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बुझ गया घर का इकलौता चिराग, घर में मातम

पांच बहनों के बीच अकेला भाई था सीआरपीएफ जवान जवान का शव तेघरा गांव बिहिया : बिक्रमगंज के खैरा गांव में अपराधियों की गोलियों का शिकार सीआरपीएफ जवान रामानुज तिवारी का शव मंगलवार को बिहिया थाना क्षेत्र के तेघरा गांव स्थित उसके घर पहुंचा. घर में शव पहुंचते ही महिलाओं समेत अन्य सभी लोगों के […]

पांच बहनों के बीच अकेला भाई था सीआरपीएफ जवान

जवान का शव तेघरा गांव
बिहिया : बिक्रमगंज के खैरा गांव में अपराधियों की गोलियों का शिकार सीआरपीएफ जवान रामानुज तिवारी का शव मंगलवार को बिहिया थाना क्षेत्र के तेघरा गांव स्थित उसके घर पहुंचा. घर में शव पहुंचते ही महिलाओं समेत अन्य सभी लोगों के करूण क्रंदन से माहौल पूरी तरह से गमगीन हो गया. तेघरा गांव के किसान अशोक तिवारी के पांच पुत्रियों में घर का इकलौता चिराग था रामानुज.
ग्रामीणों के अनुसार रामानुज के चार बहनों की शादी हो चुकी है लेकिन एक बहन की शादी करनी अभी बाकी है. घर के इकलौते चिराग के बुझ जाने का सहज ही किसी को विश्वास नहीं हो रहा था. घर के लोगों का कहना था कि मंगलवार की दोपहर में अपनी बाइक से वह बिक्रमगंज जाने के लिए बोल कर निकला था, परंतु शाम में उसकी मौत की खबर आ गयी. हत्या मामले में बताया जाता है कि जिस लड़की से मिलने के लिए वह बिक्रमगंज गया था, उसी लड़की से उसकी शादी भी तय हो चुकी थी,
लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. रामानुज तिवारी की सीआरपीएफ में वर्ष 2012 में नौकरी लगी थी तथा वर्तमान में उसकी पोस्टिंग ओड़िशा में थी. घरवालों ने बताया कि गत 15 अप्रैल को ही वह छुट्टी लेकर घर आया था तथा काफी खुश था. वहीं घटना के बाद बुधवार को सीआरपीएफ कैंप कोइलवर से सीआरपीएफ के अधिकारी मृतक रामानुज के घर पहुंचे और परिजनों को नकद सहायता के रूप में 50 हजार रुपया प्रदान किया. जानकारी के अनुसार बुधवार की देर शाम तक जवान का दाह-संस्कार नहीं किया गया था.
बताया जाता है कि मृतक जवान की माता दिल्ली गयी हुई थीं तथा बुधवार की देर शाम तक लौटने के बाद बहोरनपुर ओपी क्षेत्र के शिवपुर घाट पर अंतिम दाह- संस्कार किया जायेगा.

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