बाढ़ की विभीषिका प्रमंडलीय आयुक्त व प्रभारी सचिव ने बाढ़ग्रस्त बड़हरा प्रखंड का लिया जायजा, राहत शिविरों में रह रहे बाढ़ पीड़ितों का जाना हाल
Advertisement
बाढ़ का पानी घटा, पर परेशानी नहीं हुई कम
बाढ़ की विभीषिका प्रमंडलीय आयुक्त व प्रभारी सचिव ने बाढ़ग्रस्त बड़हरा प्रखंड का लिया जायजा, राहत शिविरों में रह रहे बाढ़ पीड़ितों का जाना हाल आरा : जिले में गंगा व सोन का जल स्तर धीरे- धीरे घटना शुरू हो गया है. पिछले चार दिनों से लगातार गंगा और सोन का जल स्तर घट रहा […]
आरा : जिले में गंगा व सोन का जल स्तर धीरे- धीरे घटना शुरू हो गया है. पिछले चार दिनों से लगातार गंगा और सोन का जल स्तर घट रहा है. फिर भी बाढ़ प्रभावित 372 गांवों के लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है. इन गांवों के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है. कई परिवार राहत शिविर में विस्थापितों की जिंदगी जीने को विवश हैं. वहीं कई परिवार तटबंधों पर पॉलीथिन शीट के अस्थायी आशियाना में जीवन यापन कर रहे हैं.
जबकि कई परिवार अभी भी पानी खत्म होने के इंतजार में अपने घरों की छतों पर इंतजार कर रहे हैं. बाढ़ त्रासदी से परेशान गांव वाले पशु की तरह पशु के साथ जीवन जीने को विवश हैं. यही नहीं जो विस्थापित परिवार राहत शिविरों में रह रहे हैं, उनकी तो और हालत खराब है. रात्रि पहर राहत शिविरों में व्याप्त कुव्यवस्था के बीच रहने को विवश हैं. बाढ़ की चपेट में इस बार जिले की 6 लाख 54 हजार 840 आबादी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. जबकि अब तक 16 व्यक्ति और 24 पशुओं की बाढ़ के पानी में डूबने से मृत्यु होने की प्रशासन द्वारा पुष्टि की गयी है.
प्लस टू हाइ स्कूल बबुरा के राहत शिविर में पहुंचे आयुक्त और प्रभारी सचिव : पटना प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर और जिले के प्रभारी सचिव अरुण कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से बड़हरा प्रखंड के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर जायजा लिया. इस दौरान जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव, पुलिस अधीक्षक छत्रनील सिंह, उपविकास आयुक्त इनायत खान, अपर समाहर्ता सुरेंद्र प्रसाद, अनुमंडलाधिकारी सदर नवदीप शुक्ला के साथ सभी आलाधिकारी उपस्थित थे. बड़हरा प्रखंड के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के दौरा के क्रम में प्रमंडलीय आयुक्त और प्रभारी सचिव ने रास्ते में मिलने वाले सभी राहत शिविरों का हाल जाना. वहीं राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित पीड़ितों से चलाये जा रहे राहत कार्य के कमियों और
परेशानियों के विषय में भी पूछा. इस पर सभी विस्थापितों ने कमोवेश प्रशासन की व्यवस्था पर महज संतोष व्यक्त किया है. इधर बबुरा स्थित प्लस टू हाइ स्कूल में चल रहे राहत कार्य शिविर में पहुंच कर आयुक्त और प्रभारी सचिव ने बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाये जा रहे पका-पकाये भोजन का भी स्वाद चखा. वहीं राहत शिविर में उपलब्ध सभी व्यवस्थाओं का विस्तार से जायजा लिया. आयुक्त ने मौके पर उपस्थित जिलाधिकारी को राहत शिविर में रह रहे बच्चो के पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था सोमवार से शुरू कराने का निर्देश दिया. वहीं चिकित्सकों से डायरिया की रोक थाम, सांप काटने पर दी जाने वाली दवा आदि की पर्याप्त मात्रा उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है. वहीं सभी शिविरों में सुबह शाम ब्लिचिंग पाउडर व गैमेक्शीन पाउडर का छिड़काव कराने को कहा. इसके बाद बड़हरा पहुंच आयुक्त ने डीएम के अलावा सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ से उत्पन्न हालात की समीक्षा की. वहीं बाढ़ का पानी घटने के बाद महामारी उत्पन्न होने की आशंका के साथ होनेवाली परेशानियों को लेकर पहले ही सभी तरह की तैयारी के साथ अलर्ट रहने का अधिकारियों को निदेश दिया.
पिछले चार दिनों में 56 सेंटी मीटर गंगा का जल स्तर हुआ कम : बाढ़ का पानी बड़हरा में पिछले चार दिनों के अंदर 56 सेंटी मीटर घटा है. गंगा का जल स्तर पिछले 25 अगस्त से लगातार घटना शुरू है. 25 अगस्त को गंगा का जल स्तर 10 सेंटी मीटर घटा था. 26 अगस्त को गंगा का जल स्तर 12 सेंटी मीटर घटा. 27 अगस्त को 19 सेंटी मीटर, जबकि 28 अगस्त को 15 सेंटी मीटर घटा है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी है बाढ़ जैसी हालत : पानी घटने के बाद भी बाढ़ प्रभावित 372 गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. गंगा का जल स्तर घटने का क्रम धीरे – धीरे चल रहा है. जिसके कारण इन गांवों को अभी भी बाढ़ के पानी से निजात नहीं मिल पायी है.
गंगा का पानी कम होने से सिर्फ इन गांवों के बधार से धीरे – धीरे पानी घटना शुरू होगा.
राहत कार्य को लेकर राजनीति हुई तेज : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है. सत्ताधारी पार्टी के नेता हों या विपक्षी पार्टी के नेता, सभी चलाये जा रहे बाढ़ राहत कार्यों को बाढ़पीड़ितों के लिए नाकाफी बताने से चूक नहीं रहे हैं. इसको लेकर बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राजनीतिक बयानबाजी जोर पकड़ रही है. भाजपा नेता राहत कार्य व बचाव पर जहां असंतोष जता रहे है, साथ ही प्रशासन पर एक पार्टी विशेष के नेताओं के इशारे पर राहत सहायता चलाने का आरोप मढ़ रहे हैं. वहीं माले सहित बाढ़पीड़ित भी राहत शिविरों और प्रखंडों में राहत सहायता को लेकर प्रत्येक दिन हो – हंगामा और प्रदर्शन कर रहे हैं.
राहत शिविरों में व्याप्त कुव्यवस्था : राहत शिविरों में विस्थापितों का जीवन जी रहे बाढ़पीड़ित व्याप्त कुव्यवस्था से मजबूर है. कई राहत शिविर हैं, जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है. राहत शिविरों में पशुओं के साथ पीड़ित परिवार रात्रि बिता रहे हैं.
ग्राहक सेवा केंद्र बाढ़ के पानी में डूबा : फरना स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा का ग्राहक सेवा केंद्र बाढ़ से तबाह हो गया है. बाढ़ के पानी में डूबे रहने के कारण ग्राहक सेवा केंद्र को भारी आर्थिक क्षति पहुंची है. राजेश कुमार पांडेय का कहना है कि ग्राहक सेवा केंद्र के प्रिंटर सहित कई सामग्री बरबाद हो गयी है.
बाढ़ में डूबने से अब तक 16 मनुष्य और 24 पशुओं की मरने की हुई पुष्टि, 372 गांव हुए तबाह
तबाही का मंजर
राहत शिविरों में बाढ़पीड़ितों की हालत खराब
सोन और गंगा का जल स्तर घट रहा धीरे-धीरे
बड़हरा में गंगा का जल स्तर 15 सेंटी मीटर घटा
कोईलवर में सोन का जलस्तर 12 सेंटी मीटर हुआ कम
बाढ़ की चपेट में आने से 61171 लोग हुए विस्थापित
राहत शिविर में मौजूद लोग व बाढ़पीड़ितों की समस्याओं से रू-ब-रू होते आयुक्त.
गंगा का जल स्तर बड़हरा में 54.45 मीटर पर पहुंचा
गंगा का जलस्तर बड़हरा में रविवार को 54.45 मीटर रेकॉर्ड किया गया. वहीं सोन का जल स्तर कोईलवर में 53.77 मीटर दर्ज हुआ. इस प्रकार से गंगा का जल स्तर रविवार को 15 सेंटी मीटर कम हुआ है. वहीं सोन का जल स्तर 12 सेंटी मीटर घटा है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement