धनसोई : जिले में विद्युत विभाग के आलाधिकारी व कर्मचारी अपनी सुस्त कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध हो चुके हैं. छोटी-मोटी फाॅल्ट को दुरुस्त करने में विभाग चार दिनों से एक सप्ताह का समय लगाता है.
अगर किसी कारण ट्रांसफॉर्मर जल जाये, तो पूरे गांव में सप्ताह क्या, माह तक बल्ब नहीं जलेंगे. ऐसी ही है बिजली विभाग की कार्यशैली. इतना ही नहीं, चार माह से ट्रांसफॉर्मर जला पड़ा है, फिर भी विभाग बिजली बिल भेजने में जरा भी कोताही नहीं बरता रहा है. हालांकि इससे समहुता के उपभोक्ताओं में काफी आक्रोश है.
उपभोक्ताओं का आरोप है कि चार माह पहले ट्रांसर्फामर जलने की लिखित आवेदन विभाग के जेई व ग्रामीण एसडीओ को दिया गया, जिसमें समहुता गांव महादलित टोला के साठ तथा मध्य गांव के 90 उपभोक्ताओं ने हस्ताक्षर किया था.
आवेदन में कहा गया था कि 63 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लोड अधिक होने के कारण जल गया है. इसे शीघ्र बदलने की आवश्यकता है, लेकिन चार माह बीतने के बाद भी विभाग के द्वारा कोई पहल नहीं की गयी. साथ ही ट्रांसफॉर्मर जलने के बाद भी दो माह का बिल थमा दिया गया.
लिखित सूचना के बाद भी आ रहा बिल:चार महीने से ट्रांसफॉर्मर जले रहने से पूरा गांव अंधेरे में डूबा है. किसानों का खेती कार्य भी कुप्रभावित हो रहा है. उपभोक्ताओं ने ट्रांसफॉर्मर जले होने की लिखित सूचना भी विभाग को दे दी है.
इतना ही नहीं दो महीने पहले लोगों ने सड़क जाम कर आंदोलन भी कर चुके हैं, परंतु विभाग नया ट्रांसफॉर्मर लगाने के बजाय बिजली बिल भेजने में अपनी सारी ऊर्जा खपा रही है. विभाग को उपभोक्ताओं की परेशानी की चिंता नहीं है, उसे केवल राजस्व की चिंता है.
क्या कहते हैं लोग
ग्रामीण गुप्तेश्वर चौबे, नंद किशोर राय, संजय ठाकुर, अरविंद कुमार रिंकू सिंह आदि ने बताया कि 15 दिनों से इटाढ़ी स्थित जेइ कार्यालय जाकर जेइ राजीव रंजन से शीघ्र 100 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाने की बात कही.
मगर, जेई के द्वारा आज-कल कहने के कारण दो माह से 3000 हजार की आबादी मोबाइल चार्ज कराने के लिए भी धनसोई जाने को विवश हैं.
क्या है नियम
विभागीय सूत्रों के अनुसार शहरी क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर जलने पर 24 घंटे में व ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घंटे के अंदर ट्रांसफॉर्मर बदलने का प्रावधान है.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध जेइ राजीव रंजन ने बताया कि समहुता गांव में 63 केवीए का ट्रांसफॉर्मर दिया गया था और जलने के बाद भी 63 केवीए का ट्रांसफॉर्मर मिलेगा, क्योंकि विभाग के अनुसार समहुता गांव में सिर्फ 40 उपभोक्ता हैं और जहां 80 तक उपभोक्ता होते हैं, वहीं पर 100 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाया जाता है.