महावीर जयंती . विविध आयोजन आज, अपने प्रतिष्ठान को बंद रखेगा जैन समाज
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जन्म कल्याणक महोत्सव की तैयारी पूरी
महावीर जयंती . विविध आयोजन आज, अपने प्रतिष्ठान को बंद रखेगा जैन समाज भागलपुर : जैन धर्म के अंतिम व 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की 2616वीं जयंती पर रविवार को दिगंबर जैन समाज की ओर से शहर के विभिन्न स्थानों पर विविध आयोजन होगा. भगवान महावीर के जन्म कल्याणक महोत्सव की सारी तैयारी पूरी हो […]
भागलपुर : जैन धर्म के अंतिम व 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की 2616वीं जयंती पर रविवार को दिगंबर जैन समाज की ओर से शहर के विभिन्न स्थानों पर विविध आयोजन होगा. भगवान महावीर के जन्म कल्याणक महोत्सव की सारी तैयारी पूरी हो गयी. शहर में जगह-जगह तोरण द्वार सजाये गये हैं. सभी जैन मंदिरों में भव्य सजावट की गयी है. जैन सिद्धक्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने बताया कि प्रात: छह बजे जैन विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रभात फेरी निकाली जायेगी.
प्रात: आठ बजे कोतवाली चौक स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी. कबीरपुर स्थित दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र में कलाकारों द्वारा रथ को भव्य तरीके से सजाया गया है, जो शोभायात्रा में शामिल होगा. रथ पर भगवान महावीर की अष्टधातु की प्रतिमा विराजमान रहेगी. गाजे-बाजे के साथ रथ पर सवार भगवान महावीर की शोभायात्रा कोतवाली चौक, गोशाला रोड, चुनिहारी टोला, खलीफाबाग चौक, स्टेशन चौक होते हुए वापस मंदिर परिसर पहुंचेगी. 1008 कलश से महामस्तकाभिषेक किया जायेगा. शोभायात्रा में पुरुष श्वेत परिधान में, तो महिलाएं केसरिया परिधान में रहेंगी. शोभायात्रा में श्वेताम्बर समाज भी शोभायात्रा में भागीदारी देगा व विविध आयोजन होगा.
भजन का होगा आयोजन
झुमरी तलैया से नवीन पांडया व चांदनी भगवान महावीर के उपदेशों व जीवन-चरित्र पर आधारित भजन गायेंगे. जैन श्रद्धालु प्रदीप जैन ने बताया कि महावीर जयंती को लेकर जैन समाज के हर लोगों के घर पर स्वास्तिक चिह्न लगा झंडा सजाया गया है. इस त्योहार के लिए जैन समाज के सभी लोग अपने-अपने प्रतिष्ठान को बंद रखेंगे, ताकि सभी एकजुट होकर जयंती का भरपूर लाभ ले सकें. शाम को जैन समाज का सामूहिक प्रसाद कार्यक्रम होगा. इसके लिए किसी के यहां चूल्हा नहीं जलेगा. सुनील जैन ने हर वर्ग, जाति व समाज के लोगों को अहिंसा के पुजारी की जयंती पर शाकाहारी भोजन ग्रहण कर निरामिष दिवस मनाने की अपील की.
सत्य-अहिंसा का दिया संदेश
चंपापुरी उस समय भारत के प्राचीन सांस्कृतिक नगरों में एक था. भगवान ऋषभदेव ने जिन जन पदों की रचना की थी, उसमें अंग भी एक था, जिसकी राजधानी चंपा थी. भगवान महावीर अपने जीवन काल में तीन बार चंपापुरी में रहकर वर्षा ऋतु में चातुर्मास किया था. वयोवृद्ध जानकार मुकुटधारी अग्रवाल बताते हैं कि जैन विद्वान बालभद्र जैन लिखित और भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ कमेटी, मुंबई द्वारा प्रकाशित ग्रंथ भारत के दिगंबर जैन तीर्थ के द्वितीय भाग में भगवान महावीर के चंपा में आने का उल्लेख है. जैन सिद्धक्षेत्र मंत्री सुनील जैन बताते हैं कि भगवान महावीर ने अंग क्षेत्र के चंपानगरी में अपने दीक्षा काल में तीन चतुर्मास व्यतीत किया. केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद उनका उपदेश यहां के सर्व साधारण को प्राप्त हुआ.
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