लापरवाही. निगम व नगरवासी नहीं हैं स्वच्छता को लेकर सजग
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शहर की स्वच्छता पर कूड़ादान बना धब्बा
लापरवाही. निगम व नगरवासी नहीं हैं स्वच्छता को लेकर सजग आरा : स्वच्छ भारत मिशन के तहत व स्मार्ट सिटी योजना में शुमार हो चुके आरा नगर में स्वच्छता को लेकर निगम ने पूरे नगर की मुख्य सड़कों के किनारे स्टैंड वाले कूड़ेदान लगाये थे. ताकि नगर को साफ सुथरा रखा जा सके. पर निगम […]
आरा : स्वच्छ भारत मिशन के तहत व स्मार्ट सिटी योजना में शुमार हो चुके आरा नगर में स्वच्छता को लेकर निगम ने पूरे नगर की मुख्य सड़कों के किनारे स्टैंड वाले कूड़ेदान लगाये थे. ताकि नगर को साफ सुथरा रखा जा सके. पर निगम द्वारा लगाये गये कूड़ेदान कुछ समय बाद बेकार हो गये. अधिकतर कूड़ेदान या तो टूटकर गिर गये या फिर उसके स्टैंड को जमीन के नीचे ठीक ढंग से नहीं गाड़ने के कारण उखड़ कर गिर गये. वहीं कई कूड़ेदान नगरवासियों की लापरवाही एवं नासमझी के कारण तोड़ दिये गये.
कूडेदान की स्थिति ऐसी थी कि थोड़ा सा भार भी सहन नहीं कर पाये और इस कारण टूट कर गिर गये. कई कूड़ेदान तो ऐसे जगहों पर लगाये गये हैं, जहां उनकी कोई जरूरत नहीं है. कुछ जगहों पर कूड़े का उठाव नहीं होने के कारण बदबू आ रही है. कई जगह कूड़ेदान स्टैंड सहित नाले में नजर आ रहे हैं. ऐसे में आरा को स्वच्छ रखने के लिए लाखों की लागत से जगह-जगह लगाये गये कूड़ेदान का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है. जबकि आरा नगर को स्मार्ट सिटी की सुविधाएं पाने के लिए अभी भी स्वच्छता सहित अन्य कई कसौटियों पर खरा उतरना बाकी है.
किसी जगह से डस्टबीन गायब, तो कहीं सड़क पर ही फेंका कूड़ा अपने ही शहर को गंदा कर रहे लोग
स्वच्छता में 40 अंक पर टिका है आरा शहर
स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्वच्छता के लिए 40 अंक निर्धारित किये गये हैं. ऐसे में निगम प्रशासन एवं नगरवासियों की लापरवाही स्मार्ट सिटी योजना के सपनों पर भारी पड़ सकती है. नगर निगम ने इस तरह के कूड़ेदान लगाने के लिए लगभग 20 लाख रुपये खर्च किये हैं. पर इस राशि का नगर की स्वच्छता की दिशा में कोई खास लाभ नहीं मिल पाया. हालांकि नगर की स्वच्छता को लेकर कई जगह बड़े-बड़े होर्डिंग लगाये गये हैं, ताकि लोगों में जागरूकता पैदा हो सके.
लोगों में है स्वच्छता के प्रति जागरूकता की कमी
आज भी लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता की भारी कमी है. बहुतेरे लोग अपने घरों के कूड़े कूड़ेदान में नहीं डाल कर नालियों में फेंक देते हैं या कूड़ेदान के आसपास फेंकते हैं. जिससे नालियां जाम हो जाती हैं. वहीं कई लोग प्लास्टिक के बने कूड़ेदान में कूड़ा डाल कर उसमें आग लगा देते हैं, ताकि कूड़ा जल जाये, लेकिन उसका उल्टा असर होता है कि कूड़ा सहित प्लास्टिक की बनी कूड़ेदान भी जल जाते हैं, तो कई होटल वाले अपने चूल्हे की गर्म राख को कूड़ेदान में डाल देते हैं. परिणाम होता है कि गर्म राख से प्लास्टिक के कूड़ेदान गल जाते हैं.
20 लाख खर्च कर लगाये गये थे 300 कूड़ेदान
नगर की स्वच्छता को लेकर निगम द्वारा लगाये गये कूड़ेदान को 20 लाख का खर्च किया गया है. इस राशि से पूरे नगर में 300 कूड़ेदान लगाये गये थे. पर इससे नगर की सफाई व्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. लोगों में अभी भी सफाई को लेकर जागरूकता नहीं हो पायी है. एक तरफ सरकार का प्रयास है कि नगर को देश के चुनिंदे नगरों की श्रेणी में लाया जाये. विकास की धारा बहे. वहीं इसके लिए कई संगठनों का भी प्रयास रहा है कि नगर विकास करे और स्वच्छ बने,पर सामान्य नगरवासियों के बीच शिक्षा के अभाव तथा स्वच्छता के प्रति लापरवाही के कारण नगर की स्थिति आज भी दयनीय है. सफाई में कोई खास परिवर्तन नहीं हो पाया है.
जबकि सरकार द्वारा स्वच्छता को लेकर स्वच्छता एेप भी जारी किया गया है. ताकि नगरवासी इसे लेकर शिकायत कर सके और उसके आलोक में निगम द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा सके. वहीं मोबाइल के माध्यम से भी सरकार द्वारा लोगों से स्वच्छता की जानकारी ली जा रही है और उसके आधार पर नगर के विकास को लेकर अंक दिये जाने हैं.
क्या कहते हैं नगरवासी
बहुत जगहों पर लगे कूड़ेदान को लोगों ने गायब कर दिया है. कूड़ेदान को इस तरह से लगाया जाना चाहिए कि कोई इसे चुरा नहीं सके. नगर निगम द्वारा इसकी सुरक्षा को लेकर भी कोई व्यवस्था करनी चाहिए.
दीपक कुमार, पूर्वी नवादा
कूड़ेदान अपेक्षाकृत छोटे हैं. जो जल्दी भर जाते हैं. कूड़ेदान की सफाई निगम द्वारा प्रतिदिन कराया जाना चाहिए, ताकि दूसरे दिन लोग उसमें कूड़ा डाल सकें. पर निगम द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है. कूड़ेदानों से कूड़ा को प्रतिदिन नहीं उठाया जाता है.
अभिषेक विमल, केजी रोड
निगम द्वारा मुख्य मार्ग एवं चौक-चौराहों पर लगाये गये कूड़ेदान का कार्य सराहनीय है, परंतु निगम को हमेशा इसकी देखरेख करते रहनी चाहिए. निगम के अधिकारी कूड़ादान लगाने के बाद अपने कर्तव्य का इतिश्री समझ लेते हैं. परेशानी का यह भी एक बड़ा कारण है.
मनीष कुमार, काजी टोला
स्वच्छता को लेकर निगम द्वारा लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कई तरह के उपाय करनी चाहिए. जिसमें सेमिनार, ध्वनि विस्तारक यंत्रों से प्रचार एवं नगर के प्रतिष्ठित लोगों से अपील आदि कराने की व्यवस्था करनी चाहिए.
बंटी कुमार, नवादा चौक
कूड़ेदानों को ठीक किया जायेगा. नगरवासियों के बीच होर्डिंग के माध्यम से स्वच्छता को लेकर जागरूकता पैदा की जा रही है. अभी और भी उपाय करने की योजना बन रही है, ताकि डस्टबिनों को सुरक्षित रखा जा सके एवं सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो सके.
प्रमोद कुमार, नगर आयुक्त
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