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कर्मचारियों के हड़ताल से पठन-पाठन हुआ ठप
आरा : वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय अंतर्गत 17 अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकेतर कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर चले गये हैं, जिस कारण कॉलेजों में पठन-पाठन से लेकर कार्यालय का कार्य पूरी तरह ठप पड़ गया है. बता दें की इन दिनों कॉलेजों में पीजी में नामांकन सहित स्नातक पार्ट […]
आरा : वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय अंतर्गत 17 अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकेतर कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर चले गये हैं, जिस कारण कॉलेजों में पठन-पाठन से लेकर कार्यालय का कार्य पूरी तरह ठप पड़ गया है. बता दें की इन दिनों कॉलेजों में पीजी में नामांकन सहित स्नातक पार्ट वन का फॉर्म भरने का कार्य चल रहा था, लेकिन हड़ताल का असर नामांकन से लेकर परीक्षा फॉर्म पर भी देखने को मिल रहा है.
क्योंकि कर्मचारी कलम बंद हड़ताल पर रहते हुए सारे कार्यालय कार्य बाधित हुए है. कर्मचारियों के हड़ताल से एक बार पुन: एकेडमिक कैलेंडर फेल होता दिख रहा है. मालूम हो कि विश्वविद्यालय प्रशासन स्नातक पार्ट वन सत्र 2014-15 एवं पार्ट थ्री की परीक्षा की तिथि लगभग घोषित कर दी गयी थी.पार्ट वन की परीक्षा की प्रस्तावित तिथि 28 मई थी, जबकि पार्ट थ्री की परीक्षा 22 जून से होनी थी.
इसको लेकर परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि भी घोषित की गयी थी, लेकिन कॉलेजों में फॉर्म भरने का कार्य ठप हो जाने से यह परीक्षाएं अब समय पर नहीं होगी. ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय प्रशासन का एकेडमिक कैलेंडर हमेशा से हड़ताल व अन्य कारणों से फेल होता रहा है, लेकिन अगर कर्मचारियों की मांगे पूरी हो जाती, तो हड़ताल का औचित्य नहीं रहता. क्योंकि हमेशा से कर्मचारी विश्वविद्यालय प्रशासन पर अपने साथ दो रंगी नीति अपनाने का आरोप लगाते रहे हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन सदैव दावा करता है कि कर्मचारियों की मांगे पूर कर दी गयी है, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि हड़ताल के लिए दोषी कौन है. खैर दोषी कोई भी हो हड़ताल के कारण सबसे अधिक परेशानी ङोलनी पड़ती है, तो वह छात्र है. क्योंकि समय पर परीक्षा नहीं होने के कारण इनका भविष्य बरबाद होता है. गत वर्ष भी हड़ताल व अन्य कारणों के कारण स्नातक पार्ट थ्री की परीक्षा विलंब से हुई थी.
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