डुमरांव : काली आश्रम के समीप बने रामसूरत राय के पोखरा पर छठ महापर्व को लेकर करीब पांच सौ घराें के छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ती है. छठ व्रती अपने परिवारों के संग पहुंच कर यहां उगते व डूबते सूर्य को अर्घ अर्पित करते हैं. इस तलाब के घाटों पर व्रतियाें की भीड़ काफी उमड़ती है़
प्राचीन पोखरा के रूप में विख्यात इस घाट की साफ-सफाई पूजा समिति के सदस्यों द्वारा करायी जाती है. वहीं, जीर्ण-शीर्ण हो चुके तालाब के घाट पर भीषण गंदगी व पानी के बदरंग होने से समिति के सदस्य भी चिंतित हैं. सदस्यों का कहना है कि नप प्रशासन इस तालाब पर ध्यान दे, तो वर्ष भर पानी निर्मल व स्वच्छ रह सकता है़
प्राचीन है शिव मंदिर : इस तालाब के घाट पर बना शिव मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है़ ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा-अर्चना करने से सारे पापों का नाश होता है. छठ पूजन के दौरान छठ व्रती पहले इस मंदिर में पहुंच दीपदान करते हैं और उसके बाद भगवान भास्कर की आराधना शुरू करते हैं.
समिति करती है व्यवस्था : इस तालाब के चाराें ओर समिति द्वारा लाइट व सफाई की व्यवस्था की जाती है. इसको लेकर सदस्य सुबह में श्रमदान करते हैं. सदस्यों का कहना है कि केवल 10 फीसदी सफाई हुयी है. ऐसी स्थिति में नप प्रशासन को सहयोग की नीति अपनानी चाहिए़
क्या कहता है नप प्रशासन
छठ घाटों पर सफाई की व्यवस्था को लेकर नप प्रशासन तत्पर है. हर हाल में छठ से पूर्व सभी घाटों की सफाई करायी जायेगी़ इसके लिए अलग से सफाई कर्मियों की व्यवस्था की गयी है़