नशामुक्ति को लेकर प्रभात खबर के द्वारा शनिवार को भागलपुर के घंटाघर चौक से निकाली गयी पदयात्रा उत्साह से लबरेज थी. हाथ लहराते और नारे लगाते हुए लोग चले जा रहे थे. हर नारे के माध्यम से बच्चे, बूढ़े और जवान यही कहना चाह रहे थे कि खुशहाली घर लाना है, नशे को दूर भगाना है. घंटाघर चौक पर सुबह छह बजे से ही लोग जुटने लगे थे. आयोजन को लेकर जिला ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा है.
ज्यों-ज्यों धूप खिलती गयी, कारवां लंबा होता गया
प्रभात खबर के इस आयोजन के दौरान ज्यों-ज्यों धूप खिलती गयी, कारवां लंबा होता गया. स्थिति यह थी कि एक तरफ सबसे आगे चले रही टोली कोतवाली पहुंच गयी थी, वहीं दो अन्य टीमें घंटाघर के पास कतारबद्ध थी. यानी घंटाघर से कोतवाली तक मानो एक शृंखला बन गयी. यह शृंखला भागलपुर को सुंदर बनाने के संकल्प की एक कड़ी है.

जो नहीं हो सके शामिल, उनके अंदर रह गयी कसक
इस आयोजन में जो लोग किसी कारणवश शामिल नहीं हो सके उनके अंदर एक कसक दिखी. कई माध्यमों से उन्होंने ये कसक जाहिर भी की. काफी लंबे अरसे बाद लोगों के अंदर उस सकारात्मकता को देखा गया जो इस दौर में बेहद जरुरी है.

नशे के खिलाफ अपने घर से आंदोलन छेड़ने की ललक
बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी कानून लागू किये जाने के छह साल बाद आम जनों को नशे के खिलाफ अपने घर से आंदोलन छेड़ने की ललक को दर्शाती यह पदयात्रा कई मायने में अनूठा था. इसमें न कोई जाति-धर्म आड़े आ रहा था, न दलीय विचारधारा. न कोई छोटे थे और न बड़े. सभी बराबर. सबके मन में बस एक ही संकल्प कि नशा को ना कहेंगे और भागलपुर को सुंदर बनायेंगे. बच्चों के हाथों में तख्तयां और लबों पर नारे एक नयी सुबह का आगाज कर रहे थे.

पदयात्रा में सबकी रही भूमिका
इस पदयात्रा में आगे-आगे स्काउट एंड गाइड की ड्रम टीम, उसके पीछे एनसीसी के कैडेट, फिर विभिन्न स्कूल-कॉलेजों के बच्चे, एएनएम, शहर के गण्यमान्य, शिक्षक, चिकित्सक, राजनीतिक दलों के सदस्य, विभिन्न संगठनों व संस्थाओं के सदस्य आदि चले जा रहे थे. जो लोग इसमें किसी कारणवश शामिल नहीं हो सके उनके अंदर उपस्थिति दर्ज ना कराने की कसक दिखी.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan