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आंखों पर बुरा प्रभाव डालती थीं नकली पुस्तकें

नवादा क्षेत्र में पांच पुस्तक दुकानों पर छापे के बाद खुले कई राज आरा : दिल्ली के एस चांद कंपनी तथा एसबीपीडी पब्लिकेशन, आगरा की कंपनियों ने पुलिस कप्तान क्षत्रनील सिंह से मिल कर शहर में नकली पुस्तक बेचे जाने की बात बतायी और पुलिस कप्तान के निर्देश पर गठित टीम में शामिल नवादा इंस्पेक्टर […]

नवादा क्षेत्र में पांच पुस्तक दुकानों पर छापे के बाद खुले कई राज

आरा : दिल्ली के एस चांद कंपनी तथा एसबीपीडी पब्लिकेशन, आगरा की कंपनियों ने पुलिस कप्तान क्षत्रनील सिंह से मिल कर शहर में नकली पुस्तक बेचे जाने की बात बतायी और पुलिस कप्तान के निर्देश पर गठित टीम में शामिल नवादा इंस्पेक्टर नेयाज अहमद, एएसआइ सुनील कुमार, एएसआइ संजय कुमार ने जब नवादा क्षेत्र की पांच पुस्तक दुकानों पर छापेमारी की, तो कई चौंकानेवाली बातें सामने आयीं. छापेमारी के दौरान पांचों दुकानों से मिले ढाई सौ नकली पुस्तकों की जांच की गयी, तो पता चला कि लोगों की आंखों पर भी इसकी लिखावट व इनके पन्ने कुप्रभाव डालते हैं. इसका लगातार उपयोग करने से आंखों की रोशनी जाने का खतरा बना रहता है.
एक दिन पूर्व हुई थी रेकी
एस चांद दिल्ली तथा एसबीपीडी पब्लिकेशन, आगरा के लीगल एडवाइजर ने एक दिन पूर्व नवादा की सभी पुस्तक दुकानों पर जाकर रेकी की थी तथा खरीदार बन कर नकली व असली पुस्तकों में फर्क जाना था. शनिवार को ही कंपनी के एडवाइजर नवादा स्थित सुधा पुस्तक केंद्र, पूजा पुस्तकालय, सिन्हा पुस्तकालय, पुस्तक घर तथा शुभम पुस्तकालय में रेकी की थी. निश्चिंत होने के बाद पुलिस कप्तान क्षत्रनील सिंह से मिल कर छापेमारी की योजना बनायी थी. उसके बाद छापेमारी की गयी.
हाेलोग्राम में था अंतर, प्रिंट था पुराना
दोनों कंपनियों के लीगल एडवाइजर संजीव कुमार राघव ने रेकी के दौरान यह पता लगा लिया था कि कंपनी का हाेलोग्राम व पुस्तक दुकानों पर बेची जा रही पुस्तकों पर अंतर है. कागजों का स्टैंडर्ड भी अच्छा नहीं है. प्रिंटिंग भी खराब है तथा पुरानी रेट पुस्तक पर चढ़ी हुई है, जबकि एस चांद व एसबीपीडी पब्लिकेशन की पुस्तकों की रेट नयी हो गयी है.
छात्र ने की थी शिकायत, तब कंपनी ने करायी जांच
कुछ दिनों पहले कंपनी के मालिक के पास एक छात्र ने फोन कर कहा था कि सर आरा में नकली पुस्तकें बिक रही हैं. जो आंखों पर बुरा प्रभाव डालती है. छात्र के आग्रह पर कंपनी के मालिक ने जांच के लिए लीगल एडवाइजर बहाल कर संजीव कुमार राघव को आरा भेजा था.
हजारों रुपये की मिलीं नकली पुस्तकें
स्टेशन की पांच दुकानों पर छापेमारी हुई, तो 250 से ज्यादा नकली पुस्तकें पुलिस ने जब्त की. जब्त पुस्तकों की कीमत हजारों रुपये बतायी जा रही है. सुधा पुस्तक केंद्र के मालिक नवादा के द्वारिका प्रसाद के पुत्र विनय कुमार, पूजा पुस्तक भंडार के बंधन टोला निवासी सुरेंद्र कुमार के पुत्र संतोष कुमार, सिन्हा पुस्तकालय के बिहारी मिल निवासी स्व सत्यदेव सहाय के पुत्र मनोज कुमार श्रीवास्तव, पुस्तक घर नवादा के स्व धनंजय जैन के पुत्र राजन कुमार जैन को तथा शुभम पुस्तकालय के मालिक स्व कामता प्रसाद अग्रवाल के पुत्र विजय प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया. इन सभी दुकानों में छापेमारी के दौरान हिंदी, संस्कृत, विज्ञान, अंगरेजी की ढाई सौ पुस्तकें मिलीं, जो नकली थीं.

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