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चौबे लड़ सकते हैं बक्सर से चुनाव

भागलपुर: लोजपा के साथ भाजपा के गंठबंधन व सूबे में टिकट वितरण से नाराज भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री अश्विनी कुमार चौबे बक्सर भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं. उनके नाम का औपचारिक एलान हो सकता है. मंगलवार को दिन भर यहां राजनीतिक हलकों में यह चर्चा होती रही. श्री चौबे बक्सर से […]

भागलपुर: लोजपा के साथ भाजपा के गंठबंधन व सूबे में टिकट वितरण से नाराज भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री अश्विनी कुमार चौबे बक्सर भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं. उनके नाम का औपचारिक एलान हो सकता है. मंगलवार को दिन भर यहां राजनीतिक हलकों में यह चर्चा होती रही. श्री चौबे बक्सर से पार्टी के प्रत्याशी होंगे. भाजपा ने अब तक बक्सर, सुपौल और झंझारपुर से अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है. हालांकि पार्टी नेता इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं. श्री चौबे 1995 से लगातार भागलपुर का प्रतिनिधित्व विधानसभा में कर रहे हैं.

श्री चौबे की गिनती प्रदेश भाजपा के कद्दावर नेताओं में होती है. वे कोर कमेटी की सदस्य भी हैं. श्री चौबे लोजपा के साथ गंठबंधन के हिमायती नहीं थे. पूर्णिया में नमो की रैली रैली में भी श्री चौबे ने अपने संबोधन में कहा था कि भाजपा को बिहार में किसी से गंठबंधन करने की जरूरत नहीं है.

उन्होंने भागलपुर के मौजूदा सांसद व पार्टी प्रत्याशी सैयद शाहनवाज हुसैन को किशनगंज या किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ाने का राग भी छेड़ा था. राज्य में टिकट वितरण से नाराज चल रहे चौबे ने अपनी नाराजगी पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के समक्ष भी रखी थी. श्री चौबे ने कहा भी था कि पार्टी अगर चाहेगी तो वे भागलपुर से चुनाव लड़ सकते हैं. मधेपुरा से जदयू के पूर्व नेता विजय कुशवाहा को भी भाजपा प्रत्याशी बनाये जाने से वे नाराज हैं. चौबे ने पूर्व में कहा था कि प्रदेश के कुछ नेता निजी स्वार्थ के खातिर नमो की राह में रोड़ा बिछा रहे हैं.

टिकट वितरण में पार्टी के कार्यकर्ताओं व सामाजिक समीकरणों की अनदेखी की गयी. हालांकि नाराजगी के बाद भी श्री चौबे कहते रहे हैं कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वे कृत संकल्पित हैं. मालूम हो कि पूर्व मंत्रियों गिरिराज सिंह व अश्विनी चौबे की गिनती नमो समर्थक में होती है. भाजपा में बाबा के नाम से मशहूर श्री चौबे ने तीन दिन पहले योग गुरु बाबा रामदेव से मुलाकात की थी. बाबा रामदेव से मुलाकात के बाद पार्टी नेतृत्व हरकत में आया. जानकार सूत्रों का कहना है कि श्री चौबे को बक्सर से चुनाव लड़ने पर पार्टी नेतृत्व ने मना लिया है और शायद वे मान भी गये हैं. बक्सर वाराणसी का सीमावर्ती क्षेत्र है. वाराणसी से खुद नरेन्द्र मोदी भाजपा उम्मीदवार हैं. चुनाव में इसका लाभ भाजपा प्रत्याशी को मिलेगा. बहरहाल औपचारिक एलान के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.

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