सुपौल : वैरो पंचायत स्थित पलासपुर गांव में हुए नदी हादसे से आठ वर्षीय कर्ण की जिंदगी एक बार फिर भटकाव की स्थिति में पहुंच गयी. नदी हादसे में कर्ण की नानी रुकमिनी देवी और मौसी इंदू कुमारी की मौत हो गयी. दोनों को कर्ण ने ही मुखाग्नि दी. एक साल पूर्व कर्ण की मां रंजू देवी की मौत बीमारी के कारण हो गयी थी. पिता ने सात वर्षीय पुत्र को लावारिस छोड़ कर दूसरी शादी रचा ली. अनाथ हुए कर्ण को नानी रुक्मिनी देवी अपने घर लायी और इसका पालन पोषण करने जुट गयी. नदी हादसा में नानी और मौसी की मौत के बाद कर्ण की दुनिया एकबार फिर उजड़ गयी.
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नदी हादसे ने उजाड़ दिया आठ वर्षीय कर्ण का जीवन
सुपौल : वैरो पंचायत स्थित पलासपुर गांव में हुए नदी हादसे से आठ वर्षीय कर्ण की जिंदगी एक बार फिर भटकाव की स्थिति में पहुंच गयी. नदी हादसे में कर्ण की नानी रुकमिनी देवी और मौसी इंदू कुमारी की मौत हो गयी. दोनों को कर्ण ने ही मुखाग्नि दी. एक साल पूर्व कर्ण की मां […]
राजो है बदहवास: नदी हादसा में एक साथ पत्नी व पुत्री को खोने के बाद बदहवास बने राजो की मनोदशा को समझना शायद किसी के बस की बात नहीं है. खेतीहर मजदूर 55 वर्षीय राजो कामत की पत्नी व पुत्री दोनों शनिवार को नदी हादसा में असमय काल के गाल में समा गयी. ग्रामीणों ने बताया कि महज एक साल पूर्व राजो की शादीशुदा पुत्री रंजू देवी की मौत हो गयी थी.
पुत्री के मौत से व्यथित परिवार अब तक उबर भी नहीं पाया था कि शनिवार की घटना ने एक बार फिर बहुत कुछ मिटा दिया. शनिवार की सुबह से राजो की मानसिक स्थिति कमजोर हो गयी है. ग्रामीणों ने बताया कि अप्रैल 2015 में गांव में एक व्यक्ति के घर में आग लगी थी. राजो अकेले अपने दम पर आग बुझाने में कामयाब रहा था, लेकिन अब जो आग राजो के जीवन में लगी है उसे वह कैसे बुझा पायेगा. यह यक्ष प्रश्न कर्ण के समक्ष खड़ा है.
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