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डीएम ने नाव से बाढ़ग्रस्त प्रखंडों का किया दौरा

आरा : गंगा व सोन नदी के जल स्तर में कमी देखी जा रही है. बक्सर में गंगा का जल स्तर 63.26 मीटर, बड़हरा में 54.79 मीटर है. बड़हरा में गंगा के जल स्तर में उत्साहजनक कमी आयी है. इसी प्रकार कोइलवर में सोन नद का जल स्तर 53.99 मीटर दर्ज किया गया. बाढ़ नियंत्रण […]

आरा : गंगा व सोन नदी के जल स्तर में कमी देखी जा रही है. बक्सर में गंगा का जल स्तर 63.26 मीटर, बड़हरा में 54.79 मीटर है. बड़हरा में गंगा के जल स्तर में उत्साहजनक कमी आयी है. इसी प्रकार कोइलवर में सोन नद का जल स्तर 53.99 मीटर दर्ज किया गया.
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि जल स्तर में लगातार गिरावट आने से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से पानी का कम होना शुरू हो गया है. वहीं, पानी निकलने का क्रम जारी रहने से बाढ़पीड़ितों को भी राहत महसूस हो रहा है.
डीएम ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों का जाना दुख-दर्द : डीएम डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव द्वारा बाढ़पीड़ितों के दुख-दर्द को दूर करने तथा उनकी समस्याओं से रू-ब-रू होने के मकसद से प्रतिदिन नियमित रूप से बाढ़ग्रस्त प्रखंडों का दौरा किया जा रहा है. इनके द्वारा राहत केंद्रों, कुप्रभावित गांवों के निरीक्षण के पश्चात संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिये जा रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार को शाहपुर तथा बिहिया के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का सघन दौरा किया.
शाहपुर प्रखंड के लच्छुटोला, हरिहरपुर, चंदा, केवटिया, जवैनिया, कर्जा, करनामेपुर, गौरा, खुटहा, भरौली, लालू डेरा, दामोदरपुर, मिसरौली सहित अन्य दुर्गम क्षेत्रों का नाव से दौरा किया. उन्होंने बाढ़ राहत केंद्रों का निरीक्षण करते हुए आवश्यकतानुसार लोगों की चिकित्सा भी कराया. डीएम ने बाढ़पीड़ितों को बताया कि आपकी सहायता के लिए जिला प्रशासन के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी दिन-रात लगे हैं. आपातकालीन अथवा विशेष परिस्थिति में आप शाहपुर में तैनात एसडीआरएफ की सहायता ले सकते हैं. इस दौरान डीएम ने राहत केंद्रों की व्यवस्था का जायजा भी लिया. उन्होंने प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों व चिकित्सकों को निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं के प्रसव की स्थिति को देखते हुए अविलंब अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करें. जिलाधिकारी के साथ बिहिया व शाहपुर के प्रभारी पदाधिकारी सह डीसीएलआर जगदीशपुर कुमार रवींद्र सहित चिकित्सा कर्मी एवं अन्य पदाधिकारी थे.
डीएम डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव ने बाढ़ की स्थिति तथा चलाये जा रहे राहत केंद्रों की गुणवत्ता में सुधार के लिए संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि बाढ़पीड़ितों को भोजन के साथ-साथ स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अच्छे इलाज की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि पानी में कमी आने के साथ-साथ कुछ बीमारियां भी हो सकती हैं, जिनका शीघ्र निराकरण आवश्यक है. उन्होंने सिविल सर्जन को लगभग एक हजार बोरा ब्लीचिंग पाउडर की व्यवस्था कराने तथा पानी में कमी आने पर उसका छिड़काव गांवों में कराने का निर्देश दिया. उन्होंने निर्देश दिया कि पानी कमने की स्थिति में कुप्रभावित गांव में स्वास्थ्य केंद्रों को पुन: शीघ्र संचालित कराया जाये, जिसमें एएनएम अनिवार्य तथा नियमित रूप से अपना कार्य करें. गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जाये.
उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि इस संबंध में कोताही बरतने पर चिकित्सकों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. पानी में कमी आने पर गांव-गांव में खाद्यान्न वितरण के लिए प्लानिंग की जाये. उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राहत केंद्रों पर सुविधा बढ़ाने का निर्देश प्राप्त हुआ है. राहत केंद्रों में उपस्थित व्यक्तियों के लिए कैंप के प्रभारी पदाधिकारी द्वारा एक पंजी संधारित की जाये. साथ ही सामग्री की आमद एवं खपत संबंधी पंजी भी संधारित की जाये. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक राहत कैंप पर बैनर अवश्य लगाया जाये तथा तत्संबंधी फोटोग्राफ्स भेजा जाये.
बैठक में नगर आयुक्त, निदेशक, डीआरडीए, विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला प्रबंधक एसएफसी, डीपीओ आइसीडीएस, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी, विद्युत, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के अभियंतागण, पथ प्रमंडल, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंतागण सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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