बक्सर : भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की कल्पना कृषि क्षेत्र को मजबूत किये बिना करना सार्थक नहीं हो सकता. बावजूद इसके सदर प्रखंड के पांडेयपट्टी, हुकहां, जरीगांवा, चक्रहसी समेत दर्जनों गांव ऐसे हैं, जहां के किसानों को खेती करने के लिए पानी के लिए इंद्रदेव पर आज भी आस लगानी पड़ती है. इन गांवों के खेतों में सोन नहर लाइन का पानी बंद होने से धान की खेती पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस वर्ष अब तक किसानों को सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पायी है, जिससे किसानों को खेती करने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. इन दिनों फसलों में फल लगने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. ऐसे में फसलों को पर्याप्त पानी की आवश्यकता है, लेकिन नहरें पूरी तरह सूखी हुई हैं, जिससे किसान अब निजी बोरिंग पंप के सहारे अपने खेतों की सिंचाई करने के लिए विवश हैं. वहीं, सरकारी नलकूप खराब पड़े हुए हैं. निजी साधनों से पटवन में किसानों की आर्थिक स्थिति जवाब दे चुकी है. अब किसान डीजल अनुदान की आस लगाये बैठे हैं.