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2022 तक कुपोषणमुक्त होगा जिला

बक्सर : जिले को 2022 तक पूर्ण रूप से कुपोषण से मुक्त करा लिया जायेगा.इसके लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना लांच की गयी है. जिन जिलों में कुपोषण की स्थिति चिंताजनक है. उन जिलों को चिह्नित किया गया है, जिसमें बक्सर भी शामिल है. कुपोषण के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर से योजनाएं संचालित की जायेंगी. […]

बक्सर : जिले को 2022 तक पूर्ण रूप से कुपोषण से मुक्त करा लिया जायेगा.इसके लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना लांच की गयी है. जिन जिलों में कुपोषण की स्थिति चिंताजनक है. उन जिलों को चिह्नित किया गया है, जिसमें बक्सर भी शामिल है.
कुपोषण के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर से योजनाएं संचालित की जायेंगी. कुपोषण से मुक्ति के लिए गर्भवती महिलाओं की एएनसी यानी प्रसव पूर्व जांच को पारा मीटर माना गया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि तमाम प्रयासों के बावजूद स्वास्थ्य के कुछ मानकों पर जिला की स्थित बहुत कमजोर है. आठ साल पहले राज्य सरकार ने कुपोषित बच्चों का सर्वे कराया था, जिसमें 12वें स्थान पर बक्सर जिले का रैंक था. जिले में टीकाकरण की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. शत-प्रतिशत तक टीकाकरण हो रहा है.
क्या है प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना : प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी है. प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना उन गर्भवती महिलाओं के लिए है जो पहली बार अपने किसी बच्चे के जन्म देती हैं. प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बनायी गयी है.
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना महिला और बाल कल्याण विभाग द्वारा चलायी जा रही है. प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को 6000 रुपये का योगदान मिलता है.
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का मकसद : प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का मकसद महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है, जिसका खास मकसद यह है कि सरकार ज्यादा-से-ज्यादा महिलाओं से जूड़े और ज्यादा-से-ज्यादा महिलाएं प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ ले सकें. प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत उन महिलाओं पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जायेगा जो महिलाएं मजदूर हैं.
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के फायदे : प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत दूध पिलानेवाली माताओं को आर्थिक मदद हो पायेगी, जिसमें सरकार 6000 रुपये की सहायता करेगी और स्वास्थ्य का ख्याल रखेगी.
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत 6000 रुपये की राशि महिलाओं के सीधे खाते में आयेगी जिसे तीन बार की किस्त में दी जायेगी. गर्भवती महिलाएं जब अपने बच्चे को जन्म देती हैं तब उन्हें कुछ महीने का आराम करना होता है. प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना से उन महिलाओं के नुकसान की भरपाई इस योजना से हो पाएगी जिसमे वो अपने पोषण और स्वास्थय का सही से ख्याल रख पायेगी.
जांच को माना गया पारा मीटर
कुपोषण से मुक्ति के लिए गर्भवती महिलाओं की एएनसी यानी प्रसव पूर्व जांच को पारा मीटर माना गया है.अभी जिले में इससे संबंधित पत्र भेजा गया है. इसके लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी जल्द ही आयोजित किया जायेगा. बक्सर िजला को कुपोषण मुक्त करने के लिए सरकार व जिला प्रशासन की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को चुना गया है, जहां महिलाओं व बच्चों को पौष्टिक आहार देकर कुपोषण को दूर किया जायेगा. इससे आनेवाली पीढ़ी कुपोषण से मुक्त होगी और एक स्वस्थ समाज का निर्माण होगा.
शशिकांत पासवान, डीपीओ आइसीडीएस,बक्सर

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