आरा : भोजपुर जिले में मनरेगा और 14 वीं वित आयोग से संबंधित क्रियान्वित योजनाओं में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर लूट-खसोट किये जाने के मामले सामने आये हैं. वहीं कई पंचायतों में मनरेगा योजना के क्रियान्वयन के दौरान जॉब कार्डधारी के नाम पर फर्जी राशि निकासी किये जाने की भी पूर्व में पुष्टि हो चुकी है़
इन मामलों में मनरेगा से जुड़े अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है़ सूत्रों की मानें, तो शाहपुर, उदवंतनगर, संदेश, अगिआंव, आरा और पीरो प्रखंडों के ऐसे कई मनरेगा और 14 वीं वित्त आयोग से संबंधित योजनाएं हैं, जिसमें योजना के प्राक्कलन में लंबाई और चौड़ाई का कुछ और उल्लेख किया गया है,
जबकि सरजमीन पर क्रियान्वयन के समय योजना की लंबाई और चौड़ाई को घटाकर कार्य कराये गये हैं. बावजूद इसके अभियंताओं की मिलीभगत से योजना के संवेदक को प्राक्क्लन की पूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है़ यहीं नहीं, मनरेगा योजना के ग्रामसभा में चयनित प्राथमिकता सूची में योजना कुछ चयन किया गया, जबकि क्रियान्वयन मुखिया द्वारा इससे हटकर कराया गया है़ फिर भी इन मामलों की जांच नहीं की जा रही है़ ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन में उक्त प्रखंडों में अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से लाखों रुपये का वारा-न्यारा किया गया है़
यही नहीं, मनरेगा में विधानसभा चुनाव के क्रम में वगैर पंचायत रोजगार सेवक के ही इंदिरा आवास सहायकों ने अतिरिक्त प्रभार में रहते हुए पंचायतों में लाखों रुपये की योजनाएं क्रियान्वित करायी है़ जिसको लेकर जिलाधिकारी डॉ बीरेंद्र प्रसाद यादव ने उप विकास आयुक्त इनायत खान को सभी पंचायतों को मनरेगा योजनाओं के अभिलेखों की जांच करने का आदेश दिया था़ वहीं पिछले दिनों कोइलवर प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ द्वारा 14 वीं वित्त आयोग एवं मुख्यमंत्री ग्रामोदय योजना मद की राशि से करायी गयी.
सात योजनाओं के कार्य में हेराफेरी और वित्तीय अनियमितता के मामले प्रकाश में आये थे़ इसके पूर्व जिले के शाहपुर, बिहिया और आरा प्रखंडों में मनरेगा योजना में जॉब कार्डधारी मजदूरों के नाम पर फर्जी राशि निकासी मामले की भी जांच अभी चल रही है़ इधर जिले के करीब 209 मुखियों के खिलाफ सोलर लाइट घोटाले मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी, जिसका मामला न्यायालय में लंबित है़ अब देखना है कि जिला प्रशासन गत वितीय वर्ष और चालू वितीय वर्ष के जिले में सभी क्रियान्वित योजनाओं की जांच गठित कर गहनता से जांच कराती है या नहीं.