18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वार्ड नंबर चार में चाचर पुल से घर पहुंचते हैं शहरवासी

बक्सर : शहर के नया बाजार का कुछ हिस्सा वार्ड नंबर चार में शामिल है. जिसकी आबादी लगभग दो हजार है. यानी वार्ड में लगभग पांच से छह सौ घर हैं. शहर के विस्तार में इस वार्ड की बड़ी भूमिका है. खाली मैदान से घिरा यह वार्ड लगातार बाहरी आबादी को बसाते जा रहा है. […]

बक्सर : शहर के नया बाजार का कुछ हिस्सा वार्ड नंबर चार में शामिल है. जिसकी आबादी लगभग दो हजार है. यानी वार्ड में लगभग पांच से छह सौ घर हैं. शहर के विस्तार में इस वार्ड की बड़ी भूमिका है. खाली मैदान से घिरा यह वार्ड लगातार बाहरी आबादी को बसाते जा रहा है. शहर की सुविधा पाने और बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए लोग यहां बसे हुए हैं.

लेकिन, जो हालात है, वह गांवों से बदतर है. इन्हें यहां घर बनाये करीब दस साल से अधिक भी हो गये. लेकिन, इनके घरों तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं बन पाया. घरों तक बिजली भी लोगों ने बांस के सहारे ही पहुंचाए हुए हैं.
पिछले चुनाव में जब राज्य में नीतिश सरकार बनी तो सरकार की महत्वाकांक्षी सात निश्चिय योजना ने यहां के लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला दी. इस योजना के तहत नाली-गली सड़क योजना थी, जिसे हर हाल में 2019 तक पूरा करना था. लेकिन, अब तक पूरा नहीं होने के कारण इनके चेहरे पर अब मायूसी ही दिखती है. हाल यह है जल से घिरे क्षेत्रों में बने अपने घरों तक पहुंचने के लिए लोगों ने बांस का चांचर बना लिया है. दिन में तो जैसे-तैसे लोग चांचर के सहारे से आते-जाते हैं. पर रात में इन्हें इससे गुजरने में काफी परेशानी होती है.
कई बार इस चांचर पुल से गिर कर लोग जख्मी भी होते हैं. बरसात में स्थिति तो और खराब हो जाती है. घुटने भर से ऊपर जल जमाव हो जाता है. ऐसे में स्कूली बच्चों और बूढ़ों के लिए तो यह इलाका ही एक बड़ी समस्या के रूप में हैं. इसी समस्या के कारण नाते-रिश्तेदार भी नहीं आना चाहते. ऐसे में लोगों के लिए यह किसी नरक से कम नहीं दिखता.
चंदा के पैसे से बनता है चांचर पुल
घरों तक पहुंचने के लिए चांचर पुल का निर्माण भी लोगों ने ही चंदा के पैसे से कराया है. इसके लिए नगर परिषद ने कभी कोई ध्यान नहीं दिया. प्रत्येक साल इस पर लगभग 20 हजार रुपये खर्च होता है. लोग बताते हैं कि इस समस्या को लेकर कई बार वार्ड पार्षद समेत नगर परिषद से कहा गया है.
लेकिन, कुछ नहीं होता है. छह सौ घरों से निकलने वाले कूड़ों, नाली और सड़क पर झाडू लगाने के लिए केवल पांच सफाई कर्मी हैं. जिसमें से दो डोर-टू-डोर में लगे हुए हैं. दो नाली की सफाई में और एक सड़क पर झाड़ू लगाने में लगाया गया है. इतने कम सफाई कर्मियों के कारण वार्ड की बेहतर सफाई नहीं हो पाती है. कई नालियां जाम दिखी तो कई जगहों पर कूड़ा पसरा हुआ दिखा. चापाकलों की संख्या भी कम है. कई सघन जगहों पर भी चापाकल नहीं दिखा.
ऐसे में राहगीरों के लिए पेयजल की समस्या उत्पन्न होती है. हालांकि हर घर नल जल योजना के तहत प्रत्येक घर में नल लगाया गया है.
समस्या के समाधान पर किसी का ध्यान नहीं
घरों तक पहुंचना यहां एक बड़ी समस्या है. बरसात में तो स्थिति और खराब हो जाती है. पर कोई ध्यान नहीं देता है.
किशोर कुमार
-कई बार गिरकर चोटिल हो चुकी हूं. घुटने से अधिक जलजमाव हो जाता है. लेकिन, इसी में रहना है. क्या कर सकते हैं.लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
राधिका देवी
वार्ड में अब तक आठ योजना बाकी है. जिसमें इन जगहों की समस्याओं को शामिल किया गया है. नगर परिषद को बहुत पहले ही यहां की समस्या से अवगत कराया गया है.
पुष्पा प्रसाद, वार्ड पार्षद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें