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अब शुरू होगा औचक निरीक्षण, कक्षा पर नजर

भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीजी विभागों व कॉलेजों में नियमित कक्षा और विद्यार्थियों की उपस्थिति पर जोर देने की पहल शुरू कर दी है. इसके लिए अधिकारी औचक निरीक्षण करेंगे. निरीक्षण में मिलनेवाली कमी दूर करने की रिपोर्ट करेंगे. पठन-पाठन में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. […]

भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीजी विभागों व कॉलेजों में नियमित कक्षा और विद्यार्थियों की उपस्थिति पर जोर देने की पहल शुरू कर दी है. इसके लिए अधिकारी औचक निरीक्षण करेंगे. निरीक्षण में मिलनेवाली कमी दूर करने की रिपोर्ट करेंगे. पठन-पाठन में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. कुलपति प्रो नलिनी कांत झा ने खुद औचक निरीक्षण करने का मन बनाया है. कुलपति किसी भी वक्त किसी भी कॉलेज में जा सकते हैं. इसके अलावा दो ऑब्जर्वर भी प्रतिनियुक्त किये जायेंगे. उन्हें औचक निरीक्षण करने की जिम्मेवारी सौंपी जायेगी.
ऑब्जर्वर इस तरह करेंगे निरीक्षण : विश्वविद्यालय प्रशासन ने औचक निरीक्षण करने की तैयारी अलग तरीके से की है. ऑब्जर्वर को पहले से यह जानकारी नहीं रहेगी कि उन्हें किस कॉलेज का निरीक्षण करना है.
विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा उन्हें बंद लिफाफे में कॉलेज का नाम और एक फारमेट निरीक्षण के लिए उपयोग में लायी जानेवाली गाड़ी में उपलब्ध करायी जायेगी. वह सीधे अमुक कॉलेज पहुंचेंगे. फॉरमेट में सारे कॉलम भरेंगे और लौटने के बाद रिपोर्ट कुलपति को सौंपेंगे. निरीक्षण में कुलपति छात्रों से बात करेंगे व उनकी समस्या सुनेंगे.
पठन-पाठन पर विशेष ध्यान
कॉलेजों व पीजी विभागों में पठन-पाठन पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. औचक निरीक्षण में अधिकारियों की इस बात पर नजर रहेगी कि निर्धारित रूटीन के अनुसार क्लास हो रही है या नहीं. लैबोरेटरी की भी जांच होगी.
जांचेंगे और क्लास भी लेंगे
कॉलेजों व पीजी विभागों के औचक निरीक्षण की तैयारी कर ली गयी है. मैं भी औचक निरीक्षण करूंगा. शुरू में टीएनबी कॉलेज व पीजी विभाग में एक-एक क्लास लेना है. छात्रों को इससे लाभ मिलेगा.
प्रो नलिनी कांत झा, कुलपति, टीएमबीयू
विधि-विधान के बाद भी नहीं मिला दो करोड़ अनुदान
हर विधि-विधान करने के बावजूद टीएनबी लॉ कॉलेज को दो करोड़ का अनुदान नहीं मिल पाया. टीएनबी लॉ कॉलेज बिहार का इकलौता विधि संस्थान है, जिसे नैक का एक्रिडेशन प्राप्त है. 2016 में ही राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने मूल्यांकन करने के बाद कॉलेज को बी ग्रेड दिया था.
नैक से एक्रिडेशन के बाद शहर के ही बाकी कई कॉलेजों को तो अनुदान मिल गया,लेकिन टीएनबी लॉ कॉलेज अर्से से अनुदान का इंतजार कर रहा है. कई बार चिट्ठी लिखने के बावजूद कोई सुनवायी नहीं तो कॉलेज प्रशासन ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) के वाइस चेयरमैन का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने अनुदान जारी करने का भरोसा दिया है. बी ग्रेड मिलने पर दो करोड़ का अनुदान दिया जाता है.
कॉलेज में बनेगा आॅडिटोरियम, स्मार्ट क्लास का सपना होगा पूरा : रुसा से अनुदान मिलने के बाद कॉलेज में आॅडिटोरियम का निर्माण होगा. इसके अलावा स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत होगी. शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जायेगी. कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल बदलाव होगा. कॉलेज प्रशासन का मानना है मैदान व शिक्षकों की कमी नहीं होती तो ए ग्रेड मिलता.
10 शिक्षकों का पद रिक्त : टीएनबी लॉ कॉलेज शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है. टीएमबीयू में लॉ के तीन ही शिक्षक हैं. इसमें भी दो अगले साल तक रिटायर हो जायेंगे. कॉलेज में करीब 10 शिक्षकों के पद रिक्त हैं. बैच बढ़ाने के लिए कहा जा रहा है. बच्चों को पढ़ायेंगा कौन.
बीसीआइ से एफिलिएशन का इंतजार : बार काउंसिल आॅफ इंडिया (बीसीआइ) से टीएनबी लॉ कॉलेज को एफिलिएशन का इंतजार है. तीन अप्रैल को बीसीआइ की स्टेडिंग काउंसिल की बैठक हुई पर इसमें टीएनबी लॉ कॉलेज का मामला नहीं रखा गया. कमेटी की बैठक में हर बार 25 कॉलेज का मामला रखा जाता है. अगली बैठक तक इंतजार करना होगा.

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