दिखा उत्साह. लोगों ने विधि विधान के साथ की लक्ष्मी व गणेश की पूजा-अर्चना
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हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी दीपावली
दिखा उत्साह. लोगों ने विधि विधान के साथ की लक्ष्मी व गणेश की पूजा-अर्चना आरा : जहां देखे हर तरफ प्रकाश- ही- प्रकाश दिखाई दे रहा था़ सभी लोगों ने इस अवसर पर अपने संबंधियों सहित इष्ट मित्रों को जहां बधाई दी, वहीं प्रसाद भी खिलाया़. नगर के सभी हिंदुओं की दुकानों में मां लक्ष्मी […]
आरा : जहां देखे हर तरफ प्रकाश- ही- प्रकाश दिखाई दे रहा था़ सभी लोगों ने इस अवसर पर अपने संबंधियों सहित इष्ट मित्रों को जहां बधाई दी, वहीं प्रसाद भी खिलाया़. नगर के सभी हिंदुओं की दुकानों में मां लक्ष्मी एवं भगवान श्री गणेश की धूमधाम से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा की गयी़.
वहीं अपने-अपने घरों में भी लोगों ने पूरे विधि विधान एवं भक्तिमय माहौल में मां लक्ष्मी एवं भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना की गयी़ वहीं नगर के सभी मंदिरों में भी दिन भर पूजा का सिलसिला जारी रहा़. मंदिरों सहित सभी जगह घंटे एवं शंख ध्वनि से वातावरण गूंज रहा था़. हर्षोल्लास एवं भक्तिमय माहौल में दीपावली संपन्न हो गया़. इस अवसर पर सभी मंदिरों को काफी आकर्षक ढंग से सजाया गया था़. वहीं लोगों ने अपने घरों को भी भव्य तरीके से सजाया था़. नगर के बाजारों में पूजा पाठ के सामान सहित मिठाई व पटाखों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ लगी रही़.
दुकान व घरों में भी की गयी पूजा : नगर में दीपावली के अवसर पर विधि- विधान से पूजा- अर्चना की गयी़. वैदिक मंत्रोच्चार से वातावरण गुंजायमान हो रहा था़. वहीं हवन पूजन से वातावरण काफी आर्कषक एवं भक्तिमय लग रहा था़. चारों तरफ शंख ध्वनि सुनाई दे रही थी़. वहीं लोगों द्वारा अपने-अपने घरों में भी धूमधाम से पूजा- अर्चना की गयी़. सभी तरफ भक्तिमय माहौल बना हुआ था़. सभी मां लक्ष्मी को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे थे़.
चलता रहा बधाई देने का सिलसिला : दीपावली के अवसर पर सभी अपने-अपने संबंधियों, मित्रों एवं परिचितों को बधाई दे रहे थे़. वहीं प्रसाद बांटने का सिलसिला भी दिन भर जारी रहा़. मंदिरों में भी बजते रहे शंख एवं घंटे, पुजारियों सहित लोगों ने भी की पूजा-अर्चना दीपावली को लेकर नगर के सभी मंदिरों में सुबह से ही पूजा- अर्चना का सिलसिला जारी था, जो देर शाम तक चलता रहा़. पुरुष, महिला, बच्चे सहित मंदिरों के पुजारियों द्वारा पूजा की जा रही थी़ इस दौरान सभी मंदिरों में शंख ध्वनि की गूंज सुनाई दे रही थी, वहीं मंदिर के घंटे भी बजते रहे, जिससे वातावरण गुंजायमान होता रहा़.
लड्डू की दुकानों लगी रही भीड़ : दीपावली को लेकर मिठाइयों खास कर लड्डू की दुकानों पर काफी भीड़ लगी रही़. लड्डू की मिठाइयां ही विशेष रूप से प्रसाद में चढ़ाने के लिए लोग खरीद रहे थे तथा प्रसाद के रूप में प्रयोग कर रहे थे़
मिट्टी के दीयों की खूब हुई बिक्री : दीपावली को लेकर मिट्टी के दीये इस बार अधिक बिक रहे थे़ मिट्टी के दीयों की दुकानों पर खरीदारों की काफी भीड़ लगी रही़. कई दुकानों पर तो दीये घट गये़. इस कारण दीये काफी महंगे हो गये थे़.
80 रूपये से 200 रुपये प्रति सैकड़ा तक बिके दीये : इस बार लोगों द्वारा मिट्टी के दीये की अधिक खरीदारी करने के कारण दीपावली के दिन उनके दाम काफी चढ़ गये़. दीपावली के एक दिन पहले तक जो दीये 60 रुपये प्रति सैकड़े की दर से बिक रहे थे, वहीं दीपावली के दिन 80 रुपये से 200 रुपये तक प्रति सैकड़ा की दर से बिके़. शीशमहल चौक के पास 80 रुपये, मौलाबाग में 80 से 100 रुपये तथा चंदवा मोड़ के पास 200 रुपये प्रति सैकड़ा तक बेचे जा रहे थे. जबकि बड़े दिये 250 रुपये से 500 रुपये तक प्रति सैकड़ा बेचे जा रहे थे़.
सीरीज बल्बों की हुई काफी कम बिक्री : इस बार दीपावली में सीरीज बल्बों की काफी कम बिक्री हुई़. कई दुकानदारों जिनमें संजय कुमार सिन्हा, मनीष जैन, अभिषेक जैन, हरेंद्र कुमार, रविश प्रसाद जेल रोड तथा डाबर गली के दुकानदारों ने बताया कि इस दीवाली के अवसर पर सीरीज बल्बों की काफी कम बिक्री हुई़. इस वर्ष बिक्री में 25 से 30 प्रतिशत की गिरावट आयी है़.
इस बार दीपावली पर दिखा देशभक्ति का जज्बा : हर वर्ष से इस बार की दीवाली थोड़ा भिन्न रही़ लोगों में देशभक्ति का जज्बा दिखा़ अपने दुश्मन देश का सामान उपयोग नहीं करने का लोगों में उत्साह दिख रहा था़ इस कारण लोगों ने चीन निर्मित सीरीज बल्बों सहित अन्य सामानों की काफी कम मात्रा में खरीदारी की़
नगर के घरों में भी काफी कम घरों में सीरीज बल्ब लगाये गये थे़ इस बार लोगों ने मिट्टी के दीये तथा मोमबती का अधिक प्रयोग किया गया़.
लगभग आठ करोड़ की हुई खरीद-बिक्री : नगर में दीपावली पर लगभग आठ करोड़ की खरीद-बिक्री का अनुमान है़. इसमें लड्डू, मां लक्ष्मी एवं भगवान गणेश की मूर्ति, वस्त्र, पटाखा, अन्य तरह की मिठाइयां, मोमबती, मिट्टी का दीया, घी, तेल सहित पूजा के अन्य सामान शामिल हैं.
पूरी की गयी कुल्हिया भरने की परंपरा : पीरो . दीपावली के मौके पर कुल्हिया-चुकिया भरने की परंपरा का भी बखूबी पालन किया गया़ इस दौरान घरौंदा बना कर कुंवारी कन्याओं ने उसके सामने विधिवत रूप से कुल्हिया-चुकिया भरने की रस्म पूरी की़ इसमें कुंवारी कन्याएं मिट्टी के बने खिलौनानुमा बरतनों में मूरी, फरूही, चीनी से बनी पक्षियों की आकृति वाली मिठाइयां भरकर भावी जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करती हैं.
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