पीरो : फर्जी वीजा होने के आरोप में करीब दो माह तक मलेशिया की जेल में बंद रहे पीरो के आठ युवक आज शनिवार को सकुशल अपने घर लौट आये़ युवकों के लौटने पर एक ओर जहां उनके परिजन काफी खुश नजर आये वही परिजनों व आसपास के लोगों ने स्थानीय सांसद के पहल पर सरकार की ओर से किये गये प्रयास के लिए सरकार को धन्यवाद दिया़
शनिवार को मलेशिया से वापस लौटे पीरो गांव निवासी मो शहबाज खान, मो सब्बीर, सगीर खान, तौकीर आलम, मो इसराफिल, इजराईल खान, फिरोज खान और मो राशिद जब शनिवार को अपने परिनों से मिले तो अपने बच्चों के लिए पिछले कई माह से परेशान उनके परिजनों ने राहत की सांस ली़ बता दें कि विदेश में मजदूरी करने के उद्देश्य से ये युवक एक बिचौलिये के माध्यम से वीजा प्राप्त कर मलेशिया गये थे़
लेकिन मलेशिया पहुंचने के साथ ही वहां की पुलिस ने इन युवकों को फर्जी वीजा के आधार पर देश में प्रवेश करने के मामले में 11 अक्टूबर 2015 को गिरफ्तार कर लिया था़ इसके बाद से ये युवक 31 दिसंबर 2015 तक मलेशिया के जेल में बंद रहे़ इधर मलेशिया में पकड़े गये युवको के साथ गये अन्य युवक ने पीरो फोन कर उक्त युवकों के पकड़े जाने की जानकारी परिजनों को दिया़ इसके बाद स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता दिलशाद खान उर्फ लड्डू के प्रयास से इस मामले में स्थानीय राजनीतिक दलों के लोगों ने आरा के सांसद आरके सिंह और बिहार बिहार विधान परिषद के संभापति अवधेंशनारायण सिंह को मामले की जानकारी देते हुए
युवकों को वापस लाने की गुहार लगायी़ स्थानीय सांसद और सभापति के प्रयास के बाद भारत सरकार ने मलेशिया सरकार से संपर्क किया और 1 जनवरी को युवकों की रिहाई करवायी़ इन युवकों की रिहाई में विशाखापट्टनम के जेल आईजी बीके सिंह जो भोजपुर के ही निवासी है, की भूमिका भी काफी सराहनीय रही़ मलेशिया के जेल से रिहा होने के बाद 1 जनवरी से 27 जनवरी तक सभी युवक मलेशिया में अवस्थित भारतीय दूतावास में रहे़ इस दौरान सरकारी स्तर पर इन युवकों को भारत भेजने की आवश्यक प्रक्रिया पूरी की गयी़ 28 जनवरी को सभी युवक मलेशिया से भारत के लिए रवाना हुए़