बक्सर : परिवार के साथ ईद मनाने को लेकर प्रदेश में काम करनेवाले लोग अपने घरों को वापस आने लगे हैं. दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, लुधियाना, राजस्थान आदि शहरों से हर रोज स्टेशन पर लोग उतरना शुरू कर दिये हैं. वहीं परिजनों के आने की सूचना पर घर परिवार के लोग भी स्टेशन पहुंच आने का इंतजार करते हैं. कुछ लोग बस से भी जिला मुख्यालय में आना शुरू कर दिये हैं. प्रदेश से कमाकर घर वापस आनेवाले लोगों का मानना है कि ईद ही एक ऐसा पर्व है जिसमें सभी लोगों से मुलाकात होती है. बाहर में रहनेवाले लोग खास तौर पर ईद में घर आने का प्लान बनाते हैं.
वे चाहते हैं कि ईद जैसे महापर्व पर सारे मित्रगण भाइयों व सहपाठियों से मुलाकात भी हो जायेगी. इसको देखते हुए लोग छुट्टी लेकर घर जरूर आते हैं. चांद दिखाई देने के बाद 15 या 16 जून को ईद मनायी जा सकती है. रमजान का पाक मोकदस महीना अलविदा के कगार पर है इसको लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गयी है. कपड़ा आदि सामान को खरीदारी को लेकर दुकानों पर भीड़ लगी है लेकिन आसमान छूती महंगाई और जीएसटी की मार से खरीदार अपनी-अपनी जेब टटोलने लगते हैं. बजट के सामर्थ्य के अनुसार ईद को यादगार बनाने और मनाने के लिए रोजेदार अभी से तैयारी शुरू कर दिये हैं.
खासकर कपड़ा और मनिहारा दुकानों में खरीदारी के लिए आधी आबादी की भीड़ उमड़ने लगी है. ईद को लेकर रोजेदारों में जहां उत्साह है वहीं मुस्लिम धर्मावलंबियों में टोपी का अलग महत्व है. खासकर अलविदा की नमाज को लेकर टोपी की बिक्री और जोर-शोर से की जा रही है. बाजार में आलपिन अफगानी तुर्की ताइवानी एवं अलीगढ़ नाम से बाजार में टोपियों की बिक्री परवान पर है. इन सब में सबसे ज्यादा तुर्की टोपी की डिमांड है. ₹20 से 1₹20 तक बाजार में आसानी से टोपी उपलब्ध है. जबकि लुंगी में रोलेक्स झा नमाज एवं चांद तारा की धूम मची है.