3.16 मीटर व चेतावनी स्तर से 2.16 मीटर नीचे बह रही है.
इस बाबत बाढ़ नियंत्रण के कार्यपालक अभियंता सिद्धेश्वर साह ने बताया कि जल स्तर में बढ़ोतरी होने के साथ ही तटों की निगरानी बढ़ा दी गयी है. इसको लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. तटबंधों की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है. इसके अलावे जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रमंडल विभाग, सभी एसडीओ, बीडीओ व सीओ को अलर्ट जारी कर दिया. पिछले एक सप्ताह में गंगा का जल स्तर में कमी दर्ज की गयी थी, लेकिन शनिवार से गंगा के जल स्तर में वृद्धि होने लगी है.
बाढ़ से ग्रस्त हैं पांच प्रखंडों के 40 गांव : बाढ़ से जिले में बक्सर, चौसा, सिमरी, ब्रह्मपुर एवं चक्की प्रखंड के लगभग 28 ग्राम पंचायतें परेशान होती हैं. इन ग्राम पंचायतों में 40 गांव शामिल हैं, जिसमें लगभग 78 हजार 500 की आबादी निवास करती है. आंकड़ों के अनुसार इन गांवों में 36 शरणास्थलियों को चयनित कर लिया गया है. इनमें बक्सर के 16, चौसा एवं सिमरी के 7-7, ब्रह्मपुर के पांच तथा चक्की में एक शरणा स्थल निर्धारित किये गये हैं.
तटबंध की सतत निगरानी करें :
डीएम रमण कुमार ने तटबंधों की सतत निगरानी करने का निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि जिले में गंगा का तटबंध 52 किलोमीटर तक फैला है. प्रत्येक एक किलोमीटर में 1-1 होमगार्ड के जवान तैनात किये गये हैं. इसके अलावा डीएम ने मानव दवा, पशु दवा, अनाज का भंडारन, पशु चारे की व्यवस्था, सर्पदंश से बचाव की दवा तथा डायरिया की दवा, शरण स्थलों की पहचान कर वहां आवश्यक सुविधाएं जैसे पेयजल, शौचालय की व्यवस्था करने तैयार करने को कहा है.

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