आरा : रेलवे इतिहास में इस साल सबसे ज्यादा ट्रेनें रद्द व डायवर्ट हुई हैं. इस साल अब तक करीब 42 सौ ट्रेनों को रेलवे द्वारा रद्द किया जा चुका है. वहीं दानापुर डिवीजन में मई तक 8425 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से लेट चली है. इसमें से चेनपुलिंग के कारण 311 ट्रेनें प्रभावित भी […]
आरा : रेलवे इतिहास में इस साल सबसे ज्यादा ट्रेनें रद्द व डायवर्ट हुई हैं. इस साल अब तक करीब 42 सौ ट्रेनों को रेलवे द्वारा रद्द किया जा चुका है. वहीं दानापुर डिवीजन में मई तक 8425 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से लेट चली है. इसमें से चेनपुलिंग के कारण 311 ट्रेनें प्रभावित भी हुई है. डायरेक्ट चेनपुलिंग के कारण 239 ट्रेनों का परिचालन बाधित हुआ है.
चेनपुलिंग की वजह से 72 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. लंबे समय से रेलवे लाइन को बेहतर तरीके से दुरुस्त करने का काम नहीं हुआ था. इसके कारण रेल पटरियों की स्थिति सही नहीं थी. ट्रेनें सही तरीके से नहीं चल पा रही थी. ऐसे में रेलवे द्वारा मेगा ब्लॉक लगाकर रेलवे पटरी की मरम्मत व नॉन इंटरलॉकिंग का काम किया गया, जिसके कारण जून माह तक 954 ट्रेनों को रद्द किया गया था. वहीं विरोध प्रदर्शन के कारण 121 ट्रेनों को रद्द किया गया व 102 ट्रेनों के चलने के रास्ते बदले गये.
मौसम की मार से बेजार हुईं ट्रेनें : भारतीय रेलवे आज भी पुराने ढर्रे पर चल रही है. अब भी मौसम की मार से जूझने के लिए रेलवे के पास कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. कोहरा व बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है. गत 13 दिनों से पूर्वोत्तर भारत का इलाका देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से कटा हुआ है. करीब सौ ट्रेनें रोजाना रद्द हो रही हैं. जून तक 4,409 ट्रेनें नहीं चली थीं. इसके बाद से लगातार हो रहे हादसे, विरोध-प्रदर्शन व मौसम की वजह से ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है. इसके कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
लगातार 13 दिनों से पूर्वोत्तर राज्यों का देश से कटा है रेलसंपर्क
दानापुर डिवीजन में मई तक 8425 ट्रेनें लेट चलीं
समयानुपालन में हुआ सुधार
दानापुर डिवीजन में समय बदलने के साथ रेलवे में चेनपुलिंग में कमी आयी है. इसके कारण ट्रेनों के समयानुपालन में भी सुधार हुआ है. साल 2014 जून से दिसंबर तक 19,943 ट्रेनें लेट चली थीं. 2015 में मई से जून तक 18,408 ट्रेनें लेट चलीं. 2016 मई से जून तक 16,424 ट्रेनें अपने समय से लेट चलीं. इस साल ट्रेनों के समयानुपालन में 8,425 ट्रेनें लेट चलीं. रेलवे अधिकारियों की मानें, तो ट्रेनों की स्पीड व दुरुस्त ट्रैफिक व्यवस्था के कारण ट्रेनों के समयानुपालन में सुधार हुआ है. आनेवाले दिनों में ट्रेनों के परिचालन में और भी सुधार होगा.
तीन वर्षों में रद्द हुईंं ट्रेनों पर एक नजर
सालट्रेनें हुईं रद्द
20142,679 रद्द
20158,605 रद्द
20169,235 रद्द
20174,409 रद्द जून तक