बक्सर : पैसेंजर ट्रेनों की कमी के कारण लोकल यात्राियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. रोजाना घंटों पैसेंजर ट्रेनों के इंतजार में यात्रियों को भटकना पड़ता है. ऐसे में यात्रियों को अपने गंतव्य तक समय से पहुंचने के लिए एक्सप्रेस ट्रेनों का सहारा लेनी पड़ती है. यात्रियों ने बताया कि बक्सर स्टेशन से अधिकतर यात्री मुगलसराय और पटना का सफर करते हैं.
इस तरह कई ट्रेनों में टिकट वैध नहीं होने के कारण यात्रियों को मजबूरन जुर्माना देकर सफर करना पड़ता है, जिससे यात्रियों में इसे लेकर काफी नाराजगी है. रोजाना लोकल यात्रियों की संख्या लगभग पांच हजार से अधिक है. बावजूद इसके रेलवे ने इन मार्गो के लिए लगभग कुल 15 पैसेंजर ट्रेनें चलायी है, जिसमें मुगलसराय स्टेशन के लिए छह और पटना स्टेशन के लिए नौ पैसेंजर ट्रेनें चलायी गयी हैं. यात्रियों की संख्या के अनुपात में ट्रेनों की संख्या बहुत कम है. हालांकि इस संबंध में लंबे समय से यात्रियों ने ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग की है.
रोज सैकड़ों यात्री भरते हैं जुर्माना : पैसेंजर ट्रेनों की कमी के कारण रोजाना सैकड़ों यात्राी एक्सप्रेस ट्रेनों में चढ़ जाते हैं और पकड़े जाने पर जुर्माना भरते हैं. यात्री मनोज पासवान ने बताया कि पिछले दिन किसी जरूरी कार्य से उन्हें पटना स्टेशन पहुंचना था, लेकिन पैसेंजर ट्रेनों की लेट-लतीफ के कारण उन्हें मजबूरन सुपरफास्ट ट्रेन में चढ़ना पड़ा. नियमानुसार ट्रेन में मौजूद टीइटी ने जुर्माना लगा कर टिकट बना दिया. रोजाना इस तरह के मामलों में यात्राियों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है.
पैसेंजर ट्रेनों के लिए घंटों करते हैं इंतजार : पैसेंजर ट्रेनों की कमी के कारण हॉल्ट व छोटे स्टेशनों के यात्राियों को काफी परेशानी ङोलनी पड़ती है. हॉल्ट व छोटे स्टेशनों के यात्रियों को पैसेंजर ट्रेन का ही सहारा होता है. ऐसे में उनकी मजबूरी होती है कि वे घंटों विलंब पैसेंजर ट्रेनों का इंतजार करें. महज कुछ मिनटों की दूरी पर स्थित हॉल्ट तक पहुंचने के लिए यात्राियों को चार से पांच घंटे तक पैसेंजर ट्रेनों का इंतजार करनी पड़ती है.
पैसेंजर ट्रेनों की नहीं है प्राथमिकता : यात्राियों ने बताया कि एक तरफ पैसेंजर ट्रेनों की कमी और दूसरी ओर पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन को हर दिन बाधित किया जाता है. पटना से मुगलसराय स्टेशन तक चलनेवाली पैसेंजर ट्रेनों को अक्सर एक्सप्रेस ट्रेनों को पास कराने के लिए स्टेशनों पर घंटों रोक दिया जाता है. इससे हमलोगों को काफी परेशानी होती है. खास कर सुबह में जब सचिवालय या हाइकोर्ट जाना होता है, तो यह परेशानी और ही बढ़ जाती है.
कहते हैं यात्री
सोहनीपट्टी निवासी सोनू कुमार ने बताया कि पैसेंजर ट्रेनों की कमी से सफर करना काफी मुश्किल हो गया है. यदि एक पैसेंजर ट्रेन छूट गयी, तो दूसरी पैसेंजर ट्रेन लगभग दो घंटे के अंतराल पर है. ऐसे में यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है. यात्राी अशोक प्रसाद ने बताया कि विभाग ने अब तक ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के लिए इच्छा शक्ति नहीं दिखायी है.
कहते हैं प्रबंधक
स्टेशन प्रबंधक महेंद्र सिंह ने बताया कि पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के लिए वरीय अधिकारियों को सूचना दी गयी है.