बक्सर/ डुमरांव : चार दिवसीय छठ महापर्व का अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ रविवार से शुरू हो गया. छठ करनेवाले व्रतियों के साथ-साथ उनके परिवार के लोग भी छठपूजा में जुट गये हैं.
छठ पर्व को लेकर दूर-दूर रहनेवाले परिवार के सदस्य, घर की बेटियां और बहुएं मौके पर घर आ रही हैं. घाटों पर स्थानीय लोगों द्वारा और प्रशासनिक व्यवस्था के तहत मजदूर भी दिन-रात काम में लग गये हैं. वहीं, पूजनोत्सव को लेकर डुमरांव स्टेशन रोड के अलावे प्रमुख व्यावसायिक मंडियों गोला रोड के दोनों तरफ छठ व्रतियों की सुविधा को ध्यान में रख कर दुकानदारों ने नारियल, सूप सहित अमरख, मकोही, कन, हरा हल्दी, संतरा, अमरुद्ध, आंवला, पानी फल (सिघाड़ा), की दुकानें सज दी है.
रविवार को गोला रोड, शहीद गेट, चूड़ी बाजार, चौक रोड, स्टेशन रोड पर भीड़ देख दुकानदार उत्साहित थे. गोला रोड की सड़कों पर सिर्फ दुकानें ही दुकानें दिख रही हैं. बाजार में बड़ा नींबू गागल, अनानास तथा नारियल की खेप लगातार बाहर से पहुंच रहा है. नारियल 50 से 60 रुपये जोड़ा बिक रहा है. बाजार में ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे दुकानदारों ने थोक फलों की खरीदारी की़ वहीं, कपड़ा और किराना दुकानों पर भी व्रतियों की भीड़ लगी रही़
घाटों पर तेजी से चल रहा बैरिकेडिंग का काम : गंगा घाट पर अर्घ देने के लिए बाहरी लोगों का आना शुरू हो गया है. प्रशासन भी अपने स्तर से सफाई और तैयारी में जुटा हुआ है. जेल घाट से लेकर सारिमपुर तक लगभग दो दर्जन से ज्यादा घाट हैं,जहां छठपूजा पर भीड़ उमड़ती है. गंगा घाटों पर लाइटिंग की व्यवस्था और बैरिकेडिंग की व्यवस्था का काम शुरू हो चुका है. वहीं, अब भी कई घाटों पर फिसलन और दलदल है, जिससे व्रतियों को सावधानी बरतनी होगी.
घाटों पर पटाखा छोड़ने पर होगी कार्रवाई : घाटों पर पटाखे नहीं छोड़ने का निर्देश प्रशासनिक स्तर पर है, मगर लोग अनजाने में पटाखे छोड़ते हैं जिस पर कार्रवाई हो सकती है.
रामरेखा घाट पर कमजोर बैरिकेडिंग से लोग सकते में : बक्सर के रामरेखा घाट पर सर्वाधिक भीड़ पहुंचती है. घाट पर प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था अब भी अपर्याप्त है. प्रशासन ने बैरिकेडिंग का काम शुरू किया है, मगर वह मजबूत नहीं है, बल्कि दिखावे का लगता है. हल्की रस्सियों से बांध कर सांकेतिक रूप से लोगों को रोकने का काम किया जा रहा है.
जो बांस गाड़े जा रहे हैं, वह भी मजबूत नहीं है. घाट पर गाड़े गये पतले बल्ले लोगों के स्नान के दौरान रविवार को ही उखड़ गये, जिसे फिर से गाड़ने का काम किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त अन्य घाटों पर बैरिकेडिंग का काम रविवार को भी पूरा नहीं हो पाया. रामरेखा घाट पर स्थानीय युवाओं ने व्रतियों के लिए सफाई और स्थान तय कर लिया है,
मगर प्रशासन की ओर से व्यवस्था में अब भी चूक है. वर्षों से लगी स्थायी बेपर लाइट अब तक खराब पड़ी है, जिसे ठीक करने के लिए प्रशासन ने अब तक कुछ नहीं किया है. रामरेखा घाट पर गिरनेवाले शौचालय के पानी के बीच बने कीचड़ को सीढ़ी नुमा बना दिया गया है, जहां जाने-अनजाने छठव्रती अर्घ देंगे? इस पर लोग सवाल उठा रहे हैं.
घाटों पर होगी गोताखोरों की तैनाती : बक्सर एसडीओ गौतम कुमार ने कहा कि सभी घाटों पर इस वर्ष गोताखोरों की तैनाती होगी. साथ ही एनडीआरएफ की टीम घाटों पर निगरानी रखेगी. एनडीआरएफ टीम की चार नौकाएं रामरेखा घाट पर आ चुकी हैं और प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में प्रशासन लगा है. उन्होंने बताया कि कोई भी चूक नहीं रखी जायेगी.