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संपत्ति के हिसाब से अब नगर पर्षद वसूलेगा टैक्स

बक्सर : नगर पर्षद शहर में टैक्स वसूली को लेकर संपत्ति का आकलन करेगा. इसके लिए नगर पर्षद ने तैयारी शुरू कर दी है. विभाग के अनुसार सर्वे का काम 15 अगस्त के बाद शुरू किया जायेगा. सरकारी, गैर सरकारी तथा सभी भवनों का सर्वे किया जायेगा और संपत्ति आकलन के अनुसार उनसे टैक्स लिया […]

बक्सर : नगर पर्षद शहर में टैक्स वसूली को लेकर संपत्ति का आकलन करेगा. इसके लिए नगर पर्षद ने तैयारी शुरू कर दी है. विभाग के अनुसार सर्वे का काम 15 अगस्त के बाद शुरू किया जायेगा. सरकारी, गैर सरकारी तथा सभी भवनों का सर्वे किया जायेगा और संपत्ति आकलन के अनुसार उनसे टैक्स लिया जायेगा.

इस सर्वे में भवन के तल्ला के साथ-साथ एरिया का भी ब्योरा होगा. मकान का उपयोग आवासीय या व्यावसायिक रूप में हो रहा है. इसकी भी पूरी जानकारी नगर पर्षद के पास होगी. इस सर्वे के बाद होल्डर की यूनिक आइडी से पूरी जानकारी मिल सकेगी. ऐसे में नगर के टैक्स का स्वरूप भी बदल जायेगा. सर्वे का काम तीन श्रेणियों में बांटा गया है. सर्वे का कार्य पूरा करने के बाद नगर पर्षद की वेबसाइट पर इसे लोड कर दिया जायेगा. इससे कोई भी व्यक्ति भवन, खाता नंबर, प्लॉट नंबर और भवन का क्षेत्रफल घर बैठे जान सकेगा.

15 अगस्त के बाद सर्वे का कार्य होगा शुरू : संपत्ति के हिसाब से टैक्स वसूलने के लिए किये जानेवाला सर्वे का कार्य 15 अगस्त से शुरू किया जायेगा. इसे तीन श्रेणियों में बांटा गया है. सर्वे करने का जिम्मा टैक्स कलेक्टर को दिया गया है. इसके बाद शहर में भवनों की वास्तविक संख्या का ब्योरा नगर पर्षद के पास होगा. इससे यह भी पता चलेगा कि अब तक कितने लोग नगर पर्षद को टैक्स दे रहे हैं. 1994 से 100 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने नगर पर्षद का टैक्स नहीं भरा है. सर्वे के बाद इनकी परेशानी बढ़ जायेगी.
अब तक 26 हजार में से आठ हजार लोग ही भरते हैं टैक्स
आकलन के अनुसार नगर पर्षद में 26 हजार मकान पर टैक्स लगाये गये हैं, जिसमें से आठ हजार लोग ही टैक्स देते हैं. बाकी 18 हजार लोग अभी भी नगर पर्षद को लाखों का चूना लगा रहे हैं. सरकारी विभागों पर भी नप का 17 लाख रुपये बकाया है. विभाग सर्वे के बाद इसे सख्ती से लागू कर टैक्स वसूलने का कार्य करेगा. सर्वे के बाद टैक्स को लेकर जो खामियां हैं, वह भी दूर हो जायेंगी.
सर्वे के बाद बनेगा यूनिक आइडी
इस बार होने जा रहे सर्वे में सब कुछ अलग-अलग होगा. जिन आवास का उपयोग व्यावसायिक रूप में हो रहा है. उन पर व्यावसायिक हिसाब के स्लैब से टैक्स लगेगा. इसके साथ ही यूनिक आइडी (होल्डिंग नंबर) दिया जायेगा, जिसके बाद उसे नगर पर्षद की वेबसाइट पर लोड कर दिया जायेगा. जो टैक्स बकाया है उसकी भी वसूली की जायेगी.
नगर पर्षद के पास 16 हजार घरों का ही आंकड़ा
संपत्ति सर्वे का काम 15 अगस्त के बाद किया जायेगा. अगर किसी दुकान की लंबाई-चौड़ाई 70 गुना 30 है, तो 2100 स्क्वायर फुट पर जो टैक्स आयेगा, उसका 30 प्रतिशत लेस कर जोड़ा जायेगा. जिसके बाद जो राशि आयेगी उस पर नौ प्रतिशत के हिसाब से टैक्स लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि अभी तक 16 हजार घरों का ही नगर पर्षद के पास आंकड़ा है.
राजीव कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता

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