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समस्याओं का स्टेशन है बक्सर
बक्सर : स्थानीय रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं की घोर कमी है, जिससे यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सुविधा मुहैया कराने की मांग पिछले कई साल से उठ रही है, पर इस पर कुछ नहीं हो रहा है. एक दो क्षेत्र में विकास को छोड़ दें, तो बक्सर स्टेशन […]
बक्सर : स्थानीय रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं की घोर कमी है, जिससे यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सुविधा मुहैया कराने की मांग पिछले कई साल से उठ रही है, पर इस पर कुछ नहीं हो रहा है. एक दो क्षेत्र में विकास को छोड़ दें, तो बक्सर स्टेशन पर सुविधाओं का टोटा-ही-टोटा है. गरमी, बरसात व ठंड इन तीनों मौसमों में शेड की कमी का मार यात्रियों को झेलनी पड़ती है. शेड के अभाव में यात्री धूप, पानी व कुहासे में खुले आसमान के नीचे बैठ कर ट्रेनों की इंतेजार करते हैं.
वर्षों से खराब है कोच इंडिकेटर
वहीं,पिछले कई सालों से कोच इंडिकेटर रख-रखाव के अभाव में खराब पड़े हैं. इस संबंध में विभाग बिल्कुल लापरवाह बना हुआ है. जब ट्रेन स्टेशन पर पहुंचती है, तो अपने आरक्षित बॉगी में चढ़ने के लिए यात्री इधर-उधर दौड़ते नजर आते हैं. इस बीच ट्रेन भी खुल जाती, जिसमें यात्री जल्दीबाजी में सामान कुछ इस बॉगी में, तो कुछ सामान व अपने दूसरे बॉगी में सवार हो जाते हैं. इससे कई बार सामान की चोरी भी हो गयी है.
बैठने के लिए नहीं हैं पर्याप्त कुरसियां : सबसे ज्यादा परेशानी प्लेटफॉर्म पर बैठने की है. पर्याप्त बैठने की व्यवस्था नहीं होने से यात्रियों को घंटों खड़े-खड़े या प्लेटफॉर्म पर रखे गार्ड के बक्से पर बैठ कर बिताना पड़ता है. वहीं, महिला व बुजुर्ग यात्री फर्श पर लेट कर ट्रेनों की इंतजार करते हैं. हालांकि कुछ नयी कुरसियों का निर्माण कराया गया है, लेकिन फिर भी समस्या दूर नहीं हुई है.
आरओयुक्त नहीं है पेयजल की व्यवस्था : ऐसे देखा जाये, तो बक्सर स्टेशन पर पेयजल की व्यवस्था ठीक है. तीनों प्लेटफाॅर्मों को मिला कर लगभग 58 नलों की व्यवस्था की गयी है, जिसमें 24 घंटे पानी की आपूर्ति होती है, लेकिन टंकी की नियमित सफाई नहीं होने से यात्रियों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाता. स्टेशन पर आरओ नहीं लगने से यात्री बोतल बंद पानी खरीद कर पीते हैं.
शौचालय की नहीं है सही व्यवस्था: बक्सर शहर धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल है. यहां पर हर महीने कुछ ना कुछ धार्मिक कार्यक्रम होते रहता है. इस लिए यहां बाहरी लोगों की भीड़ जुटती है. ऐसे में बक्सर स्टेशन पर शौचालय की व्यवस्था प्लेटफाॅर्म संख्या एक और दो पर है, लेकिन अपर्याप्त है.
पॉर्किंग की नहीं है व्यवस्था
स्टेशन के बाहर वाहन पॉर्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण रोज पुलिस व पब्लिक में बकझक होती है. जीआरपी रोज स्टेशन परिसर में खड़े वाहनों पर जुर्माना लगाती है. इससे परिजनों को छोड़ने व ले जाने के लिए अपने निजी वाहनों से पहुंचनेवाले यात्रियों को काफी परेशानी होती है.
स्टेशन से जुडी जानकारी : बक्सर रेलवे स्टेशन से रोहतास जिला, उत्तरप्रदेश के गाजीपुर,उजियार,भरौली,बलिया समेत आस-पास के गांव से हजारों की संख्या में यात्री यात्रा करने के लिए आते हैं.
स्टेशन का सालाना राजस्व 35 करोड से ज्यादा का है.रोजाना लगभग 12 हजार यात्री यहां से यात्रा करते हैं. मथुरा एक्सप्रेस, पटना-पूणे एक्सप्रेस, गरीब रथ, संघमित्रा एक्सप्रेस, पटना-हरिद्वार एक्सप्रेस,पटना-वास्गोडिगामा एक्सप्रेस,पटना-सिकंदराबाद एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस समेत अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव है.
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