जांच. बागबाड़ी बाजार समिति घोटाले में हर दिन हो रहे नये-नये खुलासे
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अपनों ने अनुज को कहा ”दागदार”
जांच. बागबाड़ी बाजार समिति घोटाले में हर दिन हो रहे नये-नये खुलासे भागलपुर हाट बन गया मौखिक निर्देश पर लूट की मंडी भागलपुर : बागबाड़ी बाजार समिति घोटाला के प्रशासनिक जांच की रिपोर्ट में कुमार अनुज के अपनों (अनुमंडल के तीन व एक निजी कर्मी) ने उन्हें दागदार कहा है. उप विकास आयुक्त अमित कुमार […]
भागलपुर हाट बन गया मौखिक निर्देश पर लूट की मंडी
भागलपुर : बागबाड़ी बाजार समिति घोटाला के प्रशासनिक जांच की रिपोर्ट में कुमार अनुज के अपनों (अनुमंडल के तीन व एक निजी कर्मी) ने उन्हें दागदार कहा है. उप विकास आयुक्त अमित कुमार की जांच टीम के सामने अनुमंडल व बाजार समिति के तीनों कर्मियों ने मौखिक निर्देश पर काम कराये जाने का गंभीर आरोप लगाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह मौखिक निर्देश पर भागलपुर हाट को एक तरह से लूट की मंडी बना दी गयी. इसमें अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान संपर्क में आये विक्की चौधरी उर्फ पिंटू चौधरी भी शामिल हो गया. हाट में भोले-भाले दुकानदारों से आवंटन के नाम पर पैसे लिये जाते और कम रुपये की रसीद देकर एक मोटी रकम बॉस के रूप में कुमार अनुज के आवास पर पहुंचा दी जाती.
अपनों ने उगले राज
आरोपित – 1 : राजेश जायसवाल : परती जमीन पर 150 वर्ग फीट की दुकानें बना दी. राजेश जायसवाल ने कहा कि दुकानदारों से 3500 रुपये लिये और उसके बदले 1500 रुपये की रसीद थमायी गयी. आवंटियों से 60 हजार रुपये या उससे अधिक की राशि लिये गये, जिसके एवज में कोई रसीद नहीं दिया. कुमार अनुज के मौखिक निर्देश पर ही किस स्थल पर दुकान या गोदाम आवंटन हो, इसका निर्धारण होता था. कुमार अनुज ने निजी कर्मी के तौर पर विक्की चौधरी उर्फ पिंटू चौधरी के माध्यम से दुकान आवंटन स्थल तय कराया जाता था. पिंटू चौधरी के माध्यम से ही आवंटियों से रसीद के बगैर राशि लेते हुए कुमार अनुज को दिये.
आरोपित – 2 : मुकेश कुमार सिन्हा: दो हिस्से में एक हिस्सा कुमार अनुज लेते थे. लिपिक मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि बाजार समिति से जो भी राशि वसूली जाती थी, वह सीधे कुमार अनुज के गोपनीय आवास पर भेजा जाता था. दुकान से 3500 रुपये के दो हिस्से होते थे, इसमें 1500 रुपये की रसीद दुकानदार को और शेष 2000 रुपये की राशि कुमार अनुज को देते थे.
आरोपित – 3 : नारायण दास : नियम की अनदेखी कर बसाया बाजार. बाजार समिति के परिचारी नारायण दास ने कहा कि बागबाड़ी बसाने में बिहार राज्य कृषि विपणन पर्षद के नियम की अनदेखी करके बाजार बसाया है. बिना सक्षम आदेश के परती पड़ी जमीन पर दुकान को नये सिरे से आवंटन, गोदाम का जीर्णोद्धार, मत्स्य पालन, बोटिंग सौंदर्यीकरण सर्वथा नियम प्रतिकूल है. कई बार वह भी बाजार से वसूल की गयी राशि को कुमार अनुज के घर पर ले गये थे.
आरोपित – 4 : विवेक चौधरी उर्फ पिंटू चौधरी : कुमार अनुज के कहने पर 60 हजार से एक लाख रुपये वसूले. विवेक चौधरी उर्फ पिंटू चौधरी ने कहा कि कुमार अनुज से अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान परिचय हुआ था. कुमार अनुज के कहने पर बाजार में दुकान व गोदाम के नाम पर राशि लेते थे. कई दुकान सह गोदाम आवंटन कराने के नाम पर 60 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये लिये गये. उसकी कोई रसीद आवंटी को नहीं दी. इस तरह कई से वसूले राशि को सीधे कुमार अनुज के घर पर पहुंचा देते थे.
एफआइआर कॉपी अनुलग्नकों के साथ निगरानी कोर्ट को भेजी गयी
बागबाड़ी बाजार समिति प्रांगण में दुकानों के आवंटन में हुए धांधली के बाद पूर्व एसडीएम कुमार अनुज के खिलाफ हुए प्राथमिकी की कॉपी और अनुलग्नकों की काॅपी के साथ निगरानी कोर्ट भेज दी गयी. गुरुवार को जांच शुरू नहीं हो पायी है, आइओ को सिर्फ एफआइआर की कॉपी ही उपलब्ध करायी जा सकी है. उन्हें जांच रिपोर्ट और सीडी नहीं सौंपी गयी है. केस का आइओ डीएसपी मुख्यालय 2 दिनकर प्रसाद सिंह को बनाया गया है. केस की जांच यहीं पर होगी जबकि सुनवाई पटना स्थित निगरानी कोर्ट में होगी. निगरानी कोर्ट द्वारा दिये जाने वाले निर्देश पर आगे और कार्रवाई हो सकती है.
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