मुरगा व्यवसायी हत्याकांड . पति के श्राद्धकर्म पर पत्नी ने कहा, जल्द हो हत्यारों की गिरफ्तारी
परिजनों के साथ 20 को आमरण अनशन करेगी मुरगा व्यवसायी सुरेंद्र की पत्नी
डुमरांव : अपराधियों के मनोबल बढ़ने से अब पुलिस भी बौने होते जा रही है़ 19 अप्रैल को दिनदहाड़े सरेआम मुरगा व्यवसायी सुरेंद्र गुप्ता की हत्या के 19 वें दिन बाद भी स्थानीय पुलिस अपराधियों का सुराग पाने में विफल रही है़ ऐसी स्थिति में मृतक के परिजनों के उम्मीद टूटना लगा है़
बुधवार को पति के श्राद्धकर्म समापन के बाद पत्नी माला देवी ने पत्रकारों के समक्ष इंसाफ की मांग को लेकर स्थानीय पुलिस को एक सप्ताह का मोहलत देते हुए पति के हत्यारों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की. पत्नी ने कहा, अगर गिरफ्तारी नहीं होती है, तो मॉडल थाने के सामने 20 मई को अपनी बेटियों सहित अन्य परिजनों के साथ आमरण अनशन पर बैठूंगी.
विधवा ने बताया कि पति के मौत के बाद परिजनों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है़ चाहे जो भी परिस्थिति हो अंतिम सांस तक हत्याकांड की सच्चाई व इंसाफ के लिये लड़ाई लड़ूंगी. उन्होंने कहा कि गया में व्यवसायी पुत्र की हत्या के 50 घंटे बाद ही पुलिस आरोपित को पकड़ कर जेल के सलाखों में भेज देती है, लेकिन एक कमजोर व निहत्थे पति की हत्या के 19 दिन बाद भी पुलिस इस हत्याकांड का परदाफाश नहीं कर पाती है़ उन्होंने रोते बिलखते कहा कि अब मेरा जीवन इन बच्चों के भविष्य पर टिका है, लेकिन इन बच्चों का भविष्य मानवता की नीव पर खड़ा है़ पत्रकारों से बात के दौरान नगर के दर्जनों व्यवसायी व समाजसेवी भी उपस्थित थे़
19 दिन बाद भी मेरे पापा के हत्यारें नहीं पकड़े गये
जीवन जीने के नाम पर जी रहे हैं, लोगों को दिखाई दे रहा है हम जीवन जी रहे है़ं उक्त बातें मृतक मुरगा व्यवसायी सुरेंद्र की दूसरी बेटी शिवानी गुप्ता ने कहीं. उसने कहा कि मिल्लू हत्याकांड में पुलिस ने सफलता हासिल करते हुए एक आरोपित को गिरफ्तार किया, लेकिन 19 दिन बितने के बाद भी मेरे पापा के हत्यारे को पुलिस न पकड़ सकी़ वहीं, मृतक की पत्नी माला गुप्ता भी अपनी पांच बेटियों व एक बेटे के पालन-पोषण को लेकर काफी चिंतित दिखीं. मृतक के परिजन प्रशासन के रवैये से काफी हताश हैं. इस दरम्यान पिता हृदयानंद साह ने बताया कि हत्या के बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए बक्सर भेजी, लेकिन वापस लाकर शव को माता, पत्नी, बेटा-बेटी सहित अन्य परिजनों को नहीं दी.पत्नी को अपने पति, माता-पिता को अपने बेटे व पांच बेटियाें व एक बेटा को अपने पिता को शव न देखने का मलाल आज भी है़ इस बात को कह मृतक के बूढ़े माता-पिता की आंखों की आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे. जबकि निशा व लाली के आंखों से बार-बार आंसू आने से उपस्थित लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे़ इस बाबत परिजनों ने बताया कि पहली बेटी रागिनी पटना में रहकर पॉलीटेक्निक की पढ़ाई कर रही थी़ घटना की जानकारी मिली, तो ट्यूशन में उसका फी माफ हो गया़