राजकीय सम्मान. सुपुर्द-ए-खाक हुआ भोजपुर का लाल, ताबूत से लिपट कर बिलख पड़े परिजन
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शहीद को अंतिम सलामी देने के लिए उमड़ा जनसैलाब
राजकीय सम्मान. सुपुर्द-ए-खाक हुआ भोजपुर का लाल, ताबूत से लिपट कर बिलख पड़े परिजन राज्य सरकार की ओर से दिये जा रहे पांच लाख का चेक लेने से शहीद के भाई ने किया इन्कार पीरो : श्रीनगर के करन नगर में आतंकवादियों से लोहा लेने के दौरान शहीद हुए सीआरपीएफ की 49 वीं बटालियन के […]
राज्य सरकार की ओर से दिये जा रहे पांच लाख का चेक लेने से शहीद के भाई ने किया इन्कार
पीरो : श्रीनगर के करन नगर में आतंकवादियों से लोहा लेने के दौरान शहीद हुए सीआरपीएफ की 49 वीं बटालियन के जवान मो मोजाहिद खान का पार्थिव शरीर बुधवार की सुबह पीरो नगर के वार्ड 14 स्थित उसके घर पहुंचा. गम व गुस्से के बीच सरहद पर शहीद हुआ भोजपुर का लाल सुपुर्द-ए-खाक हुआ. राज्य सरकार की ओर से दिये जा रहे पांच लाख का चेक लेने से शहीद के भाई ने इन्कार कर दिया. शहीद को अंतिम सलामी देने के लिए पीरो में जनसैलाब उमड़ पड़ा. शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और जब तक सूरज चांद रहेगा, मुजाहिद तेरा नाम रहेगा के नारे से धरती-आसमां गूंज उठा. शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिजन ताबूत से लिपट कर बिलख पड़े.
पीरो के ऐतिहासिक पड़ाव मैदान में शहीद मो मोजाहिद के जनाजे की नमाज पढ़ी गयी, जिसमें हजारों लोग गवाह बने. जनाजे की नमाज आदा करने के बाद शव को सुपुर्द-एक-खाक किया गया. पीरो के दुकानदारों ने अपनी दुकानों को बंद रखा और शव यात्रा में शामिल हुए.
नहीं पहुंचा सरकार का कोई मंत्री : पीरो. श्रीनगर में आतंकियों से लड़ते हुए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले सीआरपीएफ 49 वीं बटालियन के जवान पीरो निवासी मो. मोजाहिद खान की अंतिम यात्रा में शामिल होने या शहीद को राज्य सरकार की ओर से श्रद्धाजंलि देने के लिए सरकार का कोई मंत्री नहीं पहुंचा.
तिरंगे से पट गया था पीरो बाजार का पूरा इलाका : पूरे पीरो शहर को तिरंगा झंडे से पाट दिया गया था. शहर के बच्चे,बूढ़े व जवान हर किसी के जुबान पर बस शहीद मोजाहिद खान की ही चर्चा थी. हर कोई अपने बहादुर बेटे की शहादत पर फक्र महसूस कर गौरवान्वित हो रहा था. पीरो शहर के हृदय स्थल लोहिया चौक का नजारा तो देखते ही बन रहा था.
तिरंगे से पटा चौक भी शायद मोजाहिद खान की शहादत से खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा था. सुपुर्द ए खाक होने तक वीर मोजाहिद अमर रहे, हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद जैसे नारे हर ओर फिजा में गुंजते रहे.शहीद होने की खबर मिलने के बाद उसके दो भाई मो इम्तेयाज और अकलाख तो मंगलवार को ही पीरो पहुंच गए थे, लेकिन तीसरा भाई आफताब घर नहीं आ सका था. इधर बुधवार को पूरे सम्मान के साथ शहीद मोजाहिद का शव पीरो लाया गया और अंतिम यात्रा की तैयारी शुरू हो गई, शहीद के शव को जनाजे की नमाज के लिए पीरो के पड़ाव मैदान में लाया गया तभी भाई आफताब बदहवास दौड़ते हुए पहुंचे और फफक कर रो पड़े.
इस दौरान वहां मौजूद कई लोगों ने आफताब को ढांढस बंधाने का प्रयास किया लेकिन आफताब के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. रोते हुए आफताब ने कहा कि आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा. आफताब ने सरकार के रवैये पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि केवल चेतावनी से कुछ नहीं होने वाला है. सरकार आर-पार की लड़ाई का फैसला करें और आतंक के पनाहगार पकिस्तान को उस भाषा में जवाब दे जो उसे समझ में आती है.
शहीद के परिजनों ने लौटाया पांच लाख रुपये का चेक
शहीद के परिजनों के सहायतार्थ राज्य सरकार द्वारा भेजे गये पांच लाख रुपये के चेक को शहीद के बड़े भाई इम्तियाज खां ने यह कहते हुए लेने से इन्कार कर दिया कि मेरा भाई देश के लिए कुर्बान हुआ है न कि दारू पीकर मरा है. सरकार दारू पीकर मरने वालों को चार लाख रुपये की सहायता राशि देती है और देश के लिए शहादत देने वाले को उतनी ही राशि भेजी गयी है. शहीद के भाई ने कहा कि उरी हमले में शहीद अशोक कुमार सिंह के परिजनों को ग्यारह लाख रुपये दिये गये थे फिर मेरे भाई के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है.
शहीद जवान की प्रोफाइल
नाम : मो मोजाहिद खान
पिता : अब्दुल खैर खान
जन्म तिथि : 8 अक्तूबर 1990
निवासी : पीरो गांव
मैट्रिक : हाईस्कूल पीरो (वर्ष 2005)
इंटर : बचरी कॉलेज पीरो (वर्ष 2010)
बहाली : सीआरपीएफ 49 वीं बटालियन में सितंबर 2011
शहादत : 12 फरवरी 2018
रोते-रोते बेहोश हो गया भतीजा
पीरो. अपने अजीज चाचू जान का बेजान शव देख सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाया. शहीद मो. मोजाहिद खान का दस वर्षीय भतीजा इमरान खान जब शहीद का शव लेकर सीआरपीएफ के अधिकारी उसके पैतृक निवास पीरो गांव पहुंचे तो परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नन्हा इमरान भी रोने लगा. रोते-रोते उसने अपनी सुधबुध खो दी और बेहोश हो गया. ऐसे में उसके ईलाज के लिए तत्काल चिकित्सकों को बुलाना पड़ा. खबर पाकर मौके पर पहुंचे पीरो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने बेहोश इमरान खान का ईलाज कर होश में लाया.
इधर शहीद की अम्मा हसीबा खातून व भाभी सहित परिवार की अन्य महिलाओं का भी रो-रो कर बुरा हाल था. शहीद के अब्बा अब्दुल खैर खान ने कहा वतन के लिए और बेटों को कुर्बान कर दूंगा पीरो. अपने जवान बेटे के अचानक बिछड़ने से अस्सी वर्षीय अब्दुल खैर खान भले मर्माहत हैं.
कर चले हम फिदा जान- वो- तन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
पीरो. कर चले हम फिदा जान वो तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों कुछ इसी अंदाज में पीरो का वीर नौजवान सपूत मो मोजाहिद खान मुल्क की सरहद की रक्षा करते हुए हमेशा के लिए हम सबको अलविदा कह चला गया. शहीद मो मोजाहिद खान को पूरे राजकीय सम्मान के साथ स्थानीय कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया. मौके पर सीआरपीएफ के डीआईजी मो सज्जानुद्दिन,सीआरपीएफ 47 वीं बटालियन के डीसी एके ठाकुर, सीआरपीएफ 47 वीं बटालियन के कमांडेंट भूपेश यादव, इंस्पेक्टर विनोद कुमार यादव, हवलदार नवीन कुमार, कांस्टेबल शिव कुमार राय, रवि भूषण सिंह, मंटू कुमार सिंह, इद्रीस खान,
पंकज कुमार, संतोष कुमार, जसवीर सिंह पोगाट, तारिक अनवर आदि ने शहीद को अंतिम सलामी दी. इस दौरान शहीद की अंतिम यात्रा में लोगों का सैलाब उमड़ पडा. मौके पर मौजूद लोगों की भीड़ में शामिल राजद विधायक राम विशुन सिंह लोहिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ कांति सिंह, तरारी विधायक सुदामा प्रसाद, आरा के विधायक अनवर आलम, अगिआंव विधायक प्रभुनाथ प्रसाद, विधानपार्षद राधाचरण साह,बिहार राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य उषा देवी, पूर्व जिप अध्यक्ष सह भाजपा नेता हाकिम प्रसाद,पूर्व विधायक विजयेंद्र यादव, भाई दिनेश, राजेश्वर राज, अदीब रिजवी, लालदास राय,
जन अधिकार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखलाक अहमद, पूर्व जिला पार्षद शैलेन्द्र कुमार, प्रमोद कुमार सिंह, जिप्सा आनंद, मुखिया संघ के पूर्व जिला उपाध्यक्ष काशीनाथ सिंह , कांग्रेस नेता मनोज कुमार उपाध्याय, भाजपा नेता मदन स्नेही, हरिजी तिवारी, रीतेश कुमार, राजेश केशरी, राजद नेता मेराज खान, मो फारूक खान, मदन यादव, चन्देश्वर सिंह , सुनील कुमार सिंह, काशीनाथ सिंह, जदयू नेता अरुण प्रताप सिंह, प्रवीण कुमार, बाबुल पाठक , विकास पांडेय, दिलशाद आलम, बिट्टू कुमार सिंह, नगर पंचायत पीरो के अध्यक्ष प्रतिनिधि गुलाम सरवर, नगर पंचायत के उपाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह सहित सैकडों गणमान्य लोगों ने नम आंखों से पीरो के इस जांबाज बेटे को अंतिम विदाई दी.
शहर के नौजवानों में दिखा देशभक्ति का जज्बा
पीरो. श्रीनगर में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के साथ लोहा लेते शहीद हुए अपने जांबाज साथी मो मोजाहिद खान की शहादत पर फक्र महसूस कर रहे स्थानीय युवाओं में देशभक्ति का जज्बा उफान मारता दिखाई दिया. यहां नौजवानों के जज्बे को देखकर ऐसा लगा कि अगर इन्हें मौका दे दिया जाए तो ये चंद दिनों में वतन के दुश्मनों को उनकी औकात बता देंगे. यहां का हर नौजवान वतन के लिए अपनी कुर्बानी देने को तैयार दिखा. इस प्रतिनिधि ने इन नौजवानों की देशभक्ति व देश के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे का कद्र करते हुए उनसे जब बात की तो उनकी मनोभावना कुछ इस तरह सामने आयी.पीरो नगर के वार्ड नंबर 13 निवासी शहीद मोजाहिद खान के पड़ोसी मो. मेराज खान ने कहा देश से बढ़कर कुछ भी नहीं है.
केंद्रीय मंत्री कुशवाहा पहुंचे
केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शहीद के परिजनों से मिलकर उन्हें ढाढस बढ़ाया व केंद्र सरकार से हरसंभव सहायता दिलाने का भरोसा दिया.
शहीद को अधिक राशि देने के लिए जिला प्रशासन ने सरकार को भेजा प्रस्ताव
आरा. अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के शहीद होने पर राज्य सरकार द्वारा पांच लाख रुपये देने का प्रावधान है. वहीं सेना के जवानों के शहीद होने पर 11 लाख रुपये देने का प्रावधान है. इसे लेकर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पांच लाख से अधिक राशि देने के लिए सरकार को लिखा गया है. इसकी मंजूरी मिलने के बाद पांच लाख से आगे की राशि शहीद के परिजनों को दे दी जायेगी.
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