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वासंतिक नवरात्र कल से

आराधना. नौ दिनों तक गूंजेगा दुर्गा सप्तशती का पाठ शहर के दुर्गाबाड़ी, नाथनगर कर्णगढ़, छोटी दुर्गाचरण स्कूल, मोहनपुर नरगा, वारसलीगंज, मानिकपुर, अलीगंज आदि स्थानों पर पूजा की तैयारी अंतिम चरण में भागलपुर : चैत्र शुक्ल पक्ष बुधवार 29 मार्च को वासंतिक नवरात्र (चैत्र नवरात्र) शुरू हो रहा है. इसे लेकर शहर के दुर्गाबाड़ी, छोटी दुर्गाचरण […]

आराधना. नौ दिनों तक गूंजेगा दुर्गा सप्तशती का पाठ

शहर के दुर्गाबाड़ी, नाथनगर कर्णगढ़, छोटी दुर्गाचरण स्कूल, मोहनपुर नरगा, वारसलीगंज, मानिकपुर, अलीगंज आदि स्थानों पर पूजा की तैयारी अंतिम चरण में
भागलपुर : चैत्र शुक्ल पक्ष बुधवार 29 मार्च को वासंतिक नवरात्र (चैत्र नवरात्र) शुरू हो रहा है. इसे लेकर शहर के दुर्गाबाड़ी, छोटी दुर्गाचरण स्कूल, बूढ़ानाथ मंदिर, मशाकचक स्थित दुर्गाबाड़ी, मानिकपुर, नाथनगर कर्णगढ़, नरगा मोहनपुर, अलीगंज, चौधरीडीह महमदाबाद,खलीफाबाग चौक आदि स्थानों पर पूजा की तैयारी अंतिम चरण में है. इसी दिन हिंदू नववर्ष का उत्सव मनाया जायेगा.
कहीं बांग्ला विधि से तो कहीं वैदिक विधि-विधान से पूजन :
बूढ़ानाथ मंदिर के प्रबंधक बाल्मिकी सिंह ने बताया बूढ़ानाथ मंदिर में प्रात: कलश स्थापित की जायेगी. विश्व कल्याण के लिए रोजाना दुर्गा सप्तशती पाठ किया जायेगा. इसी दिन भारतीय नववर्ष पर रात्रि नौ बजे महाआरती का आयोजन किया जायेगा. दशमी को कलश विसर्जन के साथ ही जयंती धारण किया जायेगा. दुर्गाबाड़ी एवं छोटी दुर्गाचरण स्कूल परिसर में बांग्ला विधि-विधान से पूजा होगी. इसके अलावा अन्य स्थानों पर वैदिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना होगी. दुर्गाबाड़ी के सचिव सुब्रतो मोइत्रा ने बताया कि दुर्गाबाड़ी कमेटी की ओर से तीसरी बार दुर्गाबाड़ी में 29 मार्च को चैती दुर्गा पूजा की पहली पूजा होगी.
यहां पर पूजा का विधि-विधान बांग्ला में होगा. सांस्कृतिक सचिव तरुण घोष ने बताया कि भागलपुर वासंती पूजा कमेटी की ओर से इस बार छोटी दुर्गाचरण स्कूल परिसर में बांग्ला विधि-विधान से पूजा-अर्चना होगी. 29 मार्च को कलश स्थापना के साथ पहली पूजा होगी. पंचमी पूजा पर प्रतिमा को वेदी पर स्थापित की जायेगी. चैत्र नवरात्र पर राणी सती मंदिर में माता जगदंबा स्वरूपा राणी सती दादी व अन्य देवी-देवताओं की महाआरती होगी. इसके बाद कलश स्थापित होगी.
मां का पूजन रामनवमी तक रोजाना सुबह साढ़े सात बजे तक होगा. अष्टमी को फलों का भोग एवं नवमी को 56 व्यंजन का भोग लगाया जायेगा. अलीगंज दुर्गा मंदिर में भी 29 मार्च को कलश स्थापित की जायेगी. पूजा के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया. अध्यक्ष गुल्लो साह ने बताया कि यहां पर अष्टमी, नवमी व दशमी को विशेष आयोजन होगा.
मेला का होगा आयोजन: सीटीएस कर्णगढ़ परिसर में मेला का आयोजन होगा. वहीं मोहनपुर दुर्गा मंदिर परिसर एवं महमदाबाद चौधरीडीह में भी मेला का आयोजन किया जायेगा.
29 मार्च को चैती दुर्गा पूजा की पहली पूजा होगी
आठ दिनों की होगी चैती नवरात्रा : वासंतिक नवरात्र 29 मार्च बुधवार को प्रारंभ हो रहा है. उसी दिन कलश स्थापन होगा. चूंकि प्रतिपदा प्रात: 6:32 बजे तक है और द्वितीया तिथि का क्षय हो गया है, इसलिए पहली पूजा और दूसरी पूजा 29 मार्च को होगी. महाअष्टमी व महानिशा पूजा मंगलवार को, नवमी पांच अप्रैल बुधवार को और विजयादशमी व नवरात्र व्रत का पारण छह अप्रैल को होगा. श्री रामनवमी, रामावतार, सिद्धिदात्री देवी दर्शन व हनुमत ध्वजादान पांच अप्रैल को होगा. इसी दिन विक्रम संवत 2074 एवं कलियुग का 5119 वां वर्ष शुरू होगा.
पांच को रामनवमी: ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा बताते हैं
कि गौरी पूजन ध्वजा रोपण दुर्गा सप्तशती पाठ द्वारा धार्मिक कार्य शुरू हो जायेंगे. 29 को पहली व दूसरी पूजा, 30 को तीसरी, 31 को चार, एक अप्रैल को पांच पूजा, दो अप्रैल को छठी पूजा, तीन अप्रैल को सप्तमी पूजा, चार अप्रैल को महाअष्टमी व निशा पूजा, पांच अप्रैल को महानवमी पूजा सह रामनवमी, हनुमत ध्वजादान,रामावतार, त्रिशूलिनी पूजा एवं छह अप्रैल को विजयादशमी, अपराजिता पूजन, देवी विसर्जन और नवरात्र व्रत का पारण किया जायेगा.
कद्दू भात के साथ चैती छठ 31 से
सूर्य षष्ठी छठ व्रत का नहाय खाय या कद्दू भात 31 मार्च को, एक अप्रैल को चैती छठ खरना, दो अप्रैल को सायंकालीन अर्घ्य और तीन अप्रैल को प्रात:कालीन अर्घ्य दान दिया जायेगा.

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