18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कहीं ऐतिहासिक अवशेष का अस्तित्व न मिट जाये

अनदेखी : गढ़ की जमीन पर कब्जा, प्रशासन उदासीन मठिला का प्राचीन नाम था चित्रसेनपुर डुमरांव : रेलवे स्टेशन से करीब 17 किलोमीटर दूर मठिला गांव का नाम प्राचीन समय में चित्रसेनपुर था़ आज भी ऐतिहासिक गढ़ का अवशेष गांव में मौजूद है, जो अतिक्रमण का शिकार है़ एक एकड़ भूमि में फैले इस परिसर […]

अनदेखी : गढ़ की जमीन पर कब्जा, प्रशासन उदासीन
मठिला का प्राचीन नाम था चित्रसेनपुर
डुमरांव : रेलवे स्टेशन से करीब 17 किलोमीटर दूर मठिला गांव का नाम प्राचीन समय में चित्रसेनपुर था़ आज भी ऐतिहासिक गढ़ का अवशेष गांव में मौजूद है, जो अतिक्रमण का शिकार है़ एक एकड़ भूमि में फैले इस परिसर में सामुदायिक भवन, पैक्स गोदाम पंचायत भवन व एक पुराना कुआं है. शासन व प्रशासन के उदासीन रवैये से डुमरांव अनुमंडल में कई ऐतिहासिक इमारतों के आस-पास की जमीन पर अतिक्रमण जारी है़
नया भोजपुर नवरत्न गढ़ किला, डुमरेजनी मंदिर के पीछे बावन दुअरिया समेत कई ऐतिहासिक स्थल आज अपने अस्तिव को लेकर जंग लड़ रहा है़ एक माह पहले नवरत्न गढ़ किले के नजदीक एक विद्यालय में नींव खुदाई के समय सुरंग मिलने से आस-पास के क्षेत्र प्रतिबंधित घोषित कर सुरक्षा के चारों ओर से घेराबंदी, निगरानी टीम बना पुलिस के हवाले कर दिया़ ऐसे ही ऐतिहासिक धरोहर मठिला राजगढ़ है़ राज परिवार पहले मठिला में रहता था़
1745 में राजा होरिल ने बनायी थी राजधानी
1745 में राजा होरिल साह ने डुमरांव में अपनी राजधानी बनायी थी. मठिला से डुमरांव आने के बाद राज परिवार का अपने पुराने गढ़ से दूरी कम हो गयी. इससे गढ़ की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया. राज परिवार मठिलेश्वरी व सती मंदिर में पूजा करने के लिए मठिला आता था़ मठिला का प्राचीन नाम चित्रसेनपुर था.
तारीख ए उज्जैनियों की मानें तो मठिला प्राचीन का नाम चित्रसेनपुर हुआ करता था़ 1640 के करीब जगदीशपुर में राजा नारायण मल्ल का शासन था़ मल्ल के निधन के बाद इनके भाई रुद्र प्रताप नारायण सिंह राजगद्दी पर बैठ़े श्री सिंह के गद्दी पर बैठते पत्नी और दो पुत्रों अमर सिंह व प्रबल सिंह को परेशान करने लग़े आजीज आकर दोनों भाई दादी के साथ 1651-52 में मठिला चित्रसेनपुर में बस गय़े
दादी ने अमर सिंह को राज्यभिषेक कर दिया़
1745 तक राजपरिवार मठिला में ही रहता था़ उसके बाद राजा होरिल साह ने डुमरांव को राजधानी बनाया़
क्या कहता है राजपरिवार
महाराज चंद्रविजय सिंह व युवराज कुमार शिवांग विजय सिंह ने कहा कि गढ़ को अतिक्रमण मुक्त करा कर धरोहर का संरक्षित और सुरक्षित कराने की पहल की जायेगी
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रखंड अंचलाधिकारी अमरेंद्र कुमार ने बताया कि मठिला गढ़ को लेकर कर्मचारी से रिपोर्ट मांगी गयी है. इसे जल्द अतिक्रमण मुक्त करा लिया जायेगा.
क्या कहते हैं ग्रामीण
अरविंद सिंह, पप्पू सिंह, प्रभाकर मिश्र, लक्ष्मीकांत मिश्र, ममता देवी, शांति देवी, शुभांगी आनंद, रेणू कुंवर, देवीदयाल मिश्र, गोविंदा, नीरज आदि ने बताया कि मठिला राजा का गढ़ काफी प्राचीन है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें