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26 हजार में सिर्फ आठ हजार लोग ही दे रहे होल्डिंग टैक्स

टैक्स चोरी. होल्डिंग टैक्स नहीं जमा करने से बढ़ रहा नप पर आर्थिक बोझ आठ हजार में तीन हजार होल्डिंग की गयी हैं ऑनलाइन बक्सर : किसी भी स्वतंत्र सरकारी निकाय से समुचित बुनियादी सुविधा की कल्पना तभी संभव हो सकती है. जब नगरवासियों का सहयोग व होल्डिंग टैक्स का भुगतान समय पर किया जाये. […]

टैक्स चोरी. होल्डिंग टैक्स नहीं जमा करने से बढ़ रहा नप पर आर्थिक बोझ

आठ हजार में तीन हजार होल्डिंग की गयी हैं ऑनलाइन
बक्सर : किसी भी स्वतंत्र सरकारी निकाय से समुचित बुनियादी सुविधा की कल्पना तभी संभव हो सकती है. जब नगरवासियों का सहयोग व होल्डिंग टैक्स का भुगतान समय पर किया जाये. नगर पर्षद सीमित आय के कारण लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने में सफल नहीं हो पा रहा है. इसका मुख्य कारण आधे से अधिक लोगों द्वारा वर्षों से होल्डिंग टैक्स का भुगतान नहीं करना है. भले ही शहर को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित करने की बात कही जाती हो,
मगर यह निकट भविष्य में सफल होता नहीं दिख रहा है. सर्वे के अनुसार बक्सर नगर पर्षद में कुल 26 हजार मकान बने हैं, लेकिन इनमें से महज नौ हजार लोग ही होल्डिंग टैक्स जमा कर रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में करीब 15 हजार लोग नगर पर्षद को टैक्स नहीं दे रहे हैं. इसका कारण है कि उन्होंने नगर पर्षद से नक्शा नहीं बनवाया है.
दस साल से टैक्स नहीं दे रहे सौ लोग : जानकारी के अनुसार नप क्षेत्र में करीब 26 हजार होल्डिंग (आवास) है. इसमें महज नौ हजार ही लोग नियमित रूप से होल्डिंग टैक्स देते हैं. 100 ऐसे कर दाता हैं, जो 1994 से टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं. इनमें 75 ऐसे लोग हैं जिनके पास 10 से 63, जबकि सैकड़ों ऐसे लोग हैं जिनके पास पांच से आठ हजार रुपये टैक्स बकाया है. इसमें कुछ सफेदपोश लोग भी हैं. होल्डिंग टैक्स चुकाने के प्रति सरकारी महकमा भी उदासीन है. नप की आय का मुख्य साधन होल्डिंग टैक्स व स्टॉल है.
सरकारी भवनों पर 20 वर्षों से बकाया : विकास में जनता का सहयोग न मिलने पर सख्ती से टैक्स वसूली के लिए नगर पर्षद को अभियान भी चलाना पड़ता है, लेकिन गैरजिम्मेदार बकायेदारों में आम जनता, कारोबारी, व्यापारी और रसूखदार ही नहीं हैं. इनमें बड़ी संख्या शासन के ही अहम अंग माने जानेवाले सरकारी विभाग भी शामिल हैं. नगर पर्षद में आनेवाले सरकारी भवनों पर लगभग एक करोड़ 17 लाख रुपये का होल्डिंग टैक्स बकाया है, जिसके लिये नोटिस भी भेजा गया है.
आय वृद्धि का प्रयास तेज : नप प्रशासन ने आय बढ़ोतरी की कवायद तेज कर दी है. नगर विकास विभाग के निर्देश पर धर्मशाला, विवाह भवन, लॉज, हॉस्टल, निजी स्कूलों की सूची बनाकर मापी कर टैक्स निर्धारण का काम जल्द शुरू कर दिया जायेगा. नगर विकास ने नगर पर्षद में संचालित धर्मशाला व वैंक्वेट हॉल के लिए पांच हजार वर्गफीट तक व इससे अधिक का वार्षिक शुल्क 800 से 1000 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से राजस्व वसूल करेगी.
विवाह भवन संचालित करनेवालों को पांच हजार वर्ग फुट तक के लिए 7500, लॉज चलानेवालों को 1-10 बेड तक 800, 11-20 बेड 1200 व 21- 50 तक 1500 रुपये वार्षिक व हॉस्टल चलानेवाले 1-10 बेड के लिए 800, 11-20 तक 1000, 21-50 तक 1500 व 51-100 तक बेड के लिए 2000 रुपये वार्षिक टैक्स देना होगा.
नगर पर्षद से बिना नक्शा पास कराये ही बन रहे हैं शहर में मकान
नप में ही बनेगा नक्शा
शहर में आर्किटेक्टर के नहीं रहने से नक्शे के लिए लोगों को समस्याएं हो रही हैं. इसके लिए उन्हें पटना व आरा का दौड़ लगाना पड़ रहा है. नगर पर्षद बोर्ड की बैठक में शहर में आर्किटेक्टर की उपलब्धता की मांग की गयी है. बाकी बचे होल्डिंग का निर्धारण किया जायेगा. नगर पर्षद में ही नक्शा बने इसके प्रयास किये जा रहे हैं.
इंद्रप्रताप सिंह उर्फ बबन सिंह, उप मुख्य पार्षद
नोटिस भेजने का निर्देश दिया गया है
होल्डिंग टैक्स बकायेदारों को नोटिस भेजने का निर्देश दिया गया है. इसके बावजूद टैक्स चुकता नहीं किया गया, तो अखबार में नाम प्रकाशित कराया जायेगा. शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नप प्रशासन प्रतिबद्ध है. आय बढ़ोतरी का हर संभव प्रयास किया रहा है. लोगों से शहर के विकास में अपेक्षित सहयोग की जरूरत है.
अनिल कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी

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