अनदेखी. काले व पीले हिरनों की प्रजाति मिलती है बक्सर में
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हिरनों की सुरक्षा में वन विभाग सुस्त
अनदेखी. काले व पीले हिरनों की प्रजाति मिलती है बक्सर में हिरन को मारनेवालों पर वन अधिनियम के तहत होती है कार्रवाई, पर बक्सर में अब तक कोई गिरफ्तार नहीं बक्सर : बिहार में हिरनों की कई प्रजाति रहती हैं, जिनकी हत्या करने पर वन कानून के तहत न सिर्फ जेल और अर्थदंड की सजा […]
हिरन को मारनेवालों पर वन अधिनियम के तहत होती है कार्रवाई, पर बक्सर में अब तक कोई गिरफ्तार नहीं
बक्सर : बिहार में हिरनों की कई प्रजाति रहती हैं, जिनकी हत्या करने पर वन कानून के तहत न सिर्फ जेल और अर्थदंड की सजा है, बल्कि कई और सजाएं परिस्थितियों के हिसाब से दी जा सकती हैं.
लेकिन, बक्सर जिले में इन हिरनों की जान को लेकर वन विभाग कतई सतर्क नहीं है़ जबकि इनके संरक्षण के लिए जंगलों में वन विभाग को पानी की व्यवस्था करने सहित अन्य चीजों के लिए सरकार से पैसे भी मिलते हैं़ लेकिन बक्सर वन विभाग कभी कभार इनके लिए नमक के बड़े हिस्से की पोटली बना कर रख देता है,
जो हिरनों के लिए पसंदीदा होता है. बिहार के बक्सर जिले में हिरनों की संख्या तीन वर्ष पूर्व कराये गये सर्वे में करीब 1500 आंकी गयी थी, मगर सर्वे का काम विभागीय स्तर पर पूरा नहीं होने से इसका, जो बाद में बीच में ही छोड़ दिया गया़
कितने तरह की है प्रजाति : हिरन की प्रजाति बिहार के जंगली हिस्सों में प्राय: मिल जाती है. पीला और काले धब्बेवाले हिरनों की अधिकता ग्रामीण क्षेत्रों में मिलती है, मगर मैदानी इलाकों में काले हिरनों की संख्या जिसे वन विभाग ने ब्लैक बॉक्स का नाम दिया है, वह बक्सर मिलती है. बक्सर के मैदानी भाग में कैमूर से भाग कर आये शरण लेनेवाले हिरन अब तक वापस नहीं जा पाये हैं. इसके अतिरिक्त हिरनों की अन्य प्रजातियां भी बिहार में हैं.
कैमूर, रोहतास तथा उत्तर बिहार के नेपाल से सटे जंगली क्षेत्रों में हिरनों की प्रजाति बड़ी संख्या में पायी जाती है, जिसमें वरसिंघा भी यहां पाया जाता है. इसके अतिरिक्त सफेद हिरन की प्रजाति दुर्लभ हो चुकी है, जो बिहार और झारखंड से लुप्त हो गयी है. वन विभाग के अधिकारियों की मानें, तो गुजरात राजस्थान और नेपाल के क्षेत्रों में सफेद हिरण गिनती के बचे हैं.
वन विभाग कैसे करता है संरक्षण : वन विभाग दुर्लभ हिरन प्रजाति को बचाने के लिए अब तक सर्वे नहीं कर पाया है, पर ग्रामीणों के द्वारा मिले संदेशों का आंकलन करके पाये जानेवाले स्थानों को चिह्नित कर इनके संरक्षण के लिए उन क्षेत्रों में पानी पीने की व्यवस्था जगह-जगह वन विभाग कर देता है. इसके अतिरिक्त ग्रामीण भी बोरिंग के पानी को गड्ढा बना कर मैदान में जमा कर उसके संरक्षण का काम करते हैं और गांव के लोग बाल्टी में पानी रख कर भी हिरन को बचाने के लिए काम करते हैं.
खाने के लिए वन विभाग देता है नमक : वन विभाग की ओर से हिरन की प्रजाति के लिए पसंदीदा माने जानेवाले खाद्य सामग्री नमक को जगह-जगह पोटली बना कर अथवा उसकी बड़ी आकृति बना कर छोड़ दिया जाता है, ताकि उसे खाकर वह जीवित रह सकें. इसके अतिरिक्त खेतों की फसल रबी और खरीफ के साथ चना, मसूर को भी पसंद के रूप में हिरन ग्रहण करते हैं.
सलमान फंसे हैं हिरण हत्या के मामले में : राजस्थान में हम साथ-साथ हैं कि शूटिंग के दौरान फिल्म स्टार सलमान खान ने एक हिरण की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से फिल्म स्टार आज तक जमानत पर हैं. जानकारी के अनुसार राजस्थान में आदिवासी संप्रदाय के वैष्णवी समाज के लोग हिरन की पूजा करते हैं और उन्हीं लोगों ने यह मामला उनके खिलाफ दर्ज कराया था.
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