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छात्र नेताओं व पुलिस में नोकझोंक, हाथापाई

आक्रोश. रोहित वेमुला की मौत के एक साल पर आइसा व इनौस ने निकाला जुलूस, किया हंगामा डीएम के कार्यालय कक्ष के सामने ही बैठ गये धरना पर पुलिस छावनी में तब्दील रहा समाहरणालय परिसर आरा : रोहित वेमुला की मौत के एक साल गुजरने पर आइसा व इनौस के कार्यकर्ताओं ने विरोध जुलूस निकाला. […]

आक्रोश. रोहित वेमुला की मौत के एक साल पर आइसा व इनौस ने निकाला जुलूस, किया हंगामा

डीएम के कार्यालय कक्ष के सामने ही बैठ गये धरना पर
पुलिस छावनी में तब्दील रहा समाहरणालय परिसर
आरा : रोहित वेमुला की मौत के एक साल गुजरने पर आइसा व इनौस के कार्यकर्ताओं ने विरोध जुलूस निकाला. इस दौरान समाहरणालय में बवाल मचाया. विरोध मार्च निकालने के बाद आइसा व इनौस के कार्यकर्ताओं का जत्था समाहरणालय पहुंचा, जहां जबरन परिसर में घुस गये और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान पुलिस कर्मियों के साथ नोकझोंक व हाथापाई तक हुई. प्रशासन के अधिकारियों के साथ भी बकझक हुई. एक समय तो स्थिति काफी बिगड़ गयी थी. पुलिस प्रशासन भी कड़ा रूख अख्तियार करने के मूड में आ गया था. आइसा और इनौस के कार्यकर्ता डीएम कार्यालय के सामने ही धरना पर बैठ गये थे और वहां से हटने का नाम नहीं ले रहे थे.
बाद में एसडीओ नवदीप शुक्ला के साथ हुई वार्ता के बाद मामला पटरी पर आया. इसके बाद आइसा-इनौस कार्यकर्ताओं का एक शिष्टमंडल डीएम से मिला और अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. इसको लेकर समाहरणालय परिसर में घंटों अफरातफरी का माहौल कायम रहा. कार्यकर्ता जुलूस निकालते हुए समाहरणालय के गेट पर पहुंचे, तो सुरक्षा कर्मियों ने मेन गेट बंद कर दिया. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने बल प्रयोग करना शुरू कर दिया. पुलिस कर्मियों के लाख प्रयास के बाद भी कार्यकर्ता नहीं रुके और गेट को तोड़ते हुए अंदर प्रवेश कर गये. इसके बाद नगर और नवादा थाने के साथ भारी संख्या में पुलिस बल समाहरणालय पहुंच गये और देखते-देखते समाहरणालय परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया.
केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ की गयी नारेबाजी : आइसा व इनौस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रमना मैदान स्थित वीर कुंवर सिंह पार्क से इंसाफ मार्च निकाला, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचा. इस दौरान बिहार व केंद्र सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की जा रही थी. विरोध-प्रदर्शन व मार्च के बाद एक सभा हुई, जिसका संचालन आइसा नेता संदीप ने किया. आइसा जिलाध्यक्ष सबीर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज बिहार में लगातार हत्याओं का दौर जारी है, जिससे कोई अछुता नहीं है. लगातार महादलित परिवारों पर हमले हो रहे हैं, हत्याएं हो रही हैं और अब स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राएं भी सुरक्षित नहीं हैं. पिछले दिनों वैशाली के राजकीय आंबेडकर कन्या आवासीय विद्यालय में महादलित परिवार की 10वीं कक्षा की छात्रा के साथ बलात्कार और बर्बर हत्या का मामला सामने आया है. इसके साथ ही कैंपसों में हो रहे भेदभाव और उत्पीड़न को दंडनीय अपराध की श्रेणी में लाये जाने और उनकी आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने के लिए ‘रोहित एक्ट’ बनाने की मांग की गयी. इनौस नेता उपेंद्र भारती ने कहा कि बिहार में तथाकथित सामाजिक न्याय की सरकार में कमजोर वर्ग की छात्राओं पर बढ़ रहे दमन से सरकार का असली चेहरा उजागर हो रहा है. नीतीश सरकार छात्राओं के सशक्तीकरण का दावा कर रही है, लेकिन आज सरकारी विद्यालय भी छात्र-छात्राओं के लिए कत्लगाह बन चुका है.
छात्रा हत्याकांड की न्यायिक जांच की मांग
आइसा व इनौस का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिला और हाजीपुर की छात्रा हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों को कड़ी सजा देने, पीड़िता के परिवार को 20 लाख मुआवजा, जेएनयू के छात्र नाजीब को ढूंढने और कैंपस में जातिगत भेदभाव खत्म करने के लिए रोहित एक्ट लागू करने से संबंधित मांगों को रखा. इस कार्यक्रम में आइसा के जिलाध्यक्ष सबीर, आइसा के राज्य कार्यकारिणी संदीप कुमार, रंजन, अभिषेक, संजय साजन, सुधीर, अभय कुशवाहा, एजाज अंसारी, धीरेंद्र, इमरान, मुकेश पाल, अनिल, इनौस के राज्य कार्यकारिणी सदस्य उपेंद्र भारती, राज्य कमेटी सदस्य मनीर आलम, चंदन कुमार, अभय सिंह, निराला जी, जितेंद्र पासवान, सुरेश पासवान, भूषण यादव सहित सैकड़ों छात्र-नौजवान शामिल थे.

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