िचंता. शहरी क्षेत्र में खाली पड़ी जमीन को हथियाने के खेल में कई गिरोह सक्रि
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रेलवे की पांच एकड़ जमीन को बेचा
िचंता. शहरी क्षेत्र में खाली पड़ी जमीन को हथियाने के खेल में कई गिरोह सक्रि बक्सर : जमीनों के धंधे में भूमाफियाओं की तेजी से बढ़ती पकड़ चिंता का विषय है. पहले तो शहरी क्षेत्रों में औने-पौने दाम पर जमीन खरीद कर भूमाफियाओं ने चांदी काटी और अब इन लोगों की सरकारी जमीनों पर गिद्ध […]
बक्सर : जमीनों के धंधे में भूमाफियाओं की तेजी से बढ़ती पकड़ चिंता का विषय है. पहले तो शहरी क्षेत्रों में औने-पौने दाम पर जमीन खरीद कर भूमाफियाओं ने चांदी काटी और अब इन लोगों की सरकारी जमीनों पर गिद्ध दृष्टि पड़ गयी है. सिर्फ आम जन की जमीनों पर ही नहीं, सरकारी जमीनों पर भी निरंतर कब्जे किए जा रहे हैं. बिहार सरकार, नहर विभाग व रेलवे की सैकड़ों बीघा जमीन भूमाफियाओं के चंगुल में है. जमीन हथियाने का यह खेल प्रशासन के संज्ञान में भी है.
लेकिन, कार्रवाई में शिथिलता बरतना दाल में काला होने का संकेत देता रहा है. बक्सर में रेलवे की जमीन को हथियाने का भू-माफियाओं का खेल सामने आया है. स्टेशन के दक्षिण छोर पर रेलवे की पांच एकड़ जमीन को भू-माफियाओं ने अपना बता कर बेच दी. फर्जी कागजात के आधार पर उसका दाखिल खारिज भी करा लिया. हालांकि, मामला संज्ञान में आने के बाद रेलवे की आपत्ति पर उप समाहर्ता ने जमीन का दाखिल-खारिज रद्द करने का आदेश निर्गत कर दिया. आनन-फानन में अतिक्रमण पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिये गये, लेकिन हैरानी की बात है कि इसके बाद भी कई प्लॉटों पर अवैध निर्माण का काम जारी है.
अब तक नहीं हुई ठोस कार्रवाई
करोड़ों रुपये की रेल की जमीन पर फर्जीवाड़ा करनेवाले भू-माफियाओं पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे रेल अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं. सूत्रों के अनुसार रेल की परती जमीन को अवैध रूप से बेचने का खेल पिछले कई वर्षों से हो रहा है. भू-माफिया के रूप में दागदार रहे सौदागर पांडेय ने येन-केन प्रकारेण जमीन का फर्जी कागज बना तीस-चालीस लोगों के बीच प्लाटिंग कर जमीन को बेचा है. सौदागर पहले भी जमीन खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़े को लेकर जेल जा चुका है.
रोक के बावजूद जारी है निर्माण
रेलवे की जमीन का अवैध सौदा सामने आने के बाद भी रेल अधिकारी सोते रहे और उस पर अवैध निर्माण होता रहा है. जमीन पर दर्जन भर अवैध मकान बन चुके हैं. सूत्र बताते हैं कि रेलवे की अनदेखी से अभी भी परती जमीन पर निर्माण हो रहा है. निर्माण को रुकवाने के लिए बक्सर स्टेशन के सेक्शन इंजीनियर ने रेल सुरक्षा बल को पत्र जारी किया था, लेकिन नतीजा सिफर रहा. हालांकि अपनी जमीन पर लगातार भू-माफियाओं की ओर से कब्जे की कोशिशों के बावजूद रेलवे द्वारा रोक नहीं लगाये जाने से अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. भू-माफिया रेल अधिकारियों के इसी ढुलमुल रवैये का लाभ उठा हर कुछ दिन पर जमीन हथियाने की कोशिश करते हैं.
कैसे साकार होगा विश्व-स्तरीय स्टेशन का सपना : रेल बजट में बक्सर को विश्व स्तरीय स्टेशन बनाने की घोषणा की गयी है. इसके तहत होनेवाले कार्यों के लिए काफी जमीन की आवश्यकता होगी. वाशिंग पिट व रेलयार्ड का निर्माण कराया जाना है. महकमे के जानकारों का कहना है कि इसी तरह से रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण व अवैध कब्जा होता रहा, तो विश्वस्तरीय स्टेशन बनन का बक्सरवासियों का सपना कभी पूरा नहीं हो सकेगा. क्योंकि रेलवे के उतर की तरफ शहर बसा हुआ है, जो भी जमीनें हैं स्टेशन के दक्षिणी इलाके में ही हैं.
अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे ने मांगी जिला प्रशासन से मदद
10 वर्षों से कटती रही जमीन की रसीद
अपनी बेशकीमती जमीन को बचाने में रेल अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है. वर्षों पहले रेल की जमीन का सौदा भू-माफिया कर चुका था और अंचल रजिस्टर में अपना बता उसका रसीद भी कटवा रहा था. हाल में रेलवे की ओर से आपत्ति किये जाने के बाद भूमि उपसमाहर्ता ने इसकी जांच करायी, जिसमें मिश्रवलिया मौजा के खाता संख्या 132 अंतर्गत खेसरा संख्या 13 व 32 में पांच एकड़ एक डिसमिल जमीन रेलवे की पायी गयी. इसके बाद उपसमाहर्ता के आदेश पर अंचलाधिकारी ने विक्रेता सौदागर पांडेय द्वारा खरीद-बिक्री की गयी. उक्त जमीन की दाखिल-खारिज को रद्द कर दिया. इसके बावजूद अवैध निर्माण नहीं रुका है.
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