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हादसे में बालक की मौत पर हंगामा

दुखद. बड़े भाई को खाना देने जा रहे 11 वर्षीय छात्र को ओवरलोडेड ट्रैक्टर ने कुचला आरा/संदेश : सोमवार की दोपहर संदेश थाने के नारायणपुर बकरी गांव के समीप अपने भाई को खाना देने जा रहे 11 वर्षीय छात्र को एक ओवरलोडेड ट्रैक्टर ने कुचल दिया, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. बच्चे […]

दुखद. बड़े भाई को खाना देने जा रहे 11 वर्षीय छात्र को ओवरलोडेड ट्रैक्टर ने कुचला

आरा/संदेश : सोमवार की दोपहर संदेश थाने के नारायणपुर बकरी गांव के समीप अपने भाई को खाना देने जा रहे 11 वर्षीय छात्र को एक ओवरलोडेड ट्रैक्टर ने कुचल दिया, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. बच्चे की मौत से आक्रोशित लोगों ने संदेश-सक्कड्डी मुख्य पथ को जाम कर दिया.
घटनास्थल पर जाम कर रहे लोग व परिजन मुआवजे तथा दोषी ट्रैक्टरचालक को सजा देने की मांग कर रहे थे. सड़क जाम के कारण चौतरफा जाम लग गया और आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया. करीब आठ घंटे तक आवागमन ठप रहा. मिली जानकारी के अनुसार, मो शहाबुद्दीन के पुत्र 11 वर्षीय मो सोनू नारायणपुर गांव के मध्य विद्यालय का छात्र था. सोमवार की दोपहर वह अपने भाई के लिए घर से बाजरा के खेत में खाना लेकर जा रहा था कि रास्ते में रुक कर पेशाब करने के लिए बैठा, तभी पीछे से आ रहे ट्रैक्टर से चालक ने नियंत्रण खो दिया, जिससे सोनू चपेट में आ गया.
सोनू की मौत से गुस्साये ग्रामीणों ने संदेश-सकड्डी मुख्य मार्ग को जाम कर मुआवजे की मांग करने लगे. जाम की वजह से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया व वाहनों की लंबी कतार लग गयी. घटनास्थल पर तत्काल संदेश थाने की पुलिस पहुंची व जाम छुड़ाने के प्रयास में जुट गये. घटनास्थल पर पवना थाने की पुलिस के अलावा नारायणपुर थाने की पुलिस भी पहुंच गयी, लेकिन ग्रामीण बिना मुआवजा के सड़क जाम हटाने को तैयार नहीं थे. घटनास्थल पर अधिकारियों को बुलाने की मांग की जा रही थी.
पांच मांगों के समर्थन में जाम की सड़क : घटना से आक्रोशित ग्रामीण पांच लाख मुआवजा, सरकारी नौकरी व घटनास्थल पर अधिकारियों को बुलाने, अवैध बालू घाट बंद करने, ओवरलोडेड ट्रैक्टर को जब्त करने तथा थानेदार पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. घटनास्थल पर आठ घंटे बाद भी जिले से कोई अधिकारी नहीं पहुंचे थे. वहीं, दोपहर से लगे जाम से लोग काफी परेशान थे.
स्थानीय लोगों द्वारा घटना की सूचना अधिकारियों व पुलिस प्रशासन को दी गयी.
इसके बावजूद कोई भी अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच स्थिति का जायजा लेना मुनासिब नहीं समझा. घटनास्थल पर सबसे पहले संदेश थाने की पुलिस पहुंची. इसके बाद चांदी थाने व पवना थाने की पुलिस पहुंची. लेकिन, ग्रामीण बिना अधिकारी को बुलाये जाम हटाने को तैयार नहीं थे .समाचार लिखे जाने तक जाम की यथावत स्थिति बनी हुई थी.
उग्र लोगों ने शव के साथ आठ घंटे तक जाम की सड़क
आठ घंटे तक बेटे के शव के पास दहाड़ मारती रही मां
ऊस्ना खातून ने अपने छोटे बेटे को बड़े भाई के लिए रोटी देने के लिए खुशी-खुशी भेजी थी. परंतु महज 20 मिनट बाद ही पड़ोस की एक महिला ने बताया कि तुम्हार छोट बेटा के एक्सीडेंट हो गईल बा. इतना सुन ऊस्ना खातून बदहवास हाल घटनास्थल की ओर दौड़ पड़ी. घटनास्थल पर बेटे के शव को देख हले तो उसे जमीन पर लिटाया, फिर दहाड़ मार कर रोने लगी, ई का हो गईल रे बेटा….. इस मार्मिक दृश्य को देख कर शायद ही कोई ऐसा होगा,
जिसकी आंख भर नहीं आयी होगी. मां की दहाड़ ने उपस्थित सभी को झकझोर दिया. उधर, घटना की सूचना जैसे-जैसे लोगों को मिली, घटनास्थल पर इकट्ठा हो गये तथा मां की दहाड़ ने उन्हें आक्रोशित कर दिया और लोगों ने सड़क जाम कर दिया. इस दौरान पुलिस वाले जाम हटाने का प्रयास करते रहे, लेकिन लोगों का गुस्सा बढ़ता गया, नतीजा पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा. गुस्साये ग्रामीणों के पास पुलिस वालों को फटकने तक की हिम्मत नहीं हो पा रही थी. समाचार लिखे जाने तक स्थिति यथावत बनी हुई थी.

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