खुद सामान बना बाजारों में बेंच चलाते हैं परिवार
बांस से उदरा व शादी विवाह में उपयोग होनेवाले बनाया जाता है सामान
बस्ती के बच्चे शिक्षा से हैं कोसों दूर
डुमरांव : खुद मेहनत कर बांस की सामग्रियां बनाकर जीविकोपाजर्न में जुटे हैं नगर के महादलित. नगर के स्टेशन रोड हाइस्कूल के समीप दलित बस्ती में पूरे दिन बासफोर बिरादरी के महिला व पुरुष दउरा, पंखा, सींक, सूप व सुपली सहित शादी-विवाह में उपयोग किये जानेवाले अन्य सामग्री का निर्माण करते हैं.
सभी अपने पुश्तैनी धंधे के बूते ही अपनी तकदीर व तसवीर बनाने में लगे हैं. लगन में शादी-विवाह में उपयोग होनेवाली सामग्री बनाने में आज-कल बस्ती के लोग पूरे दिन निर्माण में लगे रहते हैं. इसी से इनकी दाल-रोटी चलती है.
बस्ती में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक परिवार बास के कई आकर्षक सामान को बना कर बेरोजगारी दूर करने में लगे हैं. अपनी बनायी सामग्रियों को ये दुकानदारों के यहां बेच देते हैं या फिर बाजार में खुद ही फुटपाथ पर बैठ कर बिक्री करते हैं. दुकानदारों के यहां देने पर मेहनताना भी नहीं मिल पाता है, जिससे बाजारों में खुद अपने बिक्री करते है.
बिहार सरकार महादलित व दलित परिवारों के लिए कई योजनाओं को चलाया है, लेकिन आज भी कई परिवार इससे दूर हैं. न रहने के लिए घर है न कोई अन्य बुनियादी सुविधा. बावजूद इसके महादलित परिवार के लोग अपने बूते रोजगार को आगे बढ़ा रहे हैं. कड़ाके की ठंड हो, जेठ की दोपहरी हो या बरसात. जैसे-तैसे झोंपड़ीनुमा बने घर में जीवन बसर करते हैं.