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पीजी विभागों के पास चॉक-डस्टर तक खरीदने को नहीं हैं पैसे, पिछले दो साल से नहीं मिल रही कंटीजेंसी राशि

टीएमबीयू के पीजी विभागों को दो साल से कंटीजेंसी राशि नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. विभागों के पास चॉक-डस्टर खरीदने के लिए पैसा नहीं है.

भागलपुर. टीएमबीयू के पीजी विभागों को दो साल से कंटीजेंसी राशि नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. विभागों के पास चॉक-डस्टर खरीदने के लिए पैसा नहीं है. विवि से कुछ विभागों को कंटीजेंसी का पिछले बकाया राशि भेजी गयी है, लेकिन अधिकतर विभागों को यह राशि नहीं मिली है.

कई विभागों के हेडों ने नाराजगी जतायी है. विभाग के हेडों ने कहा कि विवि प्रशासन कुछ विभागों को छोड़ बाकी विभाग के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है. नाम नहीं छापने की शर्त पर पीजी के हेडों ने बताया कि उनके विभाग को दो साल से कंटीजेंसी की राशि नहीं मिल पायी है. विभाग के शिक्षक चंदा कर खुद साफ-सफाई कराते हैं.

विभाग के पास पैसा नहीं रहने से सैनिटाइजेशन नहीं कराया जा रहा है. हेडों का आरोप है कि विवि प्रशासन का कुछ पीजी विभागों पर खास नजर है. ऐसे विभाग को समय से कंटीजेंसी की राशि मिल जाती है.

क्या है कंटीजेंसी की राशि: विवि के पूर्व अधिकारी ने बताया कि चॉक-डस्टर, साफ-सफाई, कागज व पठन-पाठन संबंधित सामग्री खरीदने के लिए विवि प्रशासन से हर माह विभाग को राशि प्रदान की जाती है.

पूर्व के कंटीजेंसी के अनुसार साइंस संकाय के विभाग को पांच हजार व आर्ट्स संकाय के विषयों के विभाग को 2700 रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाता था, लेकिन विवि से इस मद में भुगतान नहीं किया जा रहा है.

कंटीजेंसी राशि बढ़ाने में एकरूपता नहीं रखने से नाराजगी

विभागों के हेडों ने कहा कि चार दिन पूर्व में विवि प्रशासन ने कंटीजेंसी की राशि में बढ़ोतरी में एकरूपता नहीं किया. साइंस संकाय के विभागों को 20 हजार व आर्ट्स संकाय के विभागों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह बढ़ाया जायेगा, जबकि आर्ट्स संकाय के इतिहास, हिंदी, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, कॉमर्स आदि विषयों में साइंस की तुलना में सबसे अधिक छात्र-छात्राएं होते हैं.

ऐसे में विभाग में बुनियादी सुविधा की जरूरत सबसे अधिक है. विवि प्रशासन उन विभागाें को नजर अंदाज कर रहा है.

Posted by Ashish Jha

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