कागजों में दर्जा देने से विकास हो जाता या समस्याओं का समाधान हो जाता, तो मिनट भर में हर गांव, शहर व नगर विकास के उच्चतम स्तर पर होते, पर ऐसा संभव नहीं है. प्रशासनिक महकमों में कागजों पर ही नालियां, सड़कें व भवन बन जाते हैं. छात्रों को छात्रवृत्ति भी मिल जाती है, पर जमीन पर कुछ नहीं दिखता.
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विकास का पहिया पड़ा है जाम
कागजों में दर्जा देने से विकास हो जाता या समस्याओं का समाधान हो जाता, तो मिनट भर में हर गांव, शहर व नगर विकास के उच्चतम स्तर पर होते, पर ऐसा संभव नहीं है. प्रशासनिक महकमों में कागजों पर ही नालियां, सड़कें व भवन बन जाते हैं. छात्रों को छात्रवृत्ति भी मिल जाती है, पर […]
आरा : आज के हालात में विकास की स्थिति को लेकर सबकुछ ठीक ठाक नहीं है. कई बार ऐसा हो रहा है कि पैसा तो खर्च हो रहा है, पर कार्य नहीं दिख रहा. कई बार ऐसा हो रहा है कि पैसा तो है पर सुस्ती, अकर्मण्यता अब जनता के प्रति प्रतिनिधियों के असंवेदनशीलता के कारण पैसा वापस चला जाता है. आरा नगर निगम में प्राय: यह स्थिति बनी रहती है. जनता तक विकास का पहिया पहुंचने में काफी समय लग रहा है. निगम के वार्ड नंबर 17 में समस्याओं के मकड़जाल का जब ऑन द स्पॉट पड़ताल किया गया तो कई समस्याएं जनता को परेशान करती नजर आयी. वार्ड नंबर 17 के अंतर्गत महात्मा गांधी नगर, जैन कॉलेज, स्टेशन होते हुए सरकारी बस पड़ाव, को-ऑपरेटिव बैंक, कृषि भवन, प्रखंड कार्यालय, कतीरा होते हुए विवि के सामने ओवर ब्रीज से पूरब रेलवे लाइन से उत्तर का क्षेत्र पड़ता है.
जलजमाव की समस्या से जूझ रहा वार्ड : वार्ड की सबसे महत्वपूर्ण समस्या पानी के जाम का है. वार्ड के नालियों को मुख्य नाला से नहीं जोड़ने के कारण पानी का बहाव नहीं हो पाता है. इससे पानी जाम की समस्या से पुरा वार्ड जुझ रहा है. वार्ड में पानी निकासी का व्यवस्था नहीं होने से लोगों में काफी आक्रोश है.
सड़कों की स्थिति ठीक नहीं : वार्ड अंतर्गत कई सड़के बदतर स्थिति में है. हालांकि कई सड़कों का निर्माण हुआ है. वहीं अभी भी कई गलियां पक्कीकरण के इंतजार में है. सड़कों की स्थिति ठीक नहीं होने से लोगों के आवागमन में काफी परेशानी होती है.
बिजली व स्ट्रीट लाइट की कमी : वार्ड में 17 से 18 घंटे बिजली रहती है. तारों की स्थिति ठीक नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई जगह तार जर्जर स्थिति में है. वहीं, पर्याप्त मात्रा में सभी गलियों में बिजली के पोल नहीं लगाये गये है. कई गलियों में स्ट्रीट लाइट नहीं लगाये गये हैं.
पर कई गलियों में अभी भी स्ट्रीट लाइट नहीं होने से रात्रि में अंधेरा हो जाता है. इससे वार्ड वासियों को परेशानी होती है. वहीं कई लाइट रखरखाव के अभाव मे खराब पड़े है.
वार्ड नं 17 की गली में पसरा पानी.
करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी नहीं दिखता कहीं विकास
सफाई कर्मी आते तो हैं, पर सफाई समुचित तरीके से नहीं हो पाती है. प्रतीत होता है कि नगर निगम में कर्मियों की कमी है. कई जगह कचरों का अंबार देखने को मिलता है. सफाई के मामले में अभी सुधार की जरूरत है.
राहुल कुमार, वार्डवासी
नालियों की सफाई होती है पर कई नालियां अब भी कचरों से जाम पड़े हैं. बरसात का समय है, पानी की निकासी ठीक से नहीं हो पाती है. नतीजा जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
रविकांत तिवारी, वार्डवासी
सड़क टूट कर जानलेवा बन गया है. आने-जाने में भय महसूस होता है. दोपहिया वाहन चालक अक्सर गिर कर चोटिल हो जाते हैं. कई जगह कचरा भी फैला हुआ है, जिससे बदबू निकलती रहती है. इससे परेशानी होती है.
राधे श्याम ठाकुर, वार्डवासीवार्ड में सफाई नहीं होती है. वहीं, कई गलियों में स्ट्रीट लाइटें नहीं लगायी गयी हैं. जहां लगी हैं, वहां कुछ खराब पड़ी हैं. इसकी मरम्मत नहीं होती है. इससे वार्ड वासी को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
अरविंद कुमार, वार्डवासी
जन समस्याओं के प्रति मैं जागरूक रहती हूं. वार्ड में कई स्ट्रीट लाइटें लगवायी हूं, पांच घरों में शौचालय निर्माण की प्रक्रिया जारी है. वार्ड में जो भी समस्याएं होंगी, उसका निराकरण किया जायेगा.
नीलम देवी, वार्ड आयुक्त
वार्ड आयुक्त द्वारा प्राथमिकता के आधार पर दिये गये कार्यों को निगम पूरा करेगा. कई कार्य कराये भी गये हैं. शेष अन्य कार्य भी सूचीबद्ध तरीके से कराये जायेंगे. जन समस्याओं की अनदेखी नहीं होगी, हर हाल में निराकरण होगा.
प्रमोद कुमार, नगर आयुक्त
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