आरा : विगत छह माह के अंदर जिले में हुई चोरी की घटनाओं में पूरे पुलिस प्रशासन की पोल खोलकर रख दी है. एक तरफ छह माह के भीतर 43 हत्या घटनाओं से लोग डर रहे है. वहीं सेंधमारी और चोरी की घटना ने लोगों को रात में जगने के लिए मजबूर कर दिया. इस […]
आरा : विगत छह माह के अंदर जिले में हुई चोरी की घटनाओं में पूरे पुलिस प्रशासन की पोल खोलकर रख दी है. एक तरफ छह माह के भीतर 43 हत्या घटनाओं से लोग डर रहे है. वहीं सेंधमारी और चोरी की घटना ने लोगों को रात में जगने के लिए मजबूर कर दिया. इस आंकड़े से यह प्रतीत होता है कि पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में कितना मुस्तैद है.
रात में गश्ती कर रहे पुलिस का खौफ का मंजर स्पष्ट रूप से दिखायी पड़ रहा है. ये हम नहीं आंकड़े ब्यां कर रहे हैं. 2017 के जनवरी से लेकर जुलाई तक हत्या, लूट, सेंधमारी तथा चोरी की घटनाओं में इजाफा हुआ है, जिनमें सर्वाधिक चोरी की घटना शहर में हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों की बात छोड़ दें, तो शहर में चोरी की घटनाएं सर्वाधिक हुई हैं, जिससे लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति आक्रोश व्याप्त है. कुछ घटनाओं को पुलिस ने खुलासा तो किया है, लेकिन अधिकतर घटनाएं आज भी फाइलों में दबी हैं.
पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान
छह माह के भीतर हुई घटनाओं ने पुलिसिया कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. आंकड़ों पर गौर करें, तो सर्वाधिक चोरी की घटनाओं से लोगों की परेशानियां बढ़ गयी हैं. माह वार घटनाओं में इजाफा होता गया है. मार्च महीने में हत्या की घटना में कमी आयी, तो चोरी की घटना में बढ़ोतरी हुई है.
छह माह के भीतर हत्या की 43 घटनाएं
छह माह के भीतर जिले में हुई हत्या की 43 वारदातों ने पुलिस प्रशासन की परेशानियों को बढ़ा कर रख दिया है. इनमें सर्वाधिक हत्या की घटनाएं आपसी विवाद तथा भूमि विवाद को लेकर हुई हैं. जुलाई माह में हाइ प्रोफाइल गोला व्यवसायी कृष्ण कुमार सिंह की हत्या ने पुलिस प्रशासन को झकझोर कर रख दिया. हालांकि भोजपुर पुलिस द्वारा मामले में कार्रवाई करते हुए घटना के कुछ ही दिन के बाद अपराधियों को सलाखों के पीछे ढकेल दिया गया.
बताते हैं आंकड़े
क्या कहते हैं एसपी
अापराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस कई तरह की रणनीति बना रही है. जल्द ही आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगेगा व अपराधी सलाखों के पीछे होंगे.
अवकाश कुमार, एसपी