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ट्रैकमैन की सुविधा बढ़ाने के लिए कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट

आरा : भारतीय रेलवे के ट्रैकमैन व की-मैन को मिलनेवाली सुविधाओं की जांच के लिए गठित कमेटी ने रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. कमेटी ने यह माना है कि कर्मियों को मिलनेवाली सुविधाएं कम हैं. इसे बढ़ाया जाये. इसी उद्देश्य से कमेटी ने बोर्ड को रिपोर्ट सौंपी है. कमेटी ने कर्मियों को […]

आरा : भारतीय रेलवे के ट्रैकमैन व की-मैन को मिलनेवाली सुविधाओं की जांच के लिए गठित कमेटी ने रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. कमेटी ने यह माना है कि कर्मियों को मिलनेवाली सुविधाएं कम हैं. इसे बढ़ाया जाये. इसी उद्देश्य से कमेटी ने बोर्ड को रिपोर्ट सौंपी है. कमेटी ने कर्मियों को मिलनेवाले यूनिफाॅर्म, जूता, जैकेट, चार्जबेल लैंप की समीक्षा करने के बाद पांच फरवरी को रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को दे दिया गया है. चार सदस्यीय कमेटी में साउथ सेंट्रल रेलवे सिकंदराबाद के जीएम को कन्वेनर, नाॅर्दर्न रेलवे के जीएम व सेंट्रल रेलवे के जीएम को मेंबर बनाया गया है. वहीं एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सिविल ट्रांसफॉर्मेशन को मेंबर सेक्रेटरी बनाया गया था. बहुत दिनों से इस सुविधाओं की लागू किया जाये.

कर्मियों को मिलेंगे ट्रैकशूट, जूते व रेनकोट
रेलवे बोर्ड की ओर से गठित कमेटी ने 77 पन्ने की रिपोर्ट दी है. इसमें से एक कॉपी प्रभात खबर को भी मिली है. इस रिपोर्ट के मुताबिक रेनकोट के लिए 12 सौ रुपये प्रत्येक साल, ठंड से बचाव के लिए ऑरेंज कलर के कोट के दो साल के लिए 2500 सौ रुपये देने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावे जैकेट, ट्राउजर, दस्ताना, टोपी के लिए 10 हजार प्रतिवर्ष, सेफ्टी शू के छह माह के लिए 14 सौ रुपये, एलईडी टाॅर्च तीन सेल का 1000 हजार रुपये, टूल किट, सेफ्टी हेलमेट एक साल के लिए 14 सौ रुपये सहित अन्य कई सुविधाएं देने की अनुशंसा की गयी हैं. अब किसी भी मौसम में कर्मियों को परेशानी नहीं होगी.
रेलवे बोर्ड ने गठित की थी कमेटी
बीते चार जनवरी की रात प्रभात खबर संवाददाता ने रात 10 बजे से दो बजे तक रेलवे ट्रैक की पड़ताल की थी. इसके बाद छह जनवरी को खबर प्रकाशित हुई थी कि 8 घंटे 22 किमी लैंप के सहारे ट्रैक जांच करते हैं पेट्रोलमैन. बिन संसाधन कैसे रेलवे ट्रैक की जांच. इस खबर पर संज्ञान लेते हुए दानापुर मंडल के डीआरएम रंजन प्रकाश ठाकुर मामले की जांच करने के लिए पहुंच गये. उन्होंने रिपोर्टर द्वारा चुने गये रूट पर ही रात 10 बजे आरा स्टेशन पहुंचे और यहां से पैदल ही जगजीवन हॉल्ट गये और पैदल आये. इस दौरान ट्रैक पर कार्य करनेवाले कर्मियों का हाल जाना. खबर का ही असर था कि कई दशकों से चली आ रही हैंडलैंप व्यवस्था को डीआरएम ने खत्म करने का हुक्म दिया. कर्मियों को एलईडी टाॅर्च देने का निर्देश दिया था. इसके बाद मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंचा और मिलनेवाली सुविधा के लिए जांच कमेटी का गठन कर दिया गया. कमेटी ने भी माना कि कर्मियों की सुविधाओं को बढ़ाना चाहिए.
प्रभात खबर में छपी खबर पर रेलवे बोर्ड ने लिया था संज्ञान, गठित की थी कमेटी
प्रभात खबर व रेलवे बोर्ड को दिया धन्यवाद
इस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन बक्सर शाखा के अध्यक्ष मनोज कुमार पांडेय बताते हैं कि इसे जल्द-से- जल्द लागू करना चाहिए. यूनियन इसकी लंबे समय से मांग कर रही थी. यूनियन प्रभात खबर को भी धन्यवाद करती है, जिसकी बदौलत ट्रैकमैन की समस्या के लिए कमेटी का गठन किया गया. प्रभात खबर ने निचले स्तर के कर्मचारियों के दर्द को अधिकारियों तक पहुंचाकर न्याय दिला दिया.

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