आरा : पिछले कुछ दिनों से मौसम में आये बदलाव से एक तरफ जहां आम लोग राहत महसूस कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ किसानों के चेहरे खिल रहे हैं. बारिश से खेतों में नमी आ गयी है. बिचड़ा डालने में किसानों को काफी राहत मिलेगी. वहीं जिन किसानों ने बिचड़ा डाल दिया है, उनके […]
आरा : पिछले कुछ दिनों से मौसम में आये बदलाव से एक तरफ जहां आम लोग राहत महसूस कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ किसानों के चेहरे खिल रहे हैं. बारिश से खेतों में नमी आ गयी है. बिचड़ा डालने में किसानों को काफी राहत मिलेगी. वहीं जिन किसानों ने बिचड़ा डाल दिया है, उनके लिए तो बारिश और भी राहत भरी है.
बतादें कि जिले में 25 मई से धान का बिचड़ा डालने का काम शुरू हो चुका है. आंशिक रूप से अभी कुछ जगहों पर किसानों ने बिचड़ा डाला है. इधर अच्छी बारिश होने से अब अधिकांश किसान बिचड़ा डालने की तैयारी में जुट गये हैं. बारिश की वजह से खेतों में पड़ी दरार पट गयी है. बारिश होने के साथ ही किसान हल-बैल और ट्रैक्टर के साथ खेतों की जुताई में जुट गये हैं. बारिश होने के कारण किसानों का बिचड़ा डालने के लिए डीजल का खर्च भी काफी हद तक कम हो गया है.
जिले में अभी तक नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया है. हर साल किसान डीजल पंप के सहारे ही धान का बिचड़ा डालते थे. इस बार शुरुआती दौर में ही अच्छी बारिश होने से बिचड़ा डालने में किसानों को राहत मिली है. जानकारों के अनुसार मौसम बेहतर होने और बारिश से धान, मक्का, सब्जी, बजरा के साथ फलदार पौधों की बागवानी करने वालों के लिए काफी फायदेमंद होगा.
गेहूं की खूंटी भी बन जायेगी खाद : बारिश होने के साथ ही दरार पड़े खेतों में जहां जान आ गयी. वहीं किसानों ने खेतों की जुताई करना शुरू कर दिया. गेहूं की कटाई के बाद उसमें बचा गेहूं का फुल जुताई के बाद पानी में सड़ कर खाद का काम करेगा. कई खेतों में काफी पानी लगा हुआ है़
. जिससे गेहूं की खूंटी को जुताई के बाद सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है. कुछ दिन इंतजार के बाद किसान खेतों में बिचड़ा डालने का काम करेंगे. किसान अभी आसमान की ओर टकटकी लगाये हुए हैं कि एक-दो दिन बाद फिर से अच्छी बारिश हो जाये तो बिचड़ा डालने का काम और आसान हो जायेगा.
क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी
शुरुआती दौर में ही जिस तरीके से मौसम किसानों का साथ दे रहा है अगर यही स्थिति रही तो इस बार जिले की पैदावार काफी बेहतर होगी. पिछले कुछ दिनों से बारिश से किसान खेतों में बिचड़ा डालने लगे हैं. एक सप्ताह में हर जगह बिचड़ा डालने का काम लगभग पूरा कर लिया जायेगा.
जिला कृषि पदाधिकारी, संजय कुमार तिवारी
बोले कृषि वैज्ञानिक
धान का बिचड़ा डालने वाले किसानों के लिए यह बारिश काफी लाभदायक है. इसके साथ ही मक्का, बाजरा और फलदार पौधों की बागवानी की तैयारी जिन लोगों ने की है. बारिश से खेतों में नमी आ गयी है, किसानों को पानी के लिए पसीना नहीं बहाना पड़ेगा.
डॉ पीके द्विवेदी, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र आरा