पीरो : फतेहपुर बाजार में शनिवार को दिनदहाड़े सिकरौल पैक्स अध्यक्ष के भाई राजेश कुमार पांडेय की गोली मार कर हत्या किये जाने की घटना के बाद एक बार फिर क्षेत्र में खूनी संघर्ष की आशंका को भांप कर लोग दहशत में हैं. फतेहपुर बाजार पर पुलिस का पहरा है. डीएसपी पुलिस बल के जवानों […]
पीरो : फतेहपुर बाजार में शनिवार को दिनदहाड़े सिकरौल पैक्स अध्यक्ष के भाई राजेश कुमार पांडेय की गोली मार कर हत्या किये जाने की घटना के बाद एक बार फिर क्षेत्र में खूनी संघर्ष की आशंका को भांप कर लोग दहशत में हैं. फतेहपुर बाजार पर पुलिस का पहरा है. डीएसपी पुलिस बल के जवानों के साथ कैंप कर रहे हैं. हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा कई जगहों पर छापेमारी की गयी. हालांकि अभी अपराधी पुलिस की पकड़ में नहीं आये हैं.
मृतक के भाई के बयान पर छह लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है. शनिवार को दिनदहाड़े हुई इस घटना के बाद फतेहपुर बाजार में मची अफरातफरी के बाद यहां की दुकानें बंद हो गयी थी़ं दूसरे दिन रविवार को भी यहां लोगों के मन में दहशत कम नहीं दिखी़ इसी कारण रविवार को भी आधे दिन तक बाजार की लगभग सभी दुकानें बंद रही़ं दोपहर के बाद यहां हिम्मत जुटा कर कुछ लोग ही अपनी दुकानें खोल पाये़ हालांकि शनिवार को घटना के बाद से ही पुलिस की गश्त यहां लगातार जारी है़ रविवार को भी फतेहपुर बाजार में पुलिस के जवान तैनात दिखे, जबकि पुलिस की गाड़ियां क्षेत्र में गश्त लगाती भी नजर आयी लेकिन इसके बावजूद यहां लोग दहशत में हैं.
नब्बे के दशक में वर्चस्व को ले खूनी संघर्ष का चला था लंबा दौर : नब्बे के दशक में यहां वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष का लंबा दौर चला था, जिसमें कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी़ हालांकि इसके बाद हाल के वर्षों में क्षेत्र में काफी हद तक शांति की स्थिति बनी हुई थी़ पर चार वर्ष पूर्व आरा के जगदेव नगर में सिकरहटा थाना क्षेत्र के चंदा गांव निवासी पैक्स अध्यक्ष मुन्ना सिंह की हत्या ने फतेहपुर और आसपास के क्षेत्र में संघर्ष की पृष्ठभूमि तैयार कर दी थी़ मुन्ना सिंह हत्याकांड में सिकरौल के पैक्स अध्यक्ष नागेश पांडेय उर्फ छोटकन और उसके जुड़वा भाई राजेश कुमार पांडेय उर्फ बड़कन को अभियुक्त बनाया गया था़
उक्त हत्याकांड के करीब चार साल बाद तक क्षेत्र में शांति के बाद शनिवार को सरेआम राजेश कुमार पांडेय उर्फ बड़कन की दिनदहाड़े हत्या ने खूनी संघर्ष शुरू होने की लोगों की आशंका को पूरी तरह बल दे दिया है़ अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि राजेश पांडेय की हत्या के बाद खूनी संघर्ष का यह दौर खत्म होने के बजाय एकबार फिर से तेज होगा़ इस घटना से जहां दाेनों पक्षों से आमने- सामने हैं, वहीं सिकरौल तथा फतेहपुर बाजार के आम लोग भी दहशतजदा हैं, जिसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है़ अब देखना यह है कि स्थानीय प्रशासन भविष्य में इस खूनी संघर्ष को रोकने में कितने हद तक कामयाब होगा
फतेहपुर बाजार पर रहा पुलिस का पहरा, डीएसपी कर रहे है कैंप
फतेहपुर में दूसरे दिन भी बंद रहीं अधिकांश दुकानें
हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई जगहों पर की छापेमारी
नोट: पैक्स अध्यक्ष के भाई की हत्या का फॉलोअप