Waqf Bill : वक्फ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है.इसके बावजूद इस पर राजनीति जारी है. एनडीए जहां इस विधेयक को गरीब मुसलमानों के हित के लिए जरूरी बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे मुसलमानों के खिलाफ बता रहा है. इस बीच, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और वक्फ बोर्ड से तीखे सवाल पूछे हैं.
वक्फ बोर्ड ने कितने अस्पताल और बनवाए : आरिफ मोहम्मद खान
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “मैं जानता हूं कि वक्फ है तो उसका मतलब है धर्मार्थ का कार्य होना चाहिए. पटना में भी कई वक्फ प्रॉपर्टी हैं, लेकिन इसके जरिए कितने अस्पताल और स्कूल या अनाथालय बनवाए गए, जरा नाम बता दीजिए? उन्होंने कुरान की आयतों का जिक्र करते हुए वक्फ का मतलब समझाया.
फकीर और मिस्कीन दोनों के लिए है वक्फ का हक
राज्यपाल ने कुरान की आयत का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘इसमें दो प्रकार के जरूरतमंदों- फकीर (मुस्लिम) और मिस्कीन (गैर मुस्लिम) का जिक्र किया गया है. इसका अर्थ है कि वक्फ से लाभान्वित होने का अधिकार हर जरूरतमंद को है. धर्म के आधार पर नहीं. पटना में वक्फ की बहुत प्रॉपर्टी है, लेकिन आप मुझे बताइए कोई एक संस्था है जो गरीब के लिए काम कर रही है. सिर्फ आपस में मुकदमे बाजी हो रही है.
सुनाया अपने मंत्री रहने के दौरान का किस्सा
उन्होंने कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी का इस्तेमाल केवल मुस्लिमों के कल्याण के लिए नहीं है. यह हर उस शख्स के लिए है जो गरीब है, निर्धन है, जिसे सहारे की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जब मैं यूपी में मंत्री था, तो मैंने कुछ समय के लिए वक्फ विभाग संभाला था. हर समय मुझे ऐसे लोगों से मिलना पड़ता था, जिनके संपत्ति के मामले चल रहे थे.
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राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून में बदल जाएगा बिल
बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा. उल्लेखनीय है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर राज्यसभा में गुरुवार को चर्चा शुरू हुई और लगातार चली बैठक के बाद शुक्रवार तड़के यह विधेयक पारित हो गया. इसके पक्ष में 128 और विरोध में 95 मत पड़े.