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वसूली के विरोध में सड़क जाम

आक्रोश जमीन सिंचाई विभाग की, नगर निगम वसूल रहा सैरात आरा/चांदी : चांदी थाना क्षेत्र के बहियारा हाता स्थित सिंचाई विभाग की जमीन के नाम पर चांदी चौक पर वर्षों से चल रही कथित नाजायज वसूली को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. गुस्साये ग्रामीणों ने चांदी बाजार के चांदी चौक को पूरी […]

आक्रोश जमीन सिंचाई विभाग की, नगर निगम वसूल रहा सैरात

आरा/चांदी : चांदी थाना क्षेत्र के बहियारा हाता स्थित सिंचाई विभाग की जमीन के नाम पर चांदी चौक पर वर्षों से चल रही कथित नाजायज वसूली को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. गुस्साये ग्रामीणों ने चांदी बाजार के चांदी चौक को पूरी तरह जाम कर यातायात अवरुद्ध कर दिया. इसके कारण अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. सड़क जाम कर रहे लोगों का कहना था कि पुलिस की मिलीभगत से वर्षों से बहियारा हाता की जमीन से नगर निगम के नाम पर जबरन व नाजायज वसूली की जाती है.
बालू घाटों से निकलनेवाले ट्रकों व ट्रैक्टरों से प्रति वाहन 25 व 15 रुपये का सैरात तय है, लेकिन वाहनों से सौ रुपये जबरन लिये जा रहे हैं. आनाकानी करने पर वाहनचालकों से मारपीट की जाती है. आक्रोशित ग्रामीण वर्षों से हो रही वसूली का लेखा-जोखा भी सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे. करीब ढाई घंटे तक सड़क जाम रहने के कारण वाहनों की लंबी कतार लगी रही. जाम में स्कूल बसों के फंस जाने के कारण बच्चों का बुरा हाल था. जाम के कारण राहगीरों व यात्री वाहनों को भी भारी फजीहत का सामना करना पड़ा.
इधर जाम की सूचना पर कोईलवर सर्किल पुलिस निरीक्षक चंद्रशेखर गुप्ता व थानाध्यक्ष धनंजय शर्मा दलबल के साथ जाम स्थल पर पहुंचे व लोगों से बातचीत कर अवैध वसूली नहीं होने का आश्वासन दिया गया. इसके बाद सड़क जाम हट सका और यातायात पुन: सुचारु ढंग से शुरू हो सका. बताते चलें कि चांदी थाना क्षेत्र के बहियारा हाता क्षेत्र से गुजरने वाले वाहनों से नगर निगम आरा सैरात वसूलती है. इसके लिए नगर आयुक्त ने एक पत्र जारी कर बहियारा चौकीदार जयनंदन सिंह को बहियारा हाता से गुजरनेवाले ट्रक व ट्रैक्टरों से शुल्क वसूली के लिए प्राधिकृत किया था, जिसमें प्रति ट्रक प्रति खेप 25 रुपये व प्रति ट्रैक्टर
15 रुपये शुल्क वसूलने को कहा गया था. लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों का आरोप था कि प्रति वाहन सौ रुपये व उससे ज्यादा वसूले जा रहे हैं, स्थानीय कुछ लोगों द्वारा वसूली के क्रम में वाहनचालकों से मारपीट भी की जाती है, जिसकी शिकायत प्रशासन से की गयी लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
माल महाराज का मिर्जा खेले होली : माल महाराज की और मिर्जा खेले होली वाली कहावत उक्त जमीन पर सही बैठती है. इस मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है की जिस जमीन के नाम पर वसूली की जाती है. वह जमीन बिहार सरकार व सिंचाई विभाग की है. अंचलाधिकारी मृत्युंजय कुमार के अनुसार बहियारा हाता की उक्त भूमि जिससे सैरात की वसूली की जाती है वो अंचल कार्यालय के रिकॉर्ड में बिहार सरकार व सिंचाई विभाग की है. लेकिन नगर निगम किस अधिकार से वर्षों से उक्त जमीन से सैरात की वसूली कर रही है समझ से परे है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर उक्त भूमि नगर निगम की है तो वर्षों से चल रहे वसूली से प्राप्त करोड़ों करोड़ रुपये स्थानीय नागरिक सुविधाओं में क्यों नहीं लगाये जाते.

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